Thursday, December 10, 2015

कविता रैना हत्याकांड का पर्दाफाश, बुटिक संचालिका का पति ही निकला हत्यारा

           
इन्दौर 09 दिसम्बर 2015-दिनांक 24.08.15 को पुलिस थाना कनाडिया पर कविता पति संजय रैना 31 साल निवासी मित्रबंधु नगर इंदौर के गुम हो जाने पर गुमशुदगी दर्ज की गई। दिनांक 26.08.15 को पुलिस थाना भंवरकुआं क्षैत्र में तीन इमली स्थित पुलिया के नीचे नाले में कचरे के ढ़ेर में एक महिला का शव छह टुकड़ों मे कटी हुई हालत में एक बोरी में भरकर फेका हुआ मिला। इस पर थाना भंवरकुआं पुलिस द्वारा अज्ञात शव को जोड़ा गया तो उसकी शिनाखत थाना कनाड़िया की गुमशुदा महिला कविता पति संजय रैना के रूप में हुई । इस पर पुलिस थाना भंवरकुआं द्वारा अपराध क्रमांक 687/15 धारा 302,201 भादवि का अज्ञात आरोपी के विरूद्व अपराध पंजीबद्ध कर, प्रकरण विवेचना में लिया गया ।
                        उक्त जघन्य हत्याकांड के अज्ञात आरोपी की पतारसी हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच इंदौर तथा थाना भंवरकुआं व अन्य थानों की संयुक्त टीम गठित कर, निर्देशित किया गया।
                        इस जघन्य हत्याकांड के संबध में उक्त टीम द्वारा कई संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई जिनमें से कुल 177 मुखय संदिग्ध व्यक्तियों कों चिन्हित कर उनसे सघन पूछताछ की गई। कविता रैना मुखय रूप से बड़नगर (ग्राम कुलावदा) जिला उज्जैन की रहने वाली थी, अतः उसके परिवार , रिश्तेदारों एवं पति संजय रैना को भी संदिग्ध मानकर टीम द्वारा पूछताछ की गई । इसी कड़ी में महेश पिता शंभूनाथ 32 साल निवासी आलोक नगर मूसाखेड़ी इंदौर पर अधिक शंका होने पर उसके संबध में कई साक्ष्य एवं जानकारी लेकर तथा तकनीकी कार्यवाही की गई । उक्त कार्यवाही पर से कविता रैना हत्याकांड का चौकाने वाला खुलासा हुआ ।


                        संदिग्ध महेश की पत्नी मीनाबाई वैभव नगर में किराये से दुकान लेकर महिलाओं के कपड़े की सिलाई का काम करती थी, दुकान पर मीनाबाई के पति महेश का आना-जाना था । महेश आस-पास की कालोनियों से कपड़े सिलवाने आने वाली महिलाओं पर नजर रखता था कि उन महिलाओं को किसी प्रकार से अपने चंगुल में फंसाकर उन्हें ब्लेक-मेल कर उनसे कैसे पैसा कमाया जाये। इसी उद्देश्य से उसने दिनांक 20.08.15 को वैभव नगर में अपनी पत्नी मीनाबाई की दुकान के सामने एक साड़ी ब्लाउज की दुकान खोलने हेतु एक दुकान किराये पर लेकर अपना स्वयं का व्यापार शुरूकर दिया था । कविता रैना के द्वारा अपना एक सूट सिलने के लिये मीनाबाई को दिया था जिसे लेने के सिलसिले में वह कई बार मीनाबाई की दुकान पर गई थी। कविता द्वारा कई बार दुकान पर आने-जाने के दौरान मीनाबाई का पति महेश उस पर भी अपने उक्त उद्देश्य को पूरा करने हेतु नजर रखने लगा था । दिनांक 24.08.15 को कविता द्वारा दुकान पर अपना सूट लेने आने पर महेश द्वारा कविता रैना को उसकी पत्नी मीनाबाई का अपनी बुटिक की दुकान पर नहीं आना बताया और कहा कि आपके सूट में इंटरलॉकिंग का काम बाकी है और आपका सूट घर पर रखा है मेरे यहां इंटरलॉकिंग की मशीन नहीं है इंटरलॉकिंग मशीन मेरे दोस्त के यहां मेरे घर के पास में ही है आप वहां पर फिटिंग देखकर बता देना तो सूट कंप्लीट कर दूंगा। महेश ने कविता को कहा कि मैंने अपनी अलग से साड़ी ब्लाउज की नयी दुकान खोली है आपको साड़ियां व ब्लाउज लेना हो तो आप देख लो तो कविता ने महेश की नई दुकान पर साडियां देखी तो उसे कोई भी साडी पसंद नहीं आयी। महेश ने कविता से कहा कि आप तो मेरे साथ आई.डी.ए. कालोनी में मेरे दोस्त के घर पर चलो वहां पर इंटरलॉकिंग मशीन पर काम करके आपका सूट दे दूंगा । चूंकि राखी का त्यौहार नजदीक था इसलिये महेश द्वारा सूट उसी दिन देने का कहने पर कविता, महेश के साथ आई.डी.ए. कालोनी गई। आई.डी.ए. कालोनी में महेश  अपने दोस्त के किराये के मकान पर कविता को लेकर मकान के अंदर गया और अपने उक्त उद्देश्य की पूर्ति के चलते महेश द्वारा इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देकर कविता के शव के टुकड़ों को बोरी में रखकर, उसी के दो पहिया वाहन मे रखा और शव की बोरी को तीन इमली स्थित पुलिया के नीचे नाले में फेंक दिया। इसके बाद महेश, कविता का दो पहिया वाहन लेकर नवलखा बस स्टेंड गया और वहां पर कविता का वाहन इस उद्देश्य से रखा दिया कि पुलिस व लोगों की नजर में यह आये कि कविता अपना दो पहिया वाहन बस स्टेंड पर रखकर कहीं बाहर चली गई है। लेकिन आरोपी पुलिस की नजरो से बच न सका।


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