इन्दौर-दिनांक
29 जून 2016-पुलिस
थाना चंदन नगर पर दिनांक 28.06.2016 को फरियादी अमन सिंह पिता तुलाराम
रघुवंशी निवासी पटेल गली नागदा जिला उज्जैन द्वारा ठगी के शिकार करीब एक दर्जन
युवक-युवतियों के साथ उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई गई कि समाचार पत्रों में नौकरी
हेतु विज्ञापन देखकर फरियादी व अन्य युवकों द्वारा फूटीकोठी स्थित विक्रम एवेन्यू
में संचालित आफिस स्मार्ट वर्क साल्यूशन पर संपर्क किया गया था। जहां पर डायरेक्टर
स्नेहा देशमुख व मेनेजर प्रवेश के द्वारा बीई, एमबीए
व डिप्लोमा आदि की डिग्रीयां वालों के इंटरव्यू लिये गये व सभी छात्रों को अलग-अलग
समय पर संपर्क कर उन्हे देश की जानी मानी कंपनियों में 30,000/-रूपये
प्रतिमाह की नौकरी मिलने संबंधी नियुक्ति पत्र दिये गये। इन सभी से नौकरी के नाम
पर 15-15 हजार रूपये नगद अथवा चेक के माध्यम से ले लिये
गये। इन छात्रो के द्वारा ज्वाईनिंग डेट पर संपर्क किया गया तो स्नेहा देशमुख व
प्रवेश आफिस मे ताला लगाकर गायब हो गये एवं मोबाईल भी बंद करलिये तब छात्रो द्वारा
इस संबंध में थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिस पर धारा 420, 467,
468 ,34 भादवि. के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर विवेचना में
लिया गया।
उक्त प्रकरण में ठगी के शिकार हुए बेरोजगार
छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए, पुलिस
उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रकरण में त्वरित
कार्यवाही कर ठगी करने वालो को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश
के तारतम्य में व पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री डी. कल्याण चक्रवर्ती व अति. पुलिस
अधीक्षक पश्चिम श्री रूपेश कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में, नगर
पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा श्री सुनील कुमार पाटीदार के नेतृत्व में थाना प्रभारी
चंदन नगर श्री योगेश सिंह तोमर व उनकी टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही कर 24
घंटे के पूर्व ही एक महिला व एक पुरूष सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर इनसे एक लाख
नब्बे हजार रूपये बरामद कर लिये गये साथ ही आफिस का तमाम रिकार्ड कम्प्यूटर आदि
जप्त किये गये।
गिरोह की सरगना सिम्मी सन्नी पति आनंद सन्नी
निवासी राम रहीम कालोनी राऊ इंदौर विगत तीन वर्षो से अन्नपूर्णा मंदिर के सामनें
ब्राईट फ्यूचर प्लेसमेंट के नाम से आफिस संचालित कर रही थी, जिसमें
उसका मेनेजरसंतोष पिता रामगोपाल शर्मा निवासी श्रीलक्ष्मीनगर एरोड्रम रोड़ इंदौर भी
कार्यरत था। यहा पर लोगों का भविष्य बताने व तंत्र-मंत्र द्वारा लोगों की समास्या
दूर करने का कार्य किया जाता था, किंतु अधिक पैसा कमाने के लालच में
सिम्मी सन्नी के द्वारा पढे लिखे बेरोजगार युवकों को ठगने की योजना बनाई गई और
सिम्मी सन्नी ने अपना नाम बदलकर स्नेहा देशमुख पति सुरेश देशमुख एवं मेनेजर संतोष
के द्वारा अपना नाम बदलकर प्रवेश रखा गया। स्नेहा देशमुख के नाम से सेंट्रल बैंक आफ
इंडिया में खाता खुलवाया गया जिसमें स्नेहा देशमुख नाम की अन्य महिला की फोटो आईडी
का सहारा लिया गया व उसी महिला के नाम से इन्होने विक्रम एवेन्यू बिल्डिंग में
आफिस किराये से लेकर समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया, जिसे
देखकर पढे-लिखे बेरोजगार युवक-युवतियों द्वारा संपर्क किये जाने पर झासा देकर
दोनों ही आरोपियों द्वारा पहले इनके इंटरव्यू लिये गये व देश की जानी मानी
कंपनियों में 30 हजार रूपये प्रतिमाह की नौकरी मिलने
संबंधी नियुक्ति पत्र दे दिये गये तथा सभी से 15-15
हजार रूपये नगद एवं चेक के माध्यम से प्राप्त किये गये व इतनी ही राशी के एक-एक
चेक सभी उम्मीदवारों को स्नेहादेशमुख द्वारा हस्ताक्षर कर दे दिये गये कि यदि किसी
कारणवश इन्हे नौकरी से निकाल दिया जाता है तो 15
हजार की राशि वह वापस ले सकते है। उम्मीदवारों द्वारा जब संबंधित कंपनियों से
संपर्क किया गया तब इन्हे स्वयं के ठगे जाने का पता चला तब यह लोग स्नेहा देशमुख
के आफिस पहुंचे तो वहा ताला लगा मिला एवं इनके मोबाईल नंबर भी बंद मिले। इसके
उपरांत करीब एक दर्जन युवक-युवतियों द्वारा थाने पर रिपोर्ट किये जाने पर तत्काल
प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। इन्दौर पुलिस द्वारा त्वरित व प्रभावी
कार्यवाही करते हुए प्रकरण में आरोपी सिम्मी अल्फ्रेड सन्नी पति आनंद सन्नी उर्फ
स्नेहा देशमुख पति सुरेश देशमुख निवासी राम रहीम कालोनी राऊ इंदौर तथा संतोष पिता
रामगोपाल शर्मा उर्फ प्रवेश निवासी श्री लक्ष्मीनगर एरोड्रम रोड़ इंदौर को गिरफ्तार
कर लिया गया है, जिनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
उक्त जालसाजों को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकरियों
के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी श्री योगेश सिंह तोमर के नेतृत्व में उनि. श्याम
सुंदर राजपूत, आर पंकज सावरिया, आर.आरिफ
खान तथा आर. विरेन्द्र चौधरी की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही।
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