इन्दौर -दिनांक 06 अक्टूबर 2013- पुलिस अधीक्षक पश्चिम/देहात श्री अनिल सिंह कुशवाह ने बताया कि दिनांक 25.09.13 को प्रतिदिन की तरह ग्राम कदवाली बुजुर्ग हाईस्कूल के चपरासी संतोष खाती को स्कूल खोलने पर स्कूल के पास से काफी बदबू आई तो उसने ईधर उधर घूमकर देखा तो नाले किनारे एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पडी मिली जिसका चेहरा पहचानने मे नही आ रहा था जिसपर ग्राम कदवाली के चौकीदार नाथूलाल ने चौकी मांगलिया पर सूचना दी जिसपर पुलिस द्वारा कार्यवाही कर मृतक की शिनाखत हरनाथ पिता उमरावजी हरिजन उम्र 45 साल नि.डीएलएफ काकड मांगलिया के रूप मे हुई । मृतक हरनाथ के हाथ मे एवं पेन्ट पर आटा लगा हुआ था तब प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मृतक हरनाथ किसी के घर मे बुरी नियत से घुसा हो ओर रोटी बना रही किसी महिला के साथ छेडछाड हरकत की हो और उसी समय हाथ और कपडो पर आटा लग गया हो । पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से विवेचना की तो पाया कि मृतक शराब पीने का आदि था लेकिन शराब के नशे मे किसी महिला से छेडछाड करने की कोई शिकायत नही थी विवेचना दौरान यह पता चला कि मृतक हरनाथ पडौस मे रहने वाले जायसवाल परिवार के घर दो बार शराब के नशे मे दारू मांगने के लिये गया था, जब जायसवाल परिवार से पूछताछ की तो मृतक हरनाथ मरने से दो दिन पूर्व जायसवाल परिवार के घर जाना बताया गया एवं जायसवाल परिवार के सदस्य जहां काम करते है वहा से भी उनके घटना दिनांक को एवं अगले दिन काम करने की तस्दीक की तो वह काम पर जाना पाया गया।
विवेचना के दौरान यह भी पता चला कि मृतक हरनाथ की पत्नि का करीब डेढ वर्ष पूर्व निधन हो गया था तभी से वह स्वयं अपने एवं अपने लडको के लिये खाना बनाता था एवं विवेचना मे यह भी पता चला कि मृतक का बडा पुत्र गोविंद उसके साथ ही रहता था एवं मंझला लडका अरूण सोयाबिन कटाई करने डहेरिया साहू ,हाटपिपल्या चला गया था एवं छोटा लडका आनंद उसकी नानी के घर मांगलिया मे रहता था। घर मे सिर्फ मृतक हरनाथ व बडा पुत्र गोविंद था तथा यह पता चला कि शराब पिने के बाद मृतक हरनाथ एवं गोविंद के बिच अक्सर विवाद होता रहता था तथा मृतक के गुम होने के पांच छः दिन तक उसके पुत्र गोविंद द्वारा थाना पर कोई रिपोर्ट नही की थी एवं मृतक की शिनाखत के समय उसके पुत्र गोविंद द्वारा आनाकानी कर पहले तो पहचानने से इंकार किया लेकिन फिर जब उसके दाहिने हाथ की कलाई पर नाम दिखाया तब पहचान किया इससे मृतक का पुत्र गोविंद संदेह के दायरे मे होने से पूछताछ किया जिसने पहले तो हरनाथ की हत्या करने से इंकार किया।
पुनः पूछताछ की तब गोविंद ने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार कर बताया कि दिनांक 20.09.13 की रात करीब 10-11 बजे वह घर मे पलंग पर लेटा हुआ था तथा मृतक हरनाथ शराब के नद्गो मे आटे के पुतले बनाकर कुछ तंत्र मंत्र करने लगा और अचानक से एक लकडी का बेंत उठाकर गोविंद की ओर मारने को लपका जिसपर गोविंद ओर मृतक हरनाथ मे आपस मे झुमाझटकी होने लगी ओर गोविंद को लगने लगा कि उसका पिता हरनाथ उसकी बलि चढाना चाहता है तब आरोपी गोविंद ने हरनाथ को पलंग पर पटककर उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी व लाश को बिस्तर पेटी की आढ मे रखकर उसे एक ओढने की चदर से ढक दिया ओर अगले दिन शव को अपने दोस्त कालू उर्फ कालिया की मदद से उसकी मो.सा. हिरो होण्डा स्पलेण्डर एम.पी.-09/जे.एक्स/4907 से ले जाकर करीब 04 कि.मी.दूर ग्राम कदवाली बुजुर्ग हाई स्कूल की बगल मे नाले किनारे फेंक दिया। आरोपी द्वारा मृतक हरनाथ की चप्पलो को नाले किनारे फेंक दिया एवं मृतक को जिस चदर से ढका था उसे घर मे रख दिया था जो कि आरोपी के बताने पर डण्डा, चादर, उसके घर से एवं मृतक की चप्पलो को घटनास्थल नाले किनारे एवं कालू उर्फ कालिया की मो.सा. उसके घर से जप्त कर ली गई। आरोपी गोविंद पिता हरनाथ हरिजन (22) नि.डीएलएफ कांकड व कालू उर्फ कालिया पिता गोविंद हरिजन (22) नि. बाल्या खेडा कांकड को गिरफतार किया गया ।
थाना क्षिप्रा के उक्त अंधेकत्ल का पर्दाफाश श्रीमान पुुलिस अधीक्षक महोदय, पश्चिम क्षेत्र श्री अनिल सिंह कुशवाह के निर्देशन मे एवं श्रीमान अति.पुलिस अधीक्षक महोदय ,मुखयालय श्री राजेश सिंह, श्रीमान एस.डी.ओ.पी. महोदय सांवेर के मार्गदशन मे थाना प्रभारी क्षिप्रा एस.एस.मुकाती, उनि. के. आर. पाण्डेय, उनि. एस. एस. वास्कले, सउनि. डी. आर. सेमिया, आर. दशरथ, संजय तिवारी, सुनील पटेल, ब्रजेश तथा सैनिक उमेश पटेल का सराहनीय योगदान रहा।
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