इन्दौर -दिनांक 12 सितंबर 2013- दिनांक 12 सितम्बर 2013 को इन्दौर यातायात पुलिस द्वारा विद्यालयीन बच्चों को यातायात शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गठित सड़क सुरक्षा दल में सम्मिलित 20 विभिन्न विद्यालयों के 350 बच्चों का प्रशिक्षण शिविर एडंवास एकेडमी में प्रारंभ किया गया । कायर्कम में शिविर का उद्घाटन माननीय पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर जोन, इन्दौर श्री विपिन माहेश्वरी, महोदय द्वारा किया गया, जिसमें उनके द्वारा अपने उद्बोधन में अवगत कराया गया कि यातायात हमारे जीवन का प्रमुख अंग है हम सभी का वास्ता प्रतिदिन किसी न किसी रूप में यातायात से पडता है, शहर का अनुशासन, शहर की यातायात व्यवस्था देखकर पता चलता है, शहर के यातायात को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी, शहरवासियों की भी है, प्रतिदिन अखबारों में यातायात दृर्घटनाओं/यातायात अपराधों के बारें में पढते है । इस तरह की घटनाओं से अखबारों में प्रमुखता से रहती है । इसी घटनाक्रम में उनके द्वारा एक कहानी के रूप में अवगत कराया गया कि एक दृर्घटना में यदि किसी एक परिवार का एक सदस्य भी आहत होता है तो उसपरिवार के अन्य सदस्य उसकी पीडा जानते है । दुर्घटना में असमय मृत्यु से पुरा परिवार भी टूट जाता है । हम इन दुर्घटनाओं को रोक सकते है । आज जो सड़क सुरक्षा दल का जो कार्यक्रम रखा गया है, इसका उद्देश्य बच्चों में यातायात के नियमों को अवगत कराना है । हम उम्मीद करते है यह बच्चें इन नियमों की जानकारी अन्य बच्चों एवं परिवार सदस्यों को भी देगे हम चौराहों पर देखते है कि सड़क पर यातायात का नियमों का उल्लंघन होता है, जैसे हेलमेट न पहनना, छोटे बच्चों द्वारा वाहन चलाना एवं रेड लाईट सिग्नल का उल्लंघन करना आदि । पिछले कुछ समय से मै यह देख रहा हॅू कि वर्तमान में नौजवानों में बहुत जल्दी एक भावना घर जाती है कि वह हताशा की है । आजकल नौजवान जरा सी भी असफलता को सहन नही कर पाते और निराशा में डूब जाते है । मै चाहता हॅू कि आप पढाई के साथ-साथ, खेल पर भी ध्यान दें । खेलने से हमारे अन्दर हार के बाद जीत की भावना भी उत्पन्न होती है । हर बार कार्य हमारी आशाओं के अनुरूप नही हो पाता है, कभी हमे हार का भी सामना करना पडता है । पर यह निश्चित है कि हार के बाद भी जीत प्राप्त होती है । इसलिये अपने अन्दर हमेशापरिस्थिति लडने की भावना बढाईयें । आजकल व्यवस्था को दोष देना बहुत आसान कार्य है लेकिन व्यवस्था का अंग बनना और व्यवस्था का अंग बनाना एवं सुधार करना बहुत कठिन कार्य है । आप सभी से अनुरोध है कि व्यवस्था को दोष न देते हुये व्यवस्था को सुधारने के लिये यहां एकत्रित हुये है। बच्चों के मन में पुलिस को लेकर काफी जिज्ञासाएं होती है । यह जिज्ञसाएं वर्तमान में फिल्मों एवं टी.वी. सीरियलों के कारण उत्पन्न होती है । हम समय-समय पर शहर में, शहर के अन्य स्कुलों के लिये कार्यक्रम आयोजित करेगे और उनकी जिज्ञासाओं को शांत करेगे ।
इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री राकेश गुप्ता ने कहां कि यातायात पुलिस, शहर के पुलिस का आयना होती है । शहर के व्यवस्थित यातायात को देखकर यह पता चल जाता है कि वहां शहर के लोग कितने जागरूक है । हमारे यहां यातायात नियमों बडा अपराध नही माना जाता है इसलिये लोग यातायात नियमों को तोडने की हिम्मत करते है। लोग यह सोचते है यह नियम हमारे लिये नही है जबकि कोई भी नियमों से बडा नही है । अगर आप सड़क का उपयोग करते है तो उसके नियमों का पालन करना भी आवश्यक है । यदि आप नियमों कोतोडते है तो निश्चित रूप से आप दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते है ।
यातायात की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सुश्री अंजना तिवारी द्वारा अवगत कराया गया कि यातायात पुलिस इन्दौर द्वारा जनता से समन्वय स्थापित करने के लिये इन्दौर ट्रेफिक पुलिस एवं यातायात का उल्लंघन करने के लिये ''सिटीजन कॉप'' के रूप में एक पहल की गई है, जिसमें प्रतिदिन शिकायतों का त्वरित निराकरण भी किया जाता है, वर्तमान में एक भी शिकायत लंबित नही है । यातायात पुलिस द्वारा नवीन तकनीकों के माध्यम से भी जनता से समन्वय करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें एन्ड्रायड एप्लीकेशन एवं फेसबुक के माध्यम से आमजनता से जुडने का प्रयास किया जा रहा है ।
एडंवास एकेडमी के संचालक द्वारा भी यह बताया गया कि बच्चों में यातायात की शिक्षा अनिवार्य है क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में अधिकतम बच्चें यातायात संसाधनों का उपयोग करते है । यदि अभी से बच्चों में यातायात की शिक्षा दी जायेगी तो इसका लाभ भविष्य में इन बच्चों को मिलेगा ।
जिसके पश्चात् श्री सुनील तिवारी, ए.आर.टी.ओ. इन्दौर द्वारा बच्चों को लायसेंस बनाने की प्रक्रिया, श्री विक्रम सिंह रघुवंशी उप पुलिस अधीक्षक, यातायात द्वारा सड़कसंकेतकों से अवगत कराया गया ।
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