Sunday, April 7, 2013

'' पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, इंदौर में प्रशिक्षणरत 66 वें नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों का दीक्षान्त परेड समारोह सम्पन्न ''











इन्दौर -दिनांक 07 अप्रेल 2013- पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, इंदौर में प्रशिक्षणरत 66 वें नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों का दीक्षान्त परेड समारोह माननीय श्री उमाशंकर जी गुप्ता, गृहमंत्री मध्यप्रदेश शासन के मुखय आतिथ्य एवं श्री राजेन्द्रकुमार, भा.पु.से., अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण की अध्यक्षता में सम्पन्न  हुआ । 
              इस अवसर पर माननीय श्री एस.एस.लाल, भापुसे पुलिस महानिदेशक, श्री डी.एस.सेंगर, भापुसे एडीजी आरएपीटीसी इन्दौर, श्री विपिन माहेश्वरी, भापुसे आईजी इन्दौर जोन, श्री पवन श्रीवास्तव, भापुसे आईजी आरएपीटीसी इन्दौर, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, भापुसे आईजी विसबल इन्दौर, श्री राकेश गुप्ता, भापुसे डीआईजी इन्दौर रेंज एवं श्री ए.के.यादव, उप पुलिस महानिरीक्षक बीएसएफ एवं प्रदेश के अनेक वरिष्ठ अधिकारीगण, सेवानिवृत अधिकारीगण और नवआरक्षकों के परिवारजन भी उपस्थित थे । 
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, इंदौर में प्रशिक्षणरत 66वें नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षणका सत्र दिनांक 06 अगस्त 2012 से प्रारम्भ हुआ । वर्तमान में  294 पुरूष एवं 276 महिला इस प्रकार कुल 570 प्रशिक्षणार्थी दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए । मध्यप्रदेश पुलिस की महिला आरक्षकों का एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र इंदौर ही है । इसे जुलाई 2012 में कॉलेज घोषित किया गया था अत- ये कॉलेज की पहली पासिंग आउट है । 
पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा पाठक सोनी, द्वारा अपने प्रतिवेदन में प्रशिक्षण की विषयवस्तु, पद्धति व नवीन प्रयोगों की जानकारी दी गयी । 
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण ने पुलिस मुखयालय की योजनाओं, नये पठ्‌यक्रम की विशेषताओं और परीक्षा पद्धति की पारदर्शिता के विषय में बताया । 
मुखय अतिथि माननीय गृहमंत्री जी ने नवआरक्षकों को उनके द्वारा ली गयी शपथ का महत्व समझाया । प्रदेश के मुखयमंत्री का संदेश दोहराया कि अपराधी पुलिस से डरे और आम जन में सुरक्षा का भाव हो । उन्होंने कहा कि पुलिस को देखकर आम जन को उससे आशा होती है, उसे ही अप सबको बरकरार रखना है। 
      म.प्र. को शांति का टापू बनाये रखने और विकास में पुलिस की सहभागिता बढ़ाने का संदेश दिया । उन्होंने कहा कि जनता को पुलिस सेबड़ी अपेक्षायें हैं और पुलिस जन को उन पर खरा उतरना होगा । 
प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस के कल्याण के लिये की जा रही योजनाओं पर भ्ज्ञी प्रकाश डाला । 
     शानदार परेड और भव्य आयोजन के लिये उन्होनें पी.टी.सी. को बधाई भी दी ।  उन्होंने हाल ही में 03 अप्रैल 2013 को भोपाल में माननीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित अभूतपूर्व नवआरक्षक सम्मेलन का जिक्र किया । जिसमें म.प्र. के सभी प्रशिक्षण इकाईयों के लगभग 2700 नव आरक्षकगण सम्मिलित हुये और मुखयमंत्री महोदय ने सभी से हाथ मिलाया था ।
    समारोह के अंत में उप पुलिस अधीक्षक श्री डेनियल जोजफ द्वारा द्वारा आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति पर एवं विभिन्न सहयोगी ईकाईयों एवं विभागों का आभार व्यक्त किया गया जिनके द्वारा दीक्षान्त परेड समारोह में सराहनीय योगदान दिया गया ।  

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इतिहास - मध्य भारत बनने के पूर्व यह संस्था भीलपल्टन के नाम से स्थापित थी ।  
- होल्कर स्टेट की भीलपल्टन का निवास एवं प्रशिक्षण केन्द्र ।  
- वर्ष 1948- आरक्षक प्रशिक्षण केन्द बना । 
वर्तमान - जुलाई 2012- राज्य शासन द्वारा महाविद्यालय घोषित ।
- वर्तमान पुलिस अधीक्षक-मनीषा पाठक सोनी 
- महिला नवआरक्षकों का एकमात्र प्रशिक्षण संस्थान है । 
प्रशिक्षण कार्यक्रम
सत्र आरंभ- दिनांक 5 अगस्त 2012 से 07 अप्रैल 2013 तक - कुल 09 माह (दो सेमेस्टर)
- कुल 572 नव आरक्षक प्रशिक्षणरत हैं जिनमें से 276 महिलायें हैं 
- 155 पुरूष और 110 महिलायें स्नातक व उच्च शिक्षा प्राप्त
01. आंतरिक प्रशिक्षण के विषय- कुल 12 पेपर (संक्षेप में)- 
पुलिस संगठन व प्रशासन, म0प्र0 पुलिस रेग्युलेशन व पुलिस एक्ट, आई.पी.सी., सी.आर.पी.सी., साक्ष्य अधिनियम व विभिन्न लघु अधिनियम, पुलिस थाना प्रबंधन, अपराध की रोकथाम, आपदा प्रबंधन , यातायात प्रबंधन, पुलिस की भूमिका, भारतीय संविधान, मानव अधिकार, पुलिस नैतिकता, समाज और अपराध, विधि विज्ञान, न्यायिक चिकित्सा विज्ञान, पुलिस अनुसंधान, आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, व्यक्तित्व विकास व मानव व्यवहार , संवाद कौशल, लेखन कुशलता, कम्प्यूटर तथा कम्प्यूटर कार्य तथा हिंदी टायपिंग

02. प्रशिक्षण की विशेषतायें
- व्यवहारगत परिवर्तन, संवेदनद्गाीलता के विकास तथा विभिन्न  व्यवहार में कौद्गाल में विकास हेतु कैप्सूल कोर्सेस व कार्यद्गाालाओं का संचालन किया जाता है । 
- ''प्रशिक्षण भ्रमण योजना'' के अंतर्गत विभिन्न शासकीय व अशासकीय संस्थानों का भ्रमण कराया जाता है।  
- सभी नवआरक्षकों को कम्प्यूटर प्रचालन और उसकी सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है 
- साईबर क्राईम एवं आय.टी. एक्ट का भी प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाता है । 
- ऑब्स्टेकल कोर्स, पुलिस ड्रिल, वेपन ट्रेनिंग, मस्केटरी, फायरिंग, फील्ड क्राफ्ट एवं टेक्टिक््‌स, भीड़ नियंत्रण (क्राउड मैनेजमेंट), निहत्थी लड़ाई (मार्शल आर्ट), योग, यातायात ड्रिल, ड्राइविंग, टीम गेम्स आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है ।  
- जंगल कैम्प के दौरान जंगल टैक्टिस का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि प्रशिक्षणार्थी मानसिक एवं शारीरिक रूप से रणनीति में दक्ष हो सकें ।
- सभी नवआरक्षकों को 0.22, 0.303'', आधुनिक सेल्फ लोडिंग रायफल,  इनसास रायफल्स के साथ साथ  रिवाल्वर एवं पिस्टल से भी फायर कराया जाता है ।
- ड्‌यूटी के दौरान आधुनिक मद्गाीनों तथा वाहनों के प्रयोग की जानकारी के लिये प्रद्गिाक्षण में वाहन चालन प्रद्गिाक्षण भी 100 प्रतिशत लोगों को दिया गया है । 
- प्रतियोगिताऐं :- इनडोर व आउटडोर खेल, इन्टर टोली मैच, व्यक्तिगत प्रदर्शन, ड्रिल, टर्नआउट,  दौड़, क्रास कन्ट्री,वाद-विवाद, निबंध, ड्राइंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, अध्ययन के आंतरिक विषयांें पर प्रस्तुति आदि 
- वृक्षारोपण :-  कॉलेज में कई वाटिकायें बनाई गई हैं और संरक्षित की जा रही हैं । 
- वर्तमान परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए आधुनिक हथियारों को चलाने में फायरिंग सिम्यूलेटर की मदद से निपुणता दिलाई गई ताकि भावी चुनौतियों का सामना पुलिस बल मुस्तैदी से कर सकें । सभी नवआरक्षकों को ड्रायविंग का प्रशिक्षण दिलवाया जाकर ड्रायविंग लायसेंस बनवाये गये । 
- पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत आधुनिक किचन उपकरण पीटीसी इन्दौर को प्राप्त हुये हैं, जिनका उपयोग मैस में किया जा रहा है ।  वहीं 13 वें वित्त आयोग द्वारा मध्य प्रदेश की प्रशिक्षण शालाओं के लिये मिले 180 करोड में से रूपये 35.49 करोड इन्दौर पी.टी.एस. के उन्नयन के लिये हैं जिससे इकाई में निर्माण कार्य जारी हैऔर जीर्णोद्धार की योजना भी है ।

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