इन्दौर-दिनांक 24 जनवरी 2015-पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री आबिद खान ने बताया कि थाना सांवेर अन्तर्गत ग्राम कठोदा निवासी नरेन्द्र राजपूत का करीब दो वर्ष पूर्व अंधे कत्ल करने वालों का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सांवेर पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
करीब दो वर्ष पूर्व दिनांक 17.01.2013 को थाना सांवेर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कठोदा में दो अज्ञात आरोपियों द्वारा नरेन्द्र सिंह राजपूत की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के पुत्र मिथुन राजपूत द्वारा उक्त हत्या की रिपोर्ट आरोपीगणों इन्दौर निवासी विनय व संजू के विरूद्ध लिखाई थी, जिस पर थाने पर अप.क्रं 33/2013 धारा 302,34 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया, लेकिन इन दो नामों के आरोपीगणों के बारें में कोई जानकारी नहीं मिलीं।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर श्री राकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री आबिद खान के निर्देशन में एसडीओपी सांवेर श्री आर.के. सिंह के नेतृत्व में थाना प्रभारी सांवेर उमराव सिंह व थाना प्रभारी हातोद सेवाराम उच्चारिया एवं सांवेर थाने क स्टाफ की टीम बनाई गई। पुलिस अधीक्षक पश्चिम ने प्रत्येक आरोपी की गिरफ्तारी पर दो-दो हजार रूपयें के ईनाम की उदघोषणा भी की गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टीम द्वारा प्रकरण की बारिकी से जॉंच की गई तो यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2012 में किठोदा में मृतक नरेन्द्रसिंह राजपूत और चंदाबाई जायसवाल के बीच अवैध शराब बेचने को लेकर विवाद चल रहा था, जिसमें मलखानसिंह, चंदाबाई का पक्ष लेता था, जबकि अनोखी पंडित का पक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत लेता था। इसी विवाद को लेकर दिनांक 17.06.12 को अनोखी पंडित ने मलखानसिंह पर हमला कर मारपीट कर दिया था, जिससे उसे गंभीर चोट आई थी। जब मलखान सिंह ठीक हुआ तो चंदाबाई ने उसे कहा कि नरेन्द्रसिंह तुम्हे जान से खत्म करना चाहता है, तब मलखानसिंह ने चंदाबाई के साथ मिलकर नरेन्द्रसिंह राजपूत का कत्ल करने का षड़यंत्र रच, चंदन नगर के गुंडे शरीफ शाह व सुनील मराठा को पांच लाख रूपयें की सुपारी दी थी।
शरीफ शाह व सुनील मराठा ने योजना बनाकर, मृतक नरेन्द्रसिंह राजपूत से अपने नाम विनय व संजू बताकर,जमीन खरीदने के बहाने दोस्ती की और लगातार दो महीने तक जमीन को सौदो के संबंध में मृतक नरेन्द्र के घर आते जाते रहे। घटना के तीन दिन पूर्व आरोपीगणों सुनील मराठा व शरीफ ने साकेत नगर इंदौर से एक डच् 09.डब्.9500 नम्बर की पल्सर मोटर सायकल चोरी कर उसका नम्बर डच् 09.डब्.0905 बदलकर मौका पाकर नरेन्द्रसिंह राजपूत के खेत में पिस्टल से उसकी हत्या कर, भाग गये व उक्त पल्सर मोटर सायकल गाड़ी अड्डा इंदौर में छोड़कर फरार हो गये थे।
घटना का खुलासा होने पर पुलिस टीम द्वारा आरोपीगण मलखानसिंह राजपूत, शरीफ शाह व चंदाबाई जायसवाल को गिरफ्तार कर, हत्या में प्रयुक्त पिस्टल व तीन राउंड जप्त कर लिये है, हत्या का एक आरोपी सुनील मराठा चूंकि थाना चंदन नगर के लूट के केस में पूर्व से जेल में निरूद्ध है, प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी माननीय न्यायालय के माध्यम से की जा रही है। आरोपीगण शरीफ शाह व सुनील मराठा लिस्टेड गुंडे है व उनके विरूद्ध विभिन्न थानों पर कई अपराध पंजीबद्ध है।
इस संपूर्ण कार्यवाहीं में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी सांवेर उमरावसिंह, थाना प्रभारी हातोद सेवाराम उच्चारिया, थाना सांवेर के उनिगणावा, सउनि कमलेश मिश्रा, प्रआर. चमकोरसिंह, आर. ज्ञानेन्द्रसिंह, आर. निलेश पाल, आर. उमेश, आर. अविनाश तथा आर. विजय यादव का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
करीब दो वर्ष पूर्व दिनांक 17.01.2013 को थाना सांवेर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कठोदा में दो अज्ञात आरोपियों द्वारा नरेन्द्र सिंह राजपूत की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के पुत्र मिथुन राजपूत द्वारा उक्त हत्या की रिपोर्ट आरोपीगणों इन्दौर निवासी विनय व संजू के विरूद्ध लिखाई थी, जिस पर थाने पर अप.क्रं 33/2013 धारा 302,34 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया, लेकिन इन दो नामों के आरोपीगणों के बारें में कोई जानकारी नहीं मिलीं।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर श्री राकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री आबिद खान के निर्देशन में एसडीओपी सांवेर श्री आर.के. सिंह के नेतृत्व में थाना प्रभारी सांवेर उमराव सिंह व थाना प्रभारी हातोद सेवाराम उच्चारिया एवं सांवेर थाने क स्टाफ की टीम बनाई गई। पुलिस अधीक्षक पश्चिम ने प्रत्येक आरोपी की गिरफ्तारी पर दो-दो हजार रूपयें के ईनाम की उदघोषणा भी की गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टीम द्वारा प्रकरण की बारिकी से जॉंच की गई तो यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2012 में किठोदा में मृतक नरेन्द्रसिंह राजपूत और चंदाबाई जायसवाल के बीच अवैध शराब बेचने को लेकर विवाद चल रहा था, जिसमें मलखानसिंह, चंदाबाई का पक्ष लेता था, जबकि अनोखी पंडित का पक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत लेता था। इसी विवाद को लेकर दिनांक 17.06.12 को अनोखी पंडित ने मलखानसिंह पर हमला कर मारपीट कर दिया था, जिससे उसे गंभीर चोट आई थी। जब मलखान सिंह ठीक हुआ तो चंदाबाई ने उसे कहा कि नरेन्द्रसिंह तुम्हे जान से खत्म करना चाहता है, तब मलखानसिंह ने चंदाबाई के साथ मिलकर नरेन्द्रसिंह राजपूत का कत्ल करने का षड़यंत्र रच, चंदन नगर के गुंडे शरीफ शाह व सुनील मराठा को पांच लाख रूपयें की सुपारी दी थी।
शरीफ शाह व सुनील मराठा ने योजना बनाकर, मृतक नरेन्द्रसिंह राजपूत से अपने नाम विनय व संजू बताकर,जमीन खरीदने के बहाने दोस्ती की और लगातार दो महीने तक जमीन को सौदो के संबंध में मृतक नरेन्द्र के घर आते जाते रहे। घटना के तीन दिन पूर्व आरोपीगणों सुनील मराठा व शरीफ ने साकेत नगर इंदौर से एक डच् 09.डब्.9500 नम्बर की पल्सर मोटर सायकल चोरी कर उसका नम्बर डच् 09.डब्.0905 बदलकर मौका पाकर नरेन्द्रसिंह राजपूत के खेत में पिस्टल से उसकी हत्या कर, भाग गये व उक्त पल्सर मोटर सायकल गाड़ी अड्डा इंदौर में छोड़कर फरार हो गये थे।
घटना का खुलासा होने पर पुलिस टीम द्वारा आरोपीगण मलखानसिंह राजपूत, शरीफ शाह व चंदाबाई जायसवाल को गिरफ्तार कर, हत्या में प्रयुक्त पिस्टल व तीन राउंड जप्त कर लिये है, हत्या का एक आरोपी सुनील मराठा चूंकि थाना चंदन नगर के लूट के केस में पूर्व से जेल में निरूद्ध है, प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी माननीय न्यायालय के माध्यम से की जा रही है। आरोपीगण शरीफ शाह व सुनील मराठा लिस्टेड गुंडे है व उनके विरूद्ध विभिन्न थानों पर कई अपराध पंजीबद्ध है।
इस संपूर्ण कार्यवाहीं में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी सांवेर उमरावसिंह, थाना प्रभारी हातोद सेवाराम उच्चारिया, थाना सांवेर के उनिगणावा, सउनि कमलेश मिश्रा, प्रआर. चमकोरसिंह, आर. ज्ञानेन्द्रसिंह, आर. निलेश पाल, आर. उमेश, आर. अविनाश तथा आर. विजय यादव का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
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