इन्दौर -दिनांक 28 अप्रैल 2012- इन्दौर पुलिस एवं नेशनल चिल्ड्रन्स फण्ड नई दिल्ली के सहयोग से जोन स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय होटल श्रीमाया ए.बी. रोड, इन्दौर में किया गया। आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन इन्दौर जोन की पुलिस महानिरीक्षक सुश्री अनुराधा शंकर, भापुसे द्वारा किया गया। कार्यशाला में श्री ए.साई मनोहर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर, श्री डी. श्रीनिवास वर्मा पुलिस अधीक्षक इन्दौर, श्री आर.पी. सिंह पुलिस अधीक्षक खरगौन, श्री अविनाश शर्मा पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर, श्री हरिनारायण चारी मिश्रा पुलिस अधीक्षक खण्डवा, श्री सुशान्त सक्सेना पुलिस अधीक्षक धार एवं श्रीमती कृष्णावेणी देसावातु पुलिस अधीक्षक झाबुआ, श्री विनीत कपूर सहायक पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण पुलिस मुखयालय भोपाल, रेन्ज अजाक पुलिस अधीक्षक श्री मलय जैन एवं जिलो के अन्य अधिकारियों के साथ कार्यशाला में भाग लिया गया। कार्यशाला में चाईल्ड लाईन के श्री दीपेश चौकसे, संस्था पहल के श्री प्रवीण गोखले, एवं अन्य एन.जी.ओं द्वारा भाग लिया गया।
उद्घाटन सत्रको संबांेधित करते हुए सुश्री अनुराधा शंकर, पुमनि इन्दौर जोन द्वारा बताया गया कि कंजर, सिकलीगर, पारदी, भील बांछड आदि समुदायों के बच्चों स्लम ऐरिया में रहते है और अपराधों की ओर अग्रसर होते है। पुलिस एवं समाज सेवी संस्थाओं का यह कर्तव्य है कि ऐसे बच्चों के पुर्नवास, शिक्षा एवं रोजगार के अन्य साधनों पर समुचित ध्यान दिया जाकर उन्हे समाज में अच्छा व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित किया जावें। आपके द्वारा बांछडा जाति की एक महिला के पुर्नरूत्थान में पुलिस उप निरीक्षक एवं तत्पश्चात न्यायाधीश की परीक्षा उर्त्तीण करने एवं उन्हे समाज में रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किये जाने के जीवंत प्रसंगो से अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। आपके द्वारा हाल ही में खरगौन में सिकलीगरों से जप्त हथियारों के जखीरे एवं उनके निर्माण में छोटे-छोटे बच्चों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। आपके द्वारा समाज सेवी संस्थाओं से यह भी आग्रह किया गया कि ऐसे समुदायों के पुनरूत्थान हेतु उनके रोजगार के साधन एवं वर्तमान में हो रही आय के विकल्प को भी ध्यान में रखने की बात कही।
कार्यशाला के अगले सत्र में डॉ. के.सी.जार्ज, नेशनल चिल्ड्रन्स फण्ड नई दिल्ली द्वारा इस कार्यशाला के बाबत अवगत कराया गया एवं प्रत्येक जिलो के अधिकारियों की एक टीम गठित कर अपने जिलों में व्याप्त सामाजिक समस्याओं पर प्रोजेक्ट तैयार करने की कवायद भी कराई गई जिसमें जोन के सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा अपनी टीम के साथ भाग लिया जाकर अलग-अलग प्रोजेक्ट तैयार किये गयें। कार्यशाला के दौरान डॉ. डांगी द्वारा थेलेसिमिया नामक घातक बीमारी से होने वाले दुष्परिणामों एवं प्रदेश में उसकी भयावहता पर प्रकाश डाला एवं इस बाबत एक डॉक्युमेंटरी फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
आयोजित कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक महोदया द्वारा जोन के सभी पुलिस अधिकारियों को संबांेधित करते हुए कहा गया कि, वे अपने जिलो के एनजीओ से सम्पर्क कर अपराधिक गतिविधियों की ओर अग्रसर होने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर, सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हे लाभान्वित करते हुए समाज की मुखय धारा में जोडने का प्रयास किया जावें जिससे अपराधो में कमी हो सकें साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति भी अपराध से दूर हो सकें।
समापन सत्र श्री डी श्रीनिवास वर्मा, पुलिस अधीक्षक इन्दौर द्वाराअधिकारियों को संबांेधित करते हुए ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से भविष्य मे ंनिश्चित सफलता मिलने की संभावनाओं पर जोर देते हुए पूर्व के संस्मरणों से समापन सत्र की प्रासंगिकता को सार्थक किया गया।
उद्घाटन सत्रको संबांेधित करते हुए सुश्री अनुराधा शंकर, पुमनि इन्दौर जोन द्वारा बताया गया कि कंजर, सिकलीगर, पारदी, भील बांछड आदि समुदायों के बच्चों स्लम ऐरिया में रहते है और अपराधों की ओर अग्रसर होते है। पुलिस एवं समाज सेवी संस्थाओं का यह कर्तव्य है कि ऐसे बच्चों के पुर्नवास, शिक्षा एवं रोजगार के अन्य साधनों पर समुचित ध्यान दिया जाकर उन्हे समाज में अच्छा व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित किया जावें। आपके द्वारा बांछडा जाति की एक महिला के पुर्नरूत्थान में पुलिस उप निरीक्षक एवं तत्पश्चात न्यायाधीश की परीक्षा उर्त्तीण करने एवं उन्हे समाज में रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किये जाने के जीवंत प्रसंगो से अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। आपके द्वारा हाल ही में खरगौन में सिकलीगरों से जप्त हथियारों के जखीरे एवं उनके निर्माण में छोटे-छोटे बच्चों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। आपके द्वारा समाज सेवी संस्थाओं से यह भी आग्रह किया गया कि ऐसे समुदायों के पुनरूत्थान हेतु उनके रोजगार के साधन एवं वर्तमान में हो रही आय के विकल्प को भी ध्यान में रखने की बात कही।
कार्यशाला के अगले सत्र में डॉ. के.सी.जार्ज, नेशनल चिल्ड्रन्स फण्ड नई दिल्ली द्वारा इस कार्यशाला के बाबत अवगत कराया गया एवं प्रत्येक जिलो के अधिकारियों की एक टीम गठित कर अपने जिलों में व्याप्त सामाजिक समस्याओं पर प्रोजेक्ट तैयार करने की कवायद भी कराई गई जिसमें जोन के सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा अपनी टीम के साथ भाग लिया जाकर अलग-अलग प्रोजेक्ट तैयार किये गयें। कार्यशाला के दौरान डॉ. डांगी द्वारा थेलेसिमिया नामक घातक बीमारी से होने वाले दुष्परिणामों एवं प्रदेश में उसकी भयावहता पर प्रकाश डाला एवं इस बाबत एक डॉक्युमेंटरी फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
आयोजित कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक महोदया द्वारा जोन के सभी पुलिस अधिकारियों को संबांेधित करते हुए कहा गया कि, वे अपने जिलो के एनजीओ से सम्पर्क कर अपराधिक गतिविधियों की ओर अग्रसर होने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर, सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हे लाभान्वित करते हुए समाज की मुखय धारा में जोडने का प्रयास किया जावें जिससे अपराधो में कमी हो सकें साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति भी अपराध से दूर हो सकें।
समापन सत्र श्री डी श्रीनिवास वर्मा, पुलिस अधीक्षक इन्दौर द्वाराअधिकारियों को संबांेधित करते हुए ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से भविष्य मे ंनिश्चित सफलता मिलने की संभावनाओं पर जोर देते हुए पूर्व के संस्मरणों से समापन सत्र की प्रासंगिकता को सार्थक किया गया।
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