इन्दौर-दिनांक 10 अक्टूबर 2014-अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुखयालय इन्दौर श्री राजेश सिंह ने बताया कि माननीय मुखयमंत्री महोदय द्वारा आम जन हेतु प्रारम्भ की गई सीएम हेल्पलाईन सुविधा के अंतर्गत आवेदक मधुसुदन रंगनाथ कर्निक निवासी, म.न. 792 राजीव आवास विहार, स्कीम नम्बर 114 पार्ट 1 द्वारा सीएम हेल्पलाईन में शकायत दिनांक 24.09.2014 को दर्ज कराई गई जिसमें उन्होने बताया कि सत्यम् शवम् सुन्दरम् कंपनी से दिनांक 17.11.1981 में प्लाट क्रमांक 13,14 अपनी पत्नी के नाम से बुक किये थे जिसके लिए उनके द्वारा प्रतिमाह 100, 200 रूपये जमा किये जाते थे। आवेदक द्वारा अपनी शकायत में लेख किया गया है कि कंपनी के मालिक के. डी. नेमा द्वारा उसे न तो प्लॉट दिया और न ही उसके पैसे वापस किये। उक्त घटना की शकायत आवेदक द्वारा राज्य आर्थिक अपराध तथा जनसुनवाई में भी की थी। दिनांक 24.09.2014 सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से द्गिाकायत प्राप्त होने के पश्चात् थाना प्रभारी खुडैल के माध्यम से जांच करवाई गई दौराने शकायत जांच नेमावार रोड पर बडिया कीमा स्थित भूमि का अवलोकन किया गया जहां पाया गया कि सत्यम् द्गिावम् सुन्दरम् कंपनी की करीब 14 बीघा जमीन है जिसकी देख रेख एवं सुरक्षा हेतु तत्समय सुंदरलाल चौकीदार को 2400 रूपये प्रतिमाह के वेतन पर रखा गया। चौकीदार सुंदरलाल को प्रारम्भ में वेतन दिया गया कुछ समय पश्चात् से उसे भी वेतन प्राप्त होना बंद हो गया। चौकीदार द्वारा अपने भरण पोषण एवं जमीन की सुरक्षा हेतु संबंधित जमीन पर ही खेती कर रहा है। चौकीदार को भी यह मालूम नही है कि वर्तमन में के.डी.नीमा कहां है। आवेदक भी विगत् 20 वर्षो से के.डी.नीमा को तलाद्गा रहा था परन्तु वह उसे नही मिला।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुखयालय राजेश कुमार सिंह द्वारा दिनांक 07.10.2014 को शकायत की समीक्षा की गई जिसमें आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन करते कंपनी का पता 139 नेताजी सुभाष मार्ग, शास्त्री कालोनी इन्दौर ज्ञात हुआ। समीक्षा उपरांत जांचकर्ता अधिकारी को निर्देशत किया गया कि उक्त स्थल की सूक्ष्मता से तस्दीक की जावे तथा कंपनी के मालिक के.डी. नीमा का पता किया जावे। जिस हेतु उप निरीक्षक एस.एस. सोलंकी को भेजा गया जहां से ज्ञात हुआ कि करीब 20 वर्ष पहले सत्यम् द्गिावम् सुन्दरम् कंपनी के कार्यालय को के.डी. नीमा के परिवारवालों द्वारा खाली कर दिया गया है। शास्त्री कालोनी से अन्य बिन्दुओं पर जांच करते ज्ञात हुआ कि उक्त कंपनी का वर्तमान में एम.जी.रोड स्थित राजानी भवन में कार्यालय है। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा राजानी भवन जाकर नीमा परिवार के सदस्यों से चर्चा की गई जिसमें ज्ञात हुआ की अनावेदक के.डी.नीमा की करीब 20 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है एवं उनके पुत्र भरत नीमा से पूछताछ की गई जिसमें भरत नीमा द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा कई लोगों को उनके द्वारा जमा पैसा वापस कर दिया गया है एवं मधुसुदन के विषय में उसको जानकारी नही होने के कारण वह इनका पैसा नही लौटा पाया। मधुसुदन के विषय में जानकारी प्राप्त होने पर भरत नीमा द्वारा मधुसुदन को जमा पैसा ब्याज सहित लौटा दी है। इस प्रकार लगभग 24 वर्षो बाद आवेदक को उसका पैसा ब्याज सहित प्राप्त हुआ जिससे वह संतुष्ट है।
इस प्रकार पुलिस द्वारा पिछले कई वर्षो से परेशlन व्यक्ति की समस्या का समाधान किया गया।
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