Tuesday, May 13, 2014

फर्जी रूप से पटवारी की शासकीय नौकरी प्राप्त करने का प्रयास करने वाले आरोपियों को 10 वर्ष की सजा

इन्दौर -दिनांक 13 मई 2014- जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री बी.जी. शर्मा ने बताया कि माननीय श्री प्रदीप मित्तल साहब पंचम अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 231/12 में निर्णय पारित करते हुये प्रकरण के आरोपी 1. अरूण पिता नरसिंह चौहान निवासी 102 कालानी नगर इंदौर एवं 2. वंदना पिता रतिलाल उम्र 38 वर्ष निवासी 892 एलआईजी सेकंड स्कीम नं. 71 इंदौर को धारा 420 भादवि में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रूपयें के अर्थदंड से धारा 467,468,471 भादवि के गुरूत्तर अपराध 467 में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 01/08/11 को अपर कलेक्टर इंदौर द्वारा लेखी आवेदन थाना रावजी बाजार को प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 07/0़9/08 को आयोजित पटवारी चयन परीक्षा में आरोपी अरूण व वंदना सम्मिलित हुये थे, जो मेरिट लिस्ट के अनुसार चयन होने पर प्रशिक्षण पर भेजे जाने हेतु प्रमाण पत्रों की जांच हेतु दोनो आरोपियों को बुलवाया गया था, जिन्होने बरकतुल्लाविश्वविद्यालय भोपाल का कम्प्यूटर प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये। कम्प्यूटर प्रमाण पत्र जांच हेतु संबंधित विश्वविद्यालय भेजे गये जो फर्जी होना पाये गये। जांच के पूर्व दोनों आरोपीगण द्वारा खरगोन प्रशिक्षण विद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया, डिप्लोमा के दोनों प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर कलेक्टर भू अभिलेख द्वारा इनका चयन निरस्त कर निष्कासित कर दिया था।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री आर.एस. चावड़ा अतिरिक्त लोक अभियोजन इंदौर द्वारा की गयी।

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