इन्दौर -दिनांक 13 अप्रेल 2014- क्राईम प्रिवेन्शन एजुकेशन एवं ट्रेफिक अवेरनेस प्रोग्राम के तहत जब पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर जोन श्री विपिन माहेश्वरी, पुलिस अधीक्षक पूर्व जिला इन्दौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पूर्व जोन-1 श्री राजेश सहाय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, यातायात सुश्री अंजना तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात श्री विक्रम सिंह रघुवंशी एवं अरविन्द तिवारी वेकटेशर इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन रोड इन्दौर में 400 बच्चों से रूबरू हुये तो बच्चों द्वारा बडे गंभीर विषयों पर पुलिस अधिकारियों से प्रश्न किये गये । पुलिस अधिकारियों द्वारा न केवल बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया गया अपितु बच्चों को यह भी बताया कि वे कैसे पुलिस की मदद कर सकते है साथ ही अपनी हिफाजत भी कर सकते है । बच्चों द्वारा पूछे गये मुखय प्रश्न निम्नानुसार है :-
प्रश्न क्र. 1 क्या पीसीआर वेन के लिये कोई पृथक नियम होते है ?
उत्तर नही सभी वाहन चालकों के लिये समान नियम है, जिनका पालन करना वाहन चालक का नैतिक दायित्व होता है, यदि आपको किसी से शिकायत है तो आप उनके फोटो खिचंकर हमेंभेज सकते है, यदि किसी शासकीय कर्मचारी द्वारा भी यातायात नियमों का पालन नही किया जा रहा है तो उसके विरुद्ध भी चालानी कार्यवाही की जायेगी ।
प्रश्न क्र. 2 प्रायः देखने में आता है रोड पर चलने वाले सिटी वेन/मैजिक में ओव्हर लोडिंग होती है उन वाहनों की स्थिति भी अच्छी नही होती तो इनका फिटनेस कैसा हो जाता है ?
उत्तर लोक परिवहनों के फिटनेस जारी करने हेतु अलग से आरटीओ विभाग है जिनके द्वारा वाहनों को फिटनेस दिया जाता है । इसके उपरान्त भी यातायात पुलिस द्वारा समय-समय पर चैकिंग के दौरान ऐसे वाहनों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जाकर आरटीओ को फिटनेस निरस्तीकरण हेतु लिखा जाता है वर्तमान में लगभग 60 ऐसे वाहनों के फिटनेस निरस्तीकरण हेतु पत्राचार किया गया है ।
प्रश्न क्र. 3 पुलिस विभाग में आरक्षक का वेतन कम क्यों होता है ? विभाग वेलफेयर के लिये क्या-क्या करता है ?
उत्तर किसी भी शासकीय कर्मचारी का वेतन निर्धारण करना शासन का कार्य होता है, लेकिन विभाग द्वारा समय-समय पर हेल्थ कैम्प एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है ।
प्रश्न क्र. 4 पलासिया थाने पर साईबरक्राईम युनिट है और वह भी सप्ताह में 5 दिन काम करती है जबकि साईबर क्राईम लगातार बढ रहें है।
उत्तर पलासिया थाने पर स्थित साईबर क्राईम युनिट पुलिस मुखयालय से संचालित होती है, जिस पर पूर्णतः नियंत्रण पुलिस मुखयालय का होता है, वे शिकायतें प्राप्त कर पुलिस मुखयालय भिजवातें है, जिसके उपरान्त उन पर कार्यवाही होती है । इसके अतिरिक्त जिला इन्दौर स्तर पर भी अपराध शाखा में साईबर अपराधों की पतारसी हेतु पृथक से टीम कार्यरत है, कोई भी अपनी शिकायत इस शाखा में दर्ज करवा सकता है। पुलिस को आप शिकायतें ई-मेल आदि से भी भेज सकते है ।
प्रश्न क्र. 5 पुलिस की उपस्थिति में भी अपराध हो जाते है तो भी पुलिस कार्यवाही क्यों नही करती है ?
उत्तर ऐसा नही होता है किन्तु यदि ऐसा होता है तो ऐसे दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाती है ।
प्रश्न क्र. 6 रिश्वत लेने वालों पर क्या कार्यवाही होती है ?
उत्तर रिश्वत लेना एवं देना दोनो अपराध है, विभाग में इसके लिये बडे कठोर नियम है, कई बार ऐसे कर्मचारियों को सेवा से पृथक भी कर दिया जाता है।
इसके उपरान्त सर्वश्रैष्ठ प्रश्न पुछने वाले अमित वर्मा,शिवानी पुरूस्कृत किया । छात्रा स्वास्ती शास्त्री द्वारा बोले गये अंतिम संवाद को उपस्थित सभी गणमान्यजन द्वारा सराहा गया उनके द्वारा अपील की गई कि भारत सरकार की सभी विभागों में से पुलिस एक ऐसा विभाग है जिसके पास संसाधनों एवं बल की कमी होने के बावजूद काफी कठिन परिस्थितियों में कार्य करती है हमें अच्छे नागरिक होने का दायित्व निभाना चाहियें एवं पुलिस द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्यो को सराहना की जाना चाहियें ।
उप पुलिस अधीक्षक, यातायात विक्रम रघुवंशी ने इन्दौर पुलिस द्वारा चलाई जा रही सिटीजन कॉप एप्लीकेशन के बारें में विस्तृत परिचय देते हुये बताया कि यह एप्लीकेशन किस प्रकार आपकी सहायता कर सकती है, विपरीत परिस्थितियों में किस प्रकार आप तत्काल पुलिस से संपर्क कर सकते है इसके अलावा किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों की सुचना आप किस प्रकार पुलिस को दे सकते है ।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया । इस दौरान कॉलेज के शिक्षक श्री पवन पाटीदार एवं अंशुमन निमाडे द्वारा बताया कि वे सिविल इंजीनियर है और वे इन्दौर के चौराहों का भ्रमण कर चौराहों पर लगे सिग्नलों के टाईमर के निर्धारण में तकनीकी रूप से सहयोग करना चाहते है जिसे तत्काल पुलिस महानिरीक्षक, श्री माहेश्वरी द्वारा मंजूर करते हुये कहां कि आप कल से समय दें सकते है ।
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