इन्दौर -दिनांक 12 अप्रेल 2014- पुलिस अधीक्षक मुखयालय, इंदौर श्री अनिल शर्मा ने बताया कि, पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर श्री विपिन माहेद्गवरी, उप पुलिस महानिरीक्षक-शहर श्री राकेश गुप्ता एवं उन्होने, लोकसभा चुनाव के दौरान इंदौर शहर में गंभीर अपराधो पर नियंत्रण रखने के लिए द्गाहर में अवैध हथियारों की खरीद फरोखत एवं अवैध हथियार रखने वालो की धरपकड हेतु क्राईम ब्रांच के अति. पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सोनी को निर्देशित किया गया था।
अति. पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सोनी द्वारा इस कार्य हेतु उप पुलिस अधीक्षक श्री सलीम खान की टीम को लगाया गया था। उपरोक्त निर्देद्गाों के अनुसार टीम प्रभारी सउनि. ओमप्रकाद्गा तिवारी की टीम को दिनांक 10.04.14 को पकडे गए आरोपी सूरज उर्फ भाऊ उर्फ गु्डिया द्वारा बताए गए आरोपी जीतू उर्फ जितेन्द्र को पकडने के लिए लगाया गया था। आरोपी भाऊ ने बताया था कि मैं वह कट्टे जीतू उर्फ जितेन्द्र से खरीदकर बेचता था। मुखबिर की सूचना पर जीतू के घर 26, आलापुरा जूनी इंदौर पर दबीद्गा दी गई जहांॅ पर जीतू मिला जिससे पूछताछ की गई उसने अपने दोस्त सूरज उर्फभाऊ उर्फ गु्डिया को पिस्टल व देद्गाी कट्टा बेचना बताया और उसने अपने घर पर एक 12 बोर का कट्टा व दो जिंदा 12 बोर के कारतूस होना बताया जिसे मौके से जब्त किया गया।
आरोपी जीतू उर्फ जितेन्द्र पूर्व में थाना एम.जी.रोड, संयोगितागंज एवं राजेन्द्र नगर में अवैध हथियार को बेचने व खरीदन के मामले में बंद हो चुका है। आरोपी से जानकारी प्राप्त की गई तो उसने देद्गाी कट्टा व पिस्टल सीकलीगर जयेद्गा उर्फ वीर सिंह नि. धामनोद एवं तूफान सिंह नि. सिगनुर से खरीदना बताया है। आरोपी द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है कि सादा कट्टा 3500/- रूपए में एवं पिस्टल 8000/- रूपए में खरीदकर, कट्टा 5 से 10 हजार के बीच, पिस्टल 10 से 15 हजार रूपए में बेच दिया करता था। सभी पिस्टल, कट्टे लेनदेन का कारोबार मोबाईल से होता है। आरोपी द्वारा अवैध हथियार बनाने वालो के बारे में भी जानकारीयांॅ दी गई है कि इनके द्वारा दी गई सूचना के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाद्गा सरगर्मी से सिंगुर एवं धामनोद में की जा रही है।
इस कार्यवाही में अपराध शाखा के सउनि. ओमप्रकाद्गा तिवारी, सउनि ब्रिजेन्द्र जाट, प्र.आर. विजय सिंह चौहान, रविन्द्र सिंह कुद्गावाह, आर.योगेन्द्र सिंह चौहान, महेन्द्र सिंह, बलवन्त इंगले, सुनील सिंह बिसेन एवं थाना छोटी ग्वालटोली के सउनि. प्रेम सिंह टैगोर, की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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