Tuesday, November 20, 2012

एटीएम धोखाधडी करने वाला क्राईम ब्रांच की गिरफत में


इन्दौर -दिनांक 20 नवम्बर 2012- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा श्री मनोज कुमार राय एवं श्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि रामानन्द निवासी राधाबाई पति नितीन राठौर द्वारा शिकायत की गई थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनके स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के एटीएम का उपयोग किया जाकर खाते से राशि निकाल ली गई है। उक्त शिकायत की जांच में पाया गया कि आवेदिका द्वारा माह दिसम्बर 2011 में एस.बी.आई. की महेश नगर शाखा में बचत खाता खोला जाकर ए.टी.एम. की मांग की गई थी । बैंक मुखयालय से आवेदिका के नाम का ए.टी.एम. जारी करते हुये स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदिका के घर पर डिलेवर करने हेतु भेजा गया । स्पीड पोस्ट से भेजा गया उक्त ए.टी.एम. कार्ड उसी क्षैत्र की रहने वाली राधाबाई राठौर जो कि 132 बी रामानंद नगर में रहती थी के द्वारा प्राप्त लिया गया । उक्त ए.टी.एम. के पत्र में उल्लेखित बचत खाता नंबर के आधार पर शाखा का नाम ज्ञात कर राधाबाई द्वारा बैंक से ए.टी.एम. का पिन नंबर माह जनवरी 2012 में प्राप्त कर लिया गया एवं खाते में जमा राशि का बेलेंस अनुसार आहरण प्रारंभ कर दिया गया । यहसिलसिला अगस्त 2012 तक निरंतर जारी रहा जिसमें आवेदिका के खाते से राशि का आहरण किया गया । इसी बीच आवेदिका द्वारा बैंक में ए.टी.एम. संबधी जानकारी प्राप्त करने पर बैंक द्वारा बताया गया कि आपको ए.टी.एम. कार्ड जारी कर दिया गया है जिसे आपके द्वारा उपयोग में लाकर रूपयों का आहरण किया जा रहा है । यह जानकारी मिलते ही आवेदिका द्वारा बैंक को यह सूचित किया कि मेरे नाम से जारी ए.टी.एम. कार्ड न तो उन्हें मिला है ओर न ही उनके द्वारा राशि का आहरण किया गया है और उसी समय ए.टी.एम. कार्ड ब्लाक कर दिया गया । 
अपराध शाखा की टीम द्वारा ए.टी.एम. कार्ड से निकाली गई राशि की विडियो क्लिपिंग संबधित बैंक से प्राप्त की गई एवं स्पीड पोस्ट से ए.टी.एम. वितरण की जानकारी भी निकाली गई जिससे आवेदिका के नाम के ए.टी.एम. कार्ड से राशि आहरण करने वाले आरोपी की पुष्टि राधाबाई पति कृष्णगोपाल राठौर निवासी 132 बी रामानंद नगर के रूप में हुई । 
इस प्रकार अपराध शाखा की टीम द्वारा इस ए.टी.एम. कार्ड की धोखाधड़ी का पर्दाफाश गया । दोनों पक्ष एक ही परिवार के होने से आपस में राजीनामा किया गया एवं भविष्य के लिये इस प्रकार की घटना केलिये सचेत किया गया । उक्त धोखाधडी का पर्दाफाश करने में अपराध शाखा के सउनि (अ) अमित दीक्षित एवं प्र.आर. ओमप्रकाश सोंलकी एवं आरक्षक ओंकार पाण्डे की विशेष भूमिका रही है।

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