इन्दौर -दिनांक 24 फरवरी 2013- पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) डॉ. आशीष व्दारा क्राईम ब्रांच के अति. पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय को शहर में लगातार बढ़ रही नकली नोट कीघटनाओं की रोकथाम के लिये निर्देशित किया गया था। उक्त कार्यवाही हेतु उप पुलिस अधीक्षक श्री सीताराम यादव के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि एक व्यक्ति नकली नोट बाजार में चलाने के लिये घूम रहा है। टीम द्वारा तस्दीक करने हेतु उस व्यक्ति को घेराबंदी कर पकड़ा गया, पूछताछ करने पर उसने अपना नाम प्रकाश पिता छगनलाल ठाकुर निवासी पिगडंबर का होना बताया। जिससे ग्राहक बनकर नोट के संबंध में बातचीत की गई तो उसने सेम्पल का 500 रू का नोट बताया तथा अन्य नोटों के संबंध में बात करते प्रकाश ने बताया की अपने सेठ से नोट बुलवा दूंगा। सेठ का मोबईल न 9425094784 से संपर्क किया तो रेल्वे स्टेशन राऊ पर बुलाया टीम द्वारा नकाबंदी की गई जैसे ही वह व्यक्ति आया उससे बातचीत की 1000, 500 व 100 रू के नोट बताये तब टीम द्वारा घेराबंदी कर उसे पकड़ा तो उसने अपना नाम प्रेमलाल पिता पुरूषोत्तम पाटीदार निवासी तिल्लौर हाल राऊ का बताया जिसकी जैब से 1000 रू के 58 नोट , 500 रू 38 नोट के व 100 रू के 26 नोट कुल 79600 रू पेंट की जैबों में नकली नोट मिले जो पुलिस कब्जे लिये। प्रेम से पूछने पर उसने बताया कि मेरे उपर करीबन 50लाख रूपये का कर्जा हो गया था लेनदार परेशान कर रहे थे। मैं लायसेंस की कलर फोटोकापी करवाने गया तो मेरे मन में आया कि लायसेंस की फोटोकापी हो सकती है तो नोट की क्यों नही। इस पर मेने प्रिंटर व कटींग मशीन खरीदकर किराये के मकान राउ में नोट छापना शुरू कर दिया तथा छपे हुये नोट मैने जब्बार नि क्षिप्रा, दिपक नि क्षिप्रा व प्रकाश नि पिगडंबर तथा बाबू निवासी सिदौडा को चलाने के लिये दिये हैं। नोट छापने का प्रिंटर, स्केनर व कटींग मशीन प्रेम के निशादेही पर उसके घर से जप्त की गई तथा जब्बार, दीपक, प्रकाश, बाबू को भी पकडा। प्रेम ने हनुमान जी के मंदिर पर पंडित जी को चोला चडाने के नाम पर 500 रू का नकली नोट देकर 400 रू वापस पंडित जी से लेकर नोट चलाया। उक्त आरोपियानों को पकडने में थाना राजेन्द्रनगर को साथ लिया गया। अग्रिम कार्यवाही हेतु माल मुलजिम मश्रुका सहित थाना राजेन्द्रनगर को वैधानिक कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया गया ।
उक्त आरोपी को पकड़ने में टीम के सउनि नाथूराम दुबे, प्र.आर. अवधेश अवस्थी चंदरसिंह, आरक्षक रणवीरसिंह, बसीर खान, जितेन्द्र सेन, अजीत यादव सुनिल बिसेन का सराहनीय योगदान रहा।
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