Thursday, March 13, 2014

क्राईम प्रिवेन्शन एज्युकेशन प्रोग्राम







इन्दौर -दिनांक 13 मार्च 2014- क्राईम प्रिवेन्शन एज्युकेशन प्रोग्राम का आयोजन प्रातः 11 बजे से 01.30 बजे तक स्थानीय मेडीकेप्स कॉलेज में किया गया । इस प्रोग्राम में इंदौर जोन के पुलिस महानिरीक्षक श्री विपिन माहेश्वरी,पुलिस उप महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता,पुलिस अधीक्षक पश्चम क्षेत्र श्री आबिद खान,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महू श्री अरविंद तिवारी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात सुश्री अंजना तिवारी,उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री विजय पंवार,श्री गोविन्द रावत,श्री अरविंद तिवारी,एवं श्री विक्रमसिंह रधुवंशी, मेडीकेप्स कॉलेज के चेयरमेन श्री मित्तल, वाईस चेयरमेन श्री अग्रवाल, चीफ एज्युकिटिव डायरेक्टर डॉ. शमशेर सिंह, सहित कॉलेज के लगभग 700 बच्चों की उपस्थिति रही । 
        कॉलेज में बच्चों व्दारा बड़े ही बेबाक तरीके से महिला उत्पीड़न से सम्बधित अपराधों एवं सामान्य अपराधों की रोकथाम के सम्बन्ध में पुलिस एवं प्रशासनिक कार्यवाही के सम्बन्ध में कई रोचक प्रश्न किये गये ।
         कॉलेज के बच्चों व्दारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर पुलिस महानिरीक्षक श्री विपिन माहेश्वरी एवं पुलिस उप-महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता व्दारा बहुत ही सहजता से दिये गये । वर्तमान में अपराधों की रोकथाम में आधुनिक संसाधानों के माध्यम से की जाने वाली पुलिस एवं प्रशासनिक के माध्यम कार्यवाही की जानकारी देकर इन संसाधानों का उपयोग कर स्वयं अपनी सुरक्षा तथा समाज की सुरक्षा सम्बन्धी कार्यवाही के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी । 
प्रश्नः- विगत 8 वर्षो से एम.पी. अपराधों में सबसे टॉप पर है,इसमें सिटीजन कॉप एप्लीकेद्गान किस प्रकार से मदद करेगी । 
उत्तरः-सिटीजन कॉप एप्लीकेशन के मदद से आप अपराधों की तत्काल शिकायत कर पुलिस मदद प्राप्त की जा सकती है । इसी प्रकार पुलिस कन्ट्रोलरूम के 100 नम्बर एवं महिलाओं हेतु 1090 टोल फ्री नम्बर पर सूचना देकर शिकायत एवं पुलिस कार्यवाही प्राप्त की जा सकती है ।  
प्रश्नः- उपनगरीय बस बहुत स्पीड में चलती है, जिससे कई बार दुर्घटनाएं भी होती है ।
उत्तरः-विशेष रूप से उपनगरीय बसों तथा अन्य यात्री बस वाहनों के विरूध्द ओव्हर स्पीड पर कार्यवाही हेतु हाल में यातायात पुलिस के पास स्पीड राडार यंत्र के माध्यम से लगातार चालानी कार्यवाही की जा रही है इसके अतिरिक्त गति को नियंत्रित करने हेतु आरटीओ इन्दौर द्वारा स्पीड गवर्नर भी लगवाये जाते है ।प्रश्नः- सी.सी.टीवी.कैमरे की रिकॉर्डिग पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है ? 
उत्तरः-अपराधों की रोकथाम में सी.सी.टी.वी.की अहम भूमिका है। कई अपराधों की पतारसी सी.सी.टी.वी. केमरे के माध्यम से प्राप्त किये चित्रों के आधार पर की गयी है ।
प्रश्नः- रहवासी क्षेत्र में एवं उनके आस-पास कई शराब की दुकाने अभी भी लगी है,जहॉ आपराधिक तत्वों का जमावड़ा रहता है, ऐसी दुकानों को शहरी सीमा से बाहर क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तरः-शासन की स्कीम के तहत ऐसे स्थानों पर शराब की दुकानों का आवंटन होने से इनको हटाने हेतु पुलिस कार्यवाही तो नहीं की जा सकती है,लेकिन ऐसे स्थानों पर लगभग प्रत्येक क्षेत्र में आस-पास पुलिस चौकी अथवा पी.सी.आर.वेन के माध्यम से लगातार पेट्रोंलिंग कर इन असामाजिक तत्वों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है । 
प्रश्नः- पुलिस में भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की जाती है ?
उत्तरः-पुलिस में भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए सम्बधित दोषी पुलिस कर्मचारियों के विरूध्द विभागीय जॉच की कार्यवाही कर जॉच में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त एवं अन्य कठोर विभागीयदण्डात्मक कार्यवाही के प्रावधान है ।  इंदौर पुलिस में प्रत्येक वर्ष लगभग 20 कर्मचारियों/अधिकारियों को जांच में दोषी पायें जाने पर बर्खास्त किया है इसके अलावा अन्य सजा जैसे वेतनवृध्दि रोकना,पदोन्नती रोक देना,वेतनवृध्दि से अवनत करना ऐसे विभागीय कठोर दण्डात्मक कार्यवाही के माध्यम से दोषी कर्म./अधिकारियों पर नियन्त्रण किया जाता है।  
       अन्त में पुलिस महानिरीक्षक श्री माहेश्वरी व्दारा बताया कि अपराधों की रोकथाम में आप हमारे साथ जुड सकते है प्रत्येक कॉलेज में 25-50 की संखया में एक ग्रुप तैयार किया जाकर उनका एक एक नोडल ऑफिसर बनाये जायेगें,जो पुलिस सहयोगी के रूप में अपराध की रोकथाम तथा अपराधियों पर कार्यवाही में सहयोग प्राप्त किया जावेगा । 
  उत्कृष्ट सवाल पूछने वाले प्रथम तीन बच्चों को पुरस्कृत किया गया ।

No comments:

Post a Comment