Saturday, September 28, 2013

विष्णू केवट अपहरण कांड का पर्दाफाश

इन्दौर -दिनांक 28 सितंबर 2013- पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर रेंज शहर श्री राकेश गुप्ता ने बताया कि दिनांक 13/05/2013 को विष्णू केवट पिता घनश्याम केवट अपने घर से करीबन 08.30 बजे निकला था जो देर रात तक वापस नही आया काफी ढूढने के बाद उसकी पत्नी संजू बाई ने दिनांक 14/05/2013 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी किन्तू बाद में फिरौती के लिये फोन आने पर थाना हीरानगर पर अपराध क्रं. 240/13 धारा 365 भादवि का प्रकरण पंजीबद्व कर दिनांक 25/05/13 को विवेचना में लिया गया। आरोपी अज्ञात द्वारा अपहृत व्यक्ति विष्णू के मोबाईल फोन का इस्तेमाल कर फिरौती की रकम शहर के विभिन्न जगहों पर लेने की बात की गयी थी। जिसमें इंदौर रेल्वे स्टेशन, लक्ष्मी बाई नगर, देवास आदि स्थानों पर फिरौती की रकम 15 लाख रूपयें लेकर बुलाया था। पुलिस महानिरीक्षक इंदौर रेंज इंदौर श्री विपिन माहेश्वरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक इंदौर (पूर्वी क्षैत्र) श्री ओ. पी. त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्वी क्षैत्र जोन-1 श्री आबिद खान तथा नगर पुलिस अधीक्षक श्री अजय जैन के मार्गदर्शन में टीआई संजयवर्मा अपनी टीम के साथ सादी वर्दी में लगातार पूरे संदंर्भ पर नजर बनाये हुये थे, किन्तु आरोपी भी पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे हुये था, अंततः उसने मोबाईल फोन का इस्तेमाल करना बंद कर दिया तथा शहर के उन एसटीडी पीसीओं से जहॉ पर केबिन होते थे, कोई वृद्वजन या महिला होती थी उन एसटीडी, पीसीओं का प्रयोग कर फिरौती वसूलने का प्रयास करता रहा। 
अंततः आरोपी ने दोपहर में बाणगंगा स्थित पीसीओं से फोन कर फरियादीया से फिरौती की बात की तथा जगह निर्धारण हेतु शाम को फोन करने का कहा। टीआई श्री संजय वर्मा व फरियादी तथा आरक्षक राजेन्द्र सिंह रघुवंशी, आरक्षक प्रवीण सिंह, आरक्षक मनोज ने तत्काल मिटींग कर कार्ययोजना बनायी तथा शाम के फोन का इंतजार करने लगें। जैसे ही फरियादी के फोन पर एसटीडी नंबर आये उसी समय तत्काल फरियादी के रिश्तेदार ने दूसरे नंबर से टीआई श्री संजय वर्मा को उस एसटीडी का नंबर बताया तभी आरक्षक राजेन्द्र रघुवंशी ने एसटीडी नंबर को अपने सूत्रो से नाम पता ज्ञात कर पहुॅचते ही देखा कि एक व्यक्ति केबिन से फोन कर रहा है तभी मय बल दबिश देकर उसे पकड़ा गया तथा रिसीवर छिनकर बात सुनी, सामने से फरियादीया की आवाज आ रही थी। आरोपी को तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी, तो आरोपी अर्जुन ने पुलिस को गुमराह करने की काफी कोशिश की, विष्णू के संबंध में जो कि आरोपी द्वारा बताया गया कि विष्णू किसी महिला के साथ अवैध संबंधो के चलते उसे लेकर बड़ौदा में सूर्या होटल के आसपास रह रहा हैं, इसपर पुलिस दल द्वारा बड़ौदा ले जाकर इस बात की तस्दीक की तो अर्जुन द्वारा बतायी गयी बाते महज मनगढ़त कहानी पता चली। तत्पश्चात वापस पुलिस दल इंदौर आया और आरोपी से पुनः पूछताछ करते आरोपी अर्जुन ने बताया कि विष्णू केवट अपने किसी मित्र के पास बेगमबाग में किराये से रह रहा हैं चलकर बता देता हूॅ उसकी यह बात भी झूठ निकली। 
               अंत में आरोपी अर्जुन से सखती से पूछताछ करते वह टूट गया उसने सारी कहानी पुलिस को सच-सच बया कर दी। जिसमें उसने बताया कि विष्णू केवट मेरी दूसरी पत्नी सुनीता जो कि बाणगंगा में रहती है पर बुरी नजर रखता था तथा उससे शारिरिक संबंध स्थापित करवाने हेतु अर्नगल दबाव बनाता था। दिनांक 13/05/13 को आरोपी अर्जुन केवट की मुॅहबोली साली की शादी थी, उसी दौरान उसने सुनियोजित योजना के तहत विष्णू केवट कोएमआर-10 ब्रिज के पास खेत में अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने मोबाईल पर फोन कर बुलवाया तथा जैसे ही विष्णू खेत पर पहुॅचा, योजना के मुताबिक आरोपी अर्जुन ने अपने भाई अरविंद के साथ विष्णू केवट की हत्या कर दी तथा लाश 11 मीटर गहरे सीवर चेम्बर में फेंक दी तथा मृतक विष्णू के मोबाईल फोन को अपने कब्जे में ले लिया, उससे फिरौती की मांग करता रहा। बेलेन्स समाप्त हो जाने के दौरान एमआर-10 चौराहे के पास से मोबाईल रिचार्ज कराया तथा शहर के अलग-अलग स्थानो से फोन कर पुलिस को छकाने का प्रयास करता रहा, जिसमें जिला अपराध शाखा की पूरी टीम तथा थाना हीरानगर की टीम आरोपी की सुरागरसी करते रहे। अंततः वह टीआई संजय वर्मा व उनकी टीम के बिछाये जाल में फंस गया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल करते हुये, वह चेम्बर दिखाया जिसमें आरोपियों द्वारा लाश फेकी गयी थी। पुलिस के अथक प्रयास व नगर निगम, ग्राम पंचायत तथा फायर ब्रिगेड के प्रयासों से आरोपियों की निशादेही पर आरोपियों द्वारा फेके गये स्थान से करीबन 50 मीटर अंदर सीवरेज लाईन से फायर ब्रिगेड व पुलिसकर्मियों द्वारा एक सड़ी हुयी क्षत विक्षत लाश बरामद की गयी, जिसकी शिनाखतमृतक के पुत्र नितिन द्वारा की गयी। 
इस घटना की गुत्थी को सुलझाने में थाना प्रभारी संजय वर्मा, उपनिरीक्षक वरसिंग खड़िया, सउनि अमरजीत सिंह राठौर, आरक्षक राजेन्द्र सिंह रघुवंशी, प्रवीण सिंह, तथा आरक्षक मनोज का सराहनीय योगदान रहा। पूर्व में पुलिस महानिरीक्षक इंदौर रेंज इंदौर श्री विपिन माहेश्वरी द्वारा उक्त घटना के संबंध में 15 हजार ईनाम की घोषणा की गयी थी। 

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