Tuesday, May 29, 2012

फर्जी ईमेल आई.डी. से लुभावने विज्ञापन व ईमेल भेजकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

इन्दौर -दिनांक 29 मई 2012- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि दिनांक 28.05.12 को फरियादी मनोज पिता रमेश बोडसे (37) निवासी प्लाट नं. 1154 स्कीम नं. 114 पार्ट 1 न्यू अरिहंत एकेडमी के सामने इंदौर ने एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र जिसमें फर्जी ईमेल आई.डी. का उपयोग कर रूपयें की धोखाधड़ी करने संबंधी आवेदन थाना लसूड़िया पर प्रस्तुत किया जिस पर से डॉ. ओमर अली असूब तथा अब्दुल करीम के विरूद्व अपराध कं्र. 405/12 धारा 420,464,468,470,471 भादवि व 66ए आई टी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
         विवेचना के दौरान प्रकरण की गंभीरता के देखते हुए तथा आरोपी के विदेशी नागरिक होने व उसके विदेद्गा फरार होने की संभावना को देखते हुए नगर पुलिस अधीक्षक विजयनगर अमरेन्द्र सिंह के निर्देद्गान में थाना प्रभारी लसूड़िया संतोष सिंह भदोरिया को तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। थाना प्रभारी लसूड़िया व उनकी टीम के उपनिरीक्षक राकेश भारती, आर के बैस, आर. लोकेन्द्र, विजयनगर के प्रआर.अनिल, आर. शैलेन्द्र मीणा, शैलेन्द्र सिंह पंवार, सुरेद्गा, सौरव द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर फरियादी को साथ लेकर होटल कुमार सत्य सांई चौराहे के पास पहुचे जहा एक विदेशी नागरिक खड़ा था जिसे फरियादी मनोज द्वारा अब्दुल करीम के रूप में पहचाना गया। उक्त व्यक्ति को पुलिस टीम द्वारा पकडा व नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम अब्दुल करीम पिता फोफाना (39) निवासी कोनाक्री गिनी का बताया, घटना के संबंध में पूछताछ की तो उसने बताया कि लीबिया में रहने वाले डॉ ओमर अली असूब ने मुझे मनोज गोडसे से 75 हजार रूपये लेने का कहा है तथा भारत आने का अन्य कोई संतोष जनक कारण नही बताया।
          होटल कुमार के सामने से अब्दुल करीम के कब्जे से उसका 01 पास्पोर्ट कं्र. R0144180 जारी दिनांक 17.04.2008, जारी स्थान गिनी, दो नोकिया कंपनी के मोबाईल, 01 मुंबई से इंदौर का बस टिकट व एक बैग जप्त कर, आरोपी अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी की सूचना विदेशी पंजीयन कार्यालय जिला विशेष शाखा इंदौर के माध्यम से संबंधित दूतावास को देने हेतु दी गयी है। आरोपी अब्दुल करीम ने पूछताछ मे बताया कि उनका एक गु्रप है जो कि लीबिया से संचालित होता है जो फर्जी आईडी के माध्यम से ईमेल भेजकर लोगो को बिजनेस कर करोड़ो रूपये का तत्काल लाभ पहुचाने का झांसा देकर, रूपये लेकर अपने देद्गा भाग जाते है, इसलिए वे लोग बिजनेस के उद्‌देश्य से दो-तीन महीने का वीजा भारत के लिये बनवाते है।

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