Monday, July 27, 2015

16 वर्ष से फरार, हत्या के अपराध का गैर जमानती वारंटी पुलिस थाना पंढरीनाथ द्वारा गिरफ्‌तार, अपना नाम बदलकर और पहचान छुपा के अपने ही घर मे रह रहा था



इन्दौर-दिनांक 27 जुलाई 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देश के तारतम्य में इन्दौर पुलिस द्वारा की जा रही स्थाई एवं फरार वांरटीयों की धरपकड़ की कार्यवाहीं के अन्तर्गत पुलिस थाना पंढरीनाथ द्वारा आज दिनांक 16.07.15 को करीब 16 वर्षो से हत्या के अपराध का फरार गैर जमानती वारंटी ताडू उर्फ तारु उर्फ शत्रुघन पिता विदेशीलाल (38) निवसी 84, रामदास पटेल की चाल थाना बाणगंगा इन्दौर को गिरफ्तार करने मे महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
            उक्त आरोपी पुलिस थाना पंढरीनाथ के अपराध क्रमांक 192/97 धारा 302, 34, 120-बी भादवि तथा 25 आर्म्स एक्ट के अपराध में वर्ष 1998-99 से जमानत के बाद से फरार हो गया था। आरोपी के पेशी पर उपस्थित नही होने से माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 20.11.1999 को स्थाई वारंट जारी किया गया। उक्त आरोपी की तलाश पुलिस थाना पंढरीनाथ  द्वारा लगातार की जा रही थी, परन्तु स्थाई वारंटी का कोई पता नही चल रहा था। वारंटी की तलाशहेतु वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पंढरीनाथ श्री संजू कामले द्वारा एक टीम गठित की गई। टीम द्वारा स्थाई वारंटी की बारीकी से जांच पडताल की गई इसके परिवार एवं रिस्तेदारों से ताडू उर्फ तारु के बारे मे पूछताछ करते बताये कि विदेशीलाल के तीन लडके और पांच लड़किया है। जिनमें से एक लडके की 16-17 वर्ष पहले मृत्यू होना बताया तथा एक लडका शत्रुघन जो कि पटेल मोटर्स भवरकुँआ क्षेत्र मे पेटिंग का काम करता है और एक लड़का अभिनेश सब्जी बेचने का काम करता है। ताडू उर्फ तारु के बारे मे कोई जानकारी नही होना बताया। पुलिस टीम द्वारा बारीकी से पूछताछ की गई तो पता चला कि शत्रुघन किसी मामले मे जेल मे बंद था, तो टीम द्वारा शत्रुघन पिता विदेशीलाल से हिकमतअमली से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि मेरा भाई ताडू उर्फ तारु का कोई पता नही है पीथमपुर मे कहीं मजदूरी करता है घर पर कभी नही आया है चाहो तो मेरी बहनों से पूछताछ कर लो।
पुलिस टीम द्वारा आज दिनांक 27/07/15 को शत्रघन पिता विदेशीलाल को साथ लेकर उसके जीजा हुकुमचंद उर्फ मल्लू पेंटर निवासी भाटखेडी रायल रेसीडेंसी महू मे ले जाकर तस्दीक करते हुकुमचंद के द्वारा बतायागया कि मेरा बडा साडू तुलसीराम पिता गुड्ड चौधरी निवासी गुजर खेडा महू के घर ले चलो सारी जानकारी मालूम पड़ जायेगी। फिर टीम द्वारा हुकुमचंद को भी साथ लेकर गुजर खेडा तुलसीराम के घर पहुंचे जहां पर ताडू उर्फ तारू के बारे मे बारीकी से अलग अलग पूछताछ करते हुकुमचंद और तुलसीराम के द्वारा शत्रुघन को ही ताडू उर्फ तारू होना बताया गया, जो 16-17 साल पहले मर्डर केस मे बंद हुआ था। आरोपी ताडू उर्फ तारू को किसी दोस्तों या साथियों के द्वारा जमानत दिलवाई थी,  जो बाद मे पेशी पर नही गया और इधर-उधर फरारी काटी बाद मे अपना नाम शत्रघन रखकर घर मे ही रह रहा है इसे ताडू उर्फ तारु के नाम से कोई नही जानता है।
आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि में ही मर्डर के केस मे जिला जेल मे 6 माह बंद रहा, उसके बाद सेन्ट्रल जेल मे रहा, उसके बाद मुझे जमानत मिलने पर कुछ महीनों तक भोपाल मे इधर उधर रहा, फिर नाम बदलकर अपने ही परिवार के साथ रामदास पटेल की चाल मे रहने लगा। बहुत बार पुलिस घर पर आयी लेकिन नाम बदलने से मैं बचता रहा था। इसके साथीगण इसी प्रकरण मे आजीवन कारावास की सजा काट रहे और ये नाम बदलकर आरामसे रह रहा था। फरारी के दौरान इसने शादी भी कर ली और इसके दो बच्चे भी हैं।
उक्त वारंटी को गिरफ्‌तार करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पंढरीनाथ के नेतृत्व में उनि के.सी. डांगी, प्रआर. 2743 गजेन्द्रसिंह, प्रआर. 2729 भागवत, प्रआर 2180 रणसिंह तथा आर.2332 मुन्नालाल महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।

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