इन्दौर -दिनांक 11 अक्टूबर 2012-मध्यप्रदेश पुलिस अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुखयालय भोपाल एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में बाल सहायता प्रकोष्ठ का झोन स्तरीय सेमिनार स्थानीय संतोष सभागृह, में आयोजित किया गया। आयोजित सेमीनार में पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर झोन इन्दौर सुश्री अनुराधा शंकर, भापुसे, डीआयजी इन्दौर श्री ए.साई मनोहर, पुलिस अधीक्षक मुखयालय इन्दौर डॉ. आशीष, पुलिस अधीक्षक पूर्व इन्दौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री अनिल सिंह कुशवाह, यूनिसेफ के स्टेट कॉर्डिनेटर एवं स्पेशल प्रोटेक्शन ऑफिसर श्री क्रिस्टोफर एन्थोनी, आय.सी.पी.एस. के डिप्टी डायरेक्टर श्री आलोक शर्मा, संस्था आरंभ भोपाल की डायरेक्टर श्रीमती अर्चना सहाय उपस्थित थी।
आयोजित सेमीनार के मुखय अतिथि के रूप में उद्बोधन करते हुए हुए इन्दौर झोन की पुलिस महानिरीक्षक सुश्री अनुराधा शंकर ने बताया कि पुलिस संवेदशनशील है और कई अवसर पर संवदेनशीलता भी अखितयार करती है। सुश्री अनुराध शंकर ने बताया कि आज भी हमारे कानून में बच्चे का सहीनिर्धारण नहीं है ऐसी स्थिति में वर्तमान स्थिति के धुंआ-धुंआ परिदृश्य में हमे किशोर न्याय के प्रति सर्तकता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करना है। सुश्री शंकर ने आयोजित सेमीनार की प्रशंसा करते हुए यूनिसेफ के श्री क्रिस्टोफर एन्थोनी से कहा कि ऐसी कार्यशालाए झोन के अन्य जिलो में भी आयोजित की जावें।
कार्यक्रम में श्री क्रिस्टोफर एन्थोनी यूनिसेफ द्वारा प्रदेश का डाटाबेस प्रस्तुत करते हुए इस दिशा में व्यापक कार्य किये जाने हेतु पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री ए.साई मनोहर द्वारा आयोजित कार्यशाला से प्रतिभागियों को लाभ होने का उल्लेख करते हुए, किशोर पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को भी ऐसी कार्यशालाओं में आमंत्रित किये जाने पर जोर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक मुखयालय डॉ. आशीष द्वारा अन्य विभागों से समन्वय की बात करते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्यों एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्यों की महती भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में जिले के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारी उपस्थित थें। कार्यशाला में इन्दौरझोन के 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिन्हे किशोर न्याय की वर्तमान परिदृश्य में उपयोगिता एवं उसके इम्पीमेंटेशन बाबत संस्था आरंभ की डायरेक्टर श्रीमती अर्चना सहाय द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया गया।
कार्यशाला का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री विनय पॉल द्वारा किया गया एवं आंगतुक अतिथियों एवं प्रतिभागियों की उपस्थिति हेतु आभार प्रदर्शन श्री मनोज कुमार राय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा द्वारा व्यक्त किया गया।
आयोजित सेमीनार के मुखय अतिथि के रूप में उद्बोधन करते हुए हुए इन्दौर झोन की पुलिस महानिरीक्षक सुश्री अनुराधा शंकर ने बताया कि पुलिस संवेदशनशील है और कई अवसर पर संवदेनशीलता भी अखितयार करती है। सुश्री अनुराध शंकर ने बताया कि आज भी हमारे कानून में बच्चे का सहीनिर्धारण नहीं है ऐसी स्थिति में वर्तमान स्थिति के धुंआ-धुंआ परिदृश्य में हमे किशोर न्याय के प्रति सर्तकता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करना है। सुश्री शंकर ने आयोजित सेमीनार की प्रशंसा करते हुए यूनिसेफ के श्री क्रिस्टोफर एन्थोनी से कहा कि ऐसी कार्यशालाए झोन के अन्य जिलो में भी आयोजित की जावें।
कार्यक्रम में श्री क्रिस्टोफर एन्थोनी यूनिसेफ द्वारा प्रदेश का डाटाबेस प्रस्तुत करते हुए इस दिशा में व्यापक कार्य किये जाने हेतु पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री ए.साई मनोहर द्वारा आयोजित कार्यशाला से प्रतिभागियों को लाभ होने का उल्लेख करते हुए, किशोर पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को भी ऐसी कार्यशालाओं में आमंत्रित किये जाने पर जोर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक मुखयालय डॉ. आशीष द्वारा अन्य विभागों से समन्वय की बात करते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्यों एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्यों की महती भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में जिले के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारी उपस्थित थें। कार्यशाला में इन्दौरझोन के 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिन्हे किशोर न्याय की वर्तमान परिदृश्य में उपयोगिता एवं उसके इम्पीमेंटेशन बाबत संस्था आरंभ की डायरेक्टर श्रीमती अर्चना सहाय द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया गया।
कार्यशाला का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री विनय पॉल द्वारा किया गया एवं आंगतुक अतिथियों एवं प्रतिभागियों की उपस्थिति हेतु आभार प्रदर्शन श्री मनोज कुमार राय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा द्वारा व्यक्त किया गया।
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