Monday, October 27, 2014

चचेरा भाई ही निकला हत्यारा-देवेन्द्र यादव के अन्धे कत्ल का पर्दाफाश, चारो आरोपी गिरफ्‌तार

इन्दौर-दिनांक 27 अक्टूबर 2014-उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री राकेश गुप्ता ने बताया कि खजराना थाना क्षैत्रान्तर्गत न्याय नगर में दि. 09.06.2014 को प्रापर्टी ब्रोकर विशाल यादव के चचेरे भाई देवेन्द्र यादव की अज्ञात हमलावरो द्वारा गोली मारकर व चाकूओ से गोदकर की गई निर्मम हत्या का पर्दाफाश करने में पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। मृतक देवेन्द्र यादव का चचेरा भाई एवं प्रापर्टी ब्रोकर विशाल यादव का छोटा भाई विनीत यादव एवं उसके साथी ही निकलें हत्यारें। सभी आरोंपी पुलिस हिरासत में, घटना मे प्रयुक्त वाहन ,मोबाईल फोन व सिम बरामद कर ली गई है।
        दिनांक 9.6.2014 को न्याय नगर जसपाल ढाबा के पास देवेन्द्र यादव पिता अशोक यादव निवासी-स्कीम नंबर 78, इन्दौर की अज्ञात बदमाशो द्वारा गोली मारकर एवं चाकूओ से गोदकर हत्या कर दी गई थी। साढे चार महिने व्यतीत होने के उपरान्त भी आरोपियो का कोई सुराग नही मिल पा रहा था, साथ ही हत्या किस कारण से की गई है, उसका भी पता नहीं लग पा रहा था। मृतक देवेन्द्र यादव प्रापर्टी ब्रोकर विशाल यादव निवासी नेहरु नगर का चचेरा भाई था, तथा हर वक्त विशाल के साथ ही रहता था, विशाल यादव के पूर्व के कई लोगो से विवाद थें तथा विशाल यादव की अघोषित सम्पित्त भी काफी थी इन्ही बिन्दुओ पर विवेचना मुखयत केन्द्रीत थी, साथ ही साथ देवेन्द्र यादव के प्रेम सम्बन्धो, पूर्व के विवाद आदि पर भी विवेचना की जा रही थी, लेकिन कोई सफलता नही मिली थी। चूँकि विशाल यादव की कुछ माह पूर्व उसके घर नेहरु नगर में उसके ड्रायवर वसीम से मृतक देवेन्द्र यादव की उपस्थिति में दुर्घटना वश गोली चलने से मृत्यु हो गई थी, उस बिन्दु को भी इस घटना से जोड़कर विवेचना की जा रही थी। साथ ही एम आर-10 स्थित घटना स्थल के पास स्टार कैब के सी सी टी वी के फूटेज के आधार पर जिसमें मृतक अपनी स्वय की मोटर सायकल पर उसके पीछे बैठे हुए लड़के के साथ घटना स्थल तरफ जाता दिखता है तथा एक अन्य मोटर सायकल पर घटना के पूर्व दो अज्ञात व्यक्ति घटना स्थल के नजदीक इंतजार करते दिखते है उक्त फूटेज के हुलिये के आधार पर भी विस्तृत विवेंचना की गई। इसी के साथ सेन्ट्रल जेल में बन्द वसीम से भी मुलाकात कर पारिवारिक विवादों की जानकारी भी प्राप्त की गई साथ ही सी सी टी वी फूटेज केआधार पर संदिग्ध आरोपीगणों से मिलते -जुलते हुलिये के समस्त गुण्डे बदमाशों से पूछताछ एवं चर्चा की गई लेकिन गुत्थी उलझती ही गई। सम्पूर्ण ज्ञात मोबाईल नंबरो का भी मिलान किया गया लेकिन परिणाम शून्य ही रहे। तभी अचानक कुछ सूत्र हाथ लगें जिस पर पुलिस उप महानिरीक्षक महोदय शहर इन्दौर श्री राकेश गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक इन्दौर (पूर्व) श्री ओ.पी.त्रिपाठी एवं उनकी टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (पूर्व) श्री राजेश सहाय ,नगर पुलिस अधीक्षक विजयनगर श्री के.के. शर्मा द्वारा खजराना थाना प्रभारी सी.बी.सिह को निर्देशित किया गया ।
          थाना प्रभारी खजराना की टीम द्वारा विशाल यादव के होस्टलों को संभालने वाले अंकित व्यास पर सतत नजर रखी गई। इसी बीच मुखबिर द्वारा पता चला कि अंकित तथा विशाल यादव के भाई विनीत द्वारा घटना के पश्चात कुछ लड़को को चार लाख रुपयें दिये गये है इसी आधार पर  अंकित व्यास से सघन पूछताछ करने पर अंकित ने बताया कि वह विनीत के साथ कलेक्टर आफिस गया था जहाँ पर उसने विशाल काले जो विशाल यादव का दोस्त है तथा गुण्डा भय्यू मराठा का भतीजा है उसे 4 लाख रुपये दिये ह।ै विशाल काले को मै पहचानता हूं वहअक्सर विशाल यादव के घर आता था तथा वह अपराधिक प्रवृत्ति का है। इसी आधार पर विशाल काले पिता अरुण काले को पकडकर पूछताछ की गई। इसमे विशाल काले ने बताया कि विशाल यादव की गोली लगने से मृत्यु के बाद उसके तेहरवे पर विनीत यादव ने उसे बुलाकर बोला था कि विशाल यादव दुर्घटनावश मृत्यु नही हुई है बल्कि उसके  चचेरे भाई देवेन्द्र और वसीम ने मिलकर हत्या की है इनसे बदला लेना है तुम विशाल के अच्छे दोस्त हो इस काम मे मेरी मदद करो, इस पर विशाल काले ने विनीत को कुछ दिन रुकने का कहा और बोला कि वह कुछ लड़को का इंतजाम करता हूं, तुम काम कैसे करना है यह बताओ। उसके बाद विशाल काले ने शंकर पिता सुखलाल ठाकुर नि 104विधा पैलेस थाना भंवरकुआ इन्दौर तथा विजय पिता बालकिशन कौशल नि इन्दिरा नगर थाना मल्हारगंज इन्दौर को इस काम के लिये तैयार कर विनीत से मुलाकात करवाई तथा काम करने के लिये 4 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। पूरी योजना विनीत ने बनाई तथा बोला एक-दो दिन मे किसी को देवेन्द्र के साथ बहाने से जसपाल ढाबे के पास भेजेगा। इसी योजना के तहत विनीत अपनी आई 20कार से हमे लेकर जसपाल ढाबे के पास ले गया वहस्थान बताया जहा वह देवेन्द्र को भिजवायेगा साथ ही हत्यारो को यह भी बताया कि देवेन्द्र अपनी मोटर सायकल जिसका नंबर 2200 होगा या सफेद एक्टिवा पर आयेगा। इसी षढयंत्र के तहत दिनांक     09.06.2014 को विनीत ने अपरान्ह 4.00 बजे के करीब अपने आफिस ब्वाय अर्जुन पिता दिलीप चौहान (20) निवासी-राजनगर को देवेन्द्र के साथ प्लाट दिखाने के बहाने से भेजा साथ ही किराये के हत्यारो शंकर व विजय को पिस्टल व चाकू  उपलब्ध कराये जाकर जसपाल ढाबे के पास देवेन्द्र यादव की हत्या करने भेजा था । 
          इस सम्बन्ध मे अर्जुन चौहान से पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना दिनांक को विनीत यादव ने उसे फोन कर कहा था, कि देवेन्द्र आफिस आयेगा उसको साथ लेकर एम आर-10 जसपाल ढाबे के पास प्लाट दिखाने चले जाना। घटना दिनांक 9.6.2014 को अर्जुन चौहान मृतक देवेन्द्र के साथ जसपाल ढाबे के घटना स्थल पर देवेन्द्र की मोटर सायकल से  गये तो वहां पर पहले से घात लगाकर बैठे हत्यारो शंकर तथा विजय ने देवेन्द्र यादव गोली मारकर व चाकूओ से गोदकर निर्मम हत्या कर दी थी। चूँकि उक्त जघन्य अंधे कत्ल का पर्दाफाश हो चुका है तथा इस हत्याकांड का मास्टरमाईन्ड कोई और नही बल्कि मृतकदेवेन्द्र यादव का चचेरा भाई विनीत यादव ही निकला। जब विनीत यादव से पूछताछ की गई तो उसने देवेन्द्र की हत्या करवाना कबूल कर लिया तथा अपने भाई विशाल यादव की हत्या का बदला लेने के लिये विशाल काले के माध्यम से किराये के शूटर भैय्यू मराठा के साथियो विजय व शंकर को 4 लाख रुपये देकर देवेन्द्र यादव की हत्या करवाई है।
इस हत्याकांड का पर्दाफाश होने पर आरोपीगणो 1.विनीत पिता दिलीप यादव उम्र 32 साल नि 16/1नेहरु नगर एम आई जी इन्दौर 2.,विशाल पिता अरुण काले उम्र 34साल नि 690सुदामा नगर सेक्टर ए  थाना अन्नपूर्णा इन्दौर  3.शंकर पिता सुखलाल सिह ठाकुर उम्र 34साल नि 104 विधा पैलेस थाना भंवरकुआ इन्दौर 4.विजय पिता बालकिशन कौशल उम्र 19साल नि 306,इऩ्द्रानगर थाना मल्हारगंज इन्दौर को हिरासत मे लिया गया व घटना मे प्रयुक्त  मोटर सायकल पल्सर MP 09 QE 9214 तथा मोबाईल व सिम भी बरामद की गई है ।
      इस अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देद्गान में थाना प्रभारी खजराना सी.बी.सिह, उप निरी श्याम किशोर त्रिपाठी, उनि आर एस ठाकुर, सउनि राकेश चौहान, प्रआर.2833 नरेन्द्र, आर.1525 प्रदीप, आर.3530 पंकज, आर.540 शैलेन्द्र,आर.3487 अमित, आर.2173सुरेश, आर.3018 महेश, आर.3171 मनोज वर्मा तथा आर 3087 प्रवीण पंवार का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा ।


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