Thursday, July 9, 2015

मुम्बई में फरारी काट रहा हत्या का आरोपी क्राईम ब्रांच की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 09 जुलाई 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा पैरोल अवधि से फरार तथा लम्बे समय से फरार अपराधियों की गिरफ्‌तारी हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत क्राईम ब्रांच को पैरोल से फरार 7 वें आरोपी को पकड़ने में  सफलता प्राप्त हुई है।
                उक्त फरार हत्यारे का नाम नितेश पिता राधेश्याम यादव निवासी भगतसिंह नगर थाना बाणगंगा इंदौर है। वर्ष 2005 में नितेश का दोस्त वीरेन्द्र पिता गुरूप्रसाद, जो कि अपने मोहल्ले की एक लड़की से एक तरफा प्रेम करता था, उसी लड़की को आतीश कुशवाह ने छींटाकशी कर दी थी, यह बात वीरेन्द्र को बिल्कुल अच्छी नहीं लगी। यह बात वीरेन्द्र ने अपने दोस्तों नीतेश यादव, बन्टी छविलाल, जितेन्द्र वरदीचंद, गोपाल शिवराज सिंह, पिन्टू उर्फ मनीष, अंगद एवं राजू बाबूलाल को बताई, जिस पर सभी ने संगनमत होकर आतीश को कुशवाह नगर क्षेत्र मे उसे घेरकर, धारदार हथियारों से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। घटना पर पुलिस थाना बाणगंगा पर अप. क्रं 296/05 धारा 302, 147, 148, 149 भादवि का प्रकरण पंजीबद्धकर आरोपियों को गिरफ्‌तार कर प्रकरण माननीय न्यायालय में पेश किया गया था।
                प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया था तथा आरोपियों को सेन्ट्रल जेल इन्दौर में भेजा गया था। फरार हत्यारा नीतेश करीब 6 साल की सजा काट चुका है, इसको चार बार पैरोल पर छोड़ा गया था। वर्ष 2011 में 5वीं बार पैरोल पर छूटने पर आरोपी नीतेश फरार हो गया था, जिस पर सेन्ट्रल जेल द्वारा पुलिस थाना एमजी रोड़ पर इसके विरूद्ध अप. कं्रं 460/11 पंजीबद्ध कराया गया था।
                उक्त फरार आरोपी नीतेश की गिरफ्‌तारी हेतु क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम को निर्देशित किया गया। टीम द्वारा इसके परिवार के बारें में जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि, परिवार में नीतेश के अतिरिक्त दो भाई व एक बहन है। वर्ष 2013 में आरोपी नीतेश के पिता राधेश्याम यादव जो टेलीफोन विभाग में कार्यरत थे, उनका निधन हो गया था। पिता के निधन पर भी आरोपी नीतेश इन्दौर नहीं आया। ऐसी स्थिति में परिवार से संपर्क नहीं होने पर पुलिस टीम के लिये आरोपी नीतेश की पतारसी और भी चुनौतीपूर्ण हो गई थी। टीम द्वारा सूचना तंत्र कोविकसित कर आरोपी के बारें में पतारसी की गई तो ज्ञात हुआ कि उक्त आरोपी नीतेश मुंबई में किसी कैसिनों पर काम कर रहा है।
                उक्त सूचना पर पुलिस की टीम को मुंबई रवाना किया गया, जहां पर टीम द्वारा आरोपी की सघन तलाशी की गई वहां पर वीडियों पार्लर एवं कैसिनो पर कार्य कर रहे व्यक्तियों से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि मध्य प्रदेश का एक लड़का जो लगभग 32 साल का है, मुलुण्ड के वीडियों पार्लर पर कार्य कर रहा था, जो अब पवई के किसी वीडियों कैसिनों पर काम
कर रहा है। टीम के एक सदस्य को कैसिनों पर ग्राहक बनाकर भेजा गया, तो वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखने पर एक व्यक्ति नीतेश के हुलिये का मिला। क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा उसे घेरकर हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने अपना नाम नीतेश पिता राधेश्याम यादव निवासी 10 भगतसिंह नगर इन्दौर स्वीकार किया। फरार आरोपी से पूछताछ करने पर बताया कि पैरोल अवधि से फरार होकर वह इटारसी होते हुए मुलुण्ड गया, वहां प्रारंभ में सफाई एवं चौकीदारी का काम एक कैसिनों में किया। उसके बाद मुंबई में कैसिनों व्यापार में काम करने लगा। उक्त आजीवन कारावास के आरोपी ने अपने कोछुपाये रखने की लाख कोशिश की, लेकिन क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम ने पुनः उसे जेल में पहुचाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
                उक्त आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।


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