Saturday, February 22, 2014

फर्जी जमानतदार गिरोह, फर्जी ऋण पुस्तिकाओं, सील मुद्रा व अन्य सामग्री सहित गिरफ्तार

इन्दौर -दिनांक 22 फरवरी 2014- एम.जी.रोड़ पुलिस को न्यायालय में फर्जी जमानतदारों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता मिली हैं जिसमें पुलिस द्वारा दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कूट रचित कुल 35 ऋण पुस्तिकायें 218 न्यायालय में आरोपियों की फर्जी तरीके से जमानत कराने के दस्तावेज व तहसीलदार उज्जैन की सील मुद्रा जप्त की गयी है। आरोपी दुर्गाप्रसाद पिता बैजलाल निवासी प्रेस्टीज कॉलेज कंपाउंड विजय नगर इंदौर की प्रकरण क्रं. 5822/13 में जमानतदार मनमोहन पिता बीरबल जाटव निवासी ग्राम चापला खेड़ी तहसील देवास जिला देवास के द्वारा न्यायालय योगेन्द्र कुमार त्यागी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के न्यायालय में 25000 की जमानत दी गयी थी। आरोपी द्वारा प्रस्तुत ऋण पुस्तिका न्यायालय को फर्जी लगने के कारण से उक्त ऋण पुस्तिका की पुलिस द्वारा तहसीलदार देवास से जांच करायी गयी जहॉ आरोपी की उक्त ऋण पुस्तिका को जारी करना बताया गया था, जांच पर तहसीलदार देवास द्वारा उक्त ऋण पुस्तिका क्रं. जे 014799 की जांच करने पर यह ऋण पुस्तिका की उक्त सीरीज तहसील देवास को प्राप्त नही होना व न ही वहॉ से जारी होना पाया गया। इस प्रकारजमानतदार मनमोहन द्वारा प्रस्तुत ऋण पुस्तिका क्रं. 014799 फर्जी होने के कारण जमानतदार मनमोहन के विरूद्व थाना एमजी रोड़ पर अपराध क्रं. 184/13 दिनांक 26.04.13 धारा 205,420,467,468,471 भादवि का पंजीबद्व किया गया। जिसमें आरोपी फर्जी जमानतदार मनमोहन लंबे समय से फरार चल रहा था। 
 जिसको दिनांक 20/02/14 को गिरफ्तार कर विश्वास में लेकर पूछताछ करने पर उसने न्यायालय में आरोपियों की फर्जी जमानत कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया और इस कार्य में ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराने वाले गिरोह के सरगना राजू उर्फ राजेश पिता मोतीसिंह ठाकुर निवासी 114 सुदामानगर बालाराम कॉलोनी उज्जैन थाना देवास गेट को गिरफ्तार कर उसके पास पास से भारी मात्रा में फर्जी जमानत के दस्तावेज, ऋण पुस्तिकायें, न्यायालय व तहसील की सील मुद्राये, सील पेड, स्टेपलर, कैची आदि बरामद किये गये है। जिसमें उक्त फर्जी जमानत के गिरोह के सरगना राजेश द्वारा ऋण पुस्तिका व जमानतदार बदल-बदल कर पिछले 6 माह में जिला उज्जैन व इंदौर के न्यायालयों में करीब 248 आरोपियों की फर्जी तरीके से जमानत करायी है। 
        उक्त गिरोह का सरगना फर्जी कूट रचित ऋण पुस्तिकायें तैयार कर उन पर गिरोह केफोटो चस्पा कर जमानत कराता था तथा जमानत के पश्चात्‌ ऋण पुस्तिका के जिन पन्नों पर न्यायालय जमानत का आदेश कराता था, उसको निकाल कर पुनः उसी अनुक्रमांक के पृष्ठ को लगा कर दूसरे प्रकरण में जमानतें कराता था। आरोपी के इस कार्य में कुछ वकील व दलाल भी संलिप्त है जो इस कार्य में फर्जी जमानत कराने में सहयोग करते थे। पुलिस को ऐसे सभी वकील, दलाल व फर्जी जमानत कराने वाले लोगो की आरोपियों से जानकारी ली जाकर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। आरोपियों के द्वारा कहॉ से सील व ऋण पुस्तिकायें तैयार की जाती थी आदि की जानकारी लेकर कार्यवाही की जा रही है। जिन प्रकरणों में उज्जैन न्यायालय में उक्त गिरोह द्वारा फर्जी तरीके से न्यायालय से जमानत करायी गयी है, उन प्रकरणों की संबंधित न्यायालय को जानकारी भेजी जाकर गिरोह पर प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है। पकड़े गये आरोपियों के पास से मिली ऋण पुस्तिकाओं के जमानतदारों पर भी कार्यवाही की जा रही है।

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