Wednesday, December 19, 2012

हत्या के मामले में आरोपिया आजीवन कारावास एवं 25 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित


इन्दौर -दिनांक 19 दिसम्बर 2012- उपसंचालक अभियोजन श्री व्ही. के. मिश्रा ने बताया कि माननीय बारहवें अपर सत्र न्यायाधीश, महोदय इंदौर श्री पी.के. सिन्हा सा. ने सत्र प्रकरण कं्र. 122/12 में निर्णय पारित करते हुए प्रकरण के आरोपी सुगनबाई पति गुलाबसिंह (53) निवासी केलोद करताल इंदौर को धारा 302 भादवि के अपराध में दोषी पाते हुए आरोपिया को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 25 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास भुगताये जाने बाबत्‌ आदेश पारित किये गये। आरोपी गुलाबसिंह के विरूद्व अभियोजन ने घटना को संदेह से परे प्रमाणित नहीं किया है इसलिये उसे धारा 302, 34 भादवि के आरोप से दोषमुक्त घोषित कर स्वतंत्र किया गया। प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री निर्मल मण्डलोई अपर लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 11 नवम्बर 2011 को एमव्हाय अस्पताल के ऑपरेटर जगदीद्गाचंद्र ने सूचना दी कि मजरूहा सुनीताबाई 77 प्रतिशत जली अवस्था में भर्ती है।सूचना पर थाना भंवरकुऑ के सहायक उपनिरीक्षक नरसिंह भदोरिया अस्पताल पहुॅचे व वहॉ पर मजरूहा सुनीताबाई के भाई दिनेश, मॉ गीताबाई पिता भैरूलाल निवासी ग्राम राजपुरा जिला देवास के कथन लिये गये। उन्होने कथनों में बतलाया कि बंटवारे के पैसे व हिस्सा मांगने की बात पर से सुनीताबाई की सास सुगनबाई एवं ससुर गुलाबसिंह ने सुनीताबाई के ऊपर घासलेट डाला व ससुर गुलाबसिंह ने सुनीताबाई को जान से मारने की नियत से माचिस की तिली जलाकर आग लगा दी। सुनीताबाई के मरणासन्न कथन एवं परिवार के सदस्यों के कथन के आधार पर सुनीताबाई की सास सुगनबाई एवं ससुर गुलाबसिंह के विरूद्व अपराध धारा 307,34 भादवि का पाये जाने पर अपराध पंजीबद्व किया गया। पश्चात्‌ में उसकी मृत्यु होने पर धारा 302 भादवि बढ़ायी गयी। अनुसंधान उपरांत साक्षियों के कथन लिये गये, अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया जाकर अभियोग पत्र धारा 302,34 भादवि के अंतर्गत न्यायालय प्रस्तुत किया गया था।

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