Wednesday, June 22, 2011

२४ श्रीनगर मेन प्रथम तल पर हुए तिहरे अंधेकत्ल का पुलिस द्वारा ४८ घंटे में पर्दाफाष

 
इन्दौर - दिनांक २२ जून २०११- पुलिस महानिरीक्षक इंदौर जोन इंदौर श्री संजय राणा ने बताया कि दिनांक १९.०६.११ दिन रविवार को अज्ञात बदमाषो ने एमआयजी थाना क्षेत्रांतर्गत २४ श्रीनगर मेन स्थित प्रथम तल पर निवासरत निरंजय देषपाण्डे की पत्नि मेघा, बेटी अष्लेषा व सास रोहिणी की जघन्य हत्या कर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था।
        घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक श्री संजय राणा व पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री पवन श्रीवास्तव, ज्यैष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस अधीक्षक पष्चिम श्री डी.श्रीनिवास वर्मा ने इंदौर शहर के सभी पुलिस कर्मियो को घटना की पतारसी हेतु मुस्तेदी से काम करने बाबत्‌ निर्देषित किया था। घटना स्थल के निरीक्षण से दो तथ्य स्पष्ट हो रहे थे, प्रथम घटना के समय हुए संघर्ष में आरोपीगणो को भी चोट आने की संभावना थी व द्वितीय घटना स्थल से दो कारतूस के खाली खोके तथा एक जिंदा कारतूस पुलिस को बरामद हुए थे। जबकि पोस्टमार्टम में मृतिका मेघा को एक ही गोली लगने की पुष्टि हुई है। इस विष्लेषण के महत्व को लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री पवन श्रीवास्तव ने क्राईम ब्रांच की टीम को शहर के अस्पतालो तथा नर्सिंग होम पर नजर रखने बाबद निर्देषित किया था।
        अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा श्री मनोज राय को मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक जिसके पैर में गोली लगी है वह उपचार हेतु झूठी कहानी रचकर चिकित्सीय सहायता प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। सूचना की तस्दीक हेतु उन्होने उपपुलिस अधीक्षक अपराध शाखा जितेन्द्र सिंह की टीम को लगाया। टीम ने लगातार संदेही पर निगाह रखते हुए यह जानकारी प्राप्त की कि उक्त युवक एक युवती के संपर्क में है तथा दोनो अक्सर साथ-साथ देखे जाते है।
        क्राईम ब्रांच की टीम में शामिल उप निरीक्षक दीपिका षिन्दे तथा उप निरीक्षक किषन पवांर ने तत्परता से युवती के संबंध में जानकारी प्राप्त कर युवती से पूछताछ प्रारंभ की तो पता चला कि युवती घटना दिनांक को ओरीफ्लेम कास्मेटिक कंपनी के सप्लाय ऐजेन्ट बनने हेतु मृतिका मेघा देषपाण्डे से उनके निवास २४ श्रीनगर मेन पर शाम ०४.०० बजे मिलने गयी थी। पूछताछ पर युवती ने अपने प्रेमी युवक का नाम गोविन्दा उर्फ राहुल चौधरी बताया तथा उसको चोट होकर घायल होना बताया।
            क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा गोविन्दा उर्फ राहुल चौधरी को हिरासत में लेकर सतत तथा गहन पूछताछ करने पर उसने अपने साथी मनोज अटोद के साथ मिलकर नषे की हालत में उक्त घटना करना स्वीकार किया है। साथ ही यह भी बताया कि घटना का उद्देष्य लूट कारित करना था। इन्दौर पुलिस की विभिन्न टीमे आरोपियो से लगातार घटना के संबंध में पूछताछ कर रही है। अपराध की विवेचना में जिला पुलिस बल एवं अपराध शाखा द्वारा सूझबूझ एवं उत्कृष्ठ व्यवसायिक क्षमताओं का परिचय दिया है।
    आरोपियो के नाम पते निम्नानुसार है -
१.    राहुल उर्फ गोविन्दा पिता चुन्नीलाल चौधरी उम्र २४ वर्ष निवासी घनष्यामदास नगर इंदौर
२.    मनोज पिता नानूराम अटोद उम्र ३२ वर्ष निवासी १८७ विद्यानगर इंदौर
३.    नेहा पिता अनिल वर्मा उम्र २३ वर्ष निवासी १० देवेन्द्र नगर इंदौर

आरोपी राहुल उर्फ गोविन्दा का थाना अन्नपूर्णा में अपराधिक रिकार्ड -
१.    अपराध क्रमांक २४/११ धारा २७९,३३७ भादवि
२.    अपराध क्रमांक ६०/११ धारा २९४,३०७,३४ भादवि एवं २५,२७ आर्म्स एक्ट

आरोपी मनोज पिता नानूराम का थाना भवरकुऑ में अपराधिक रिकार्ड-
१.    सिलसिला क्रमांक/११ धारा १५१ जा.फौ.

             घटना की पतारसी में क्राईम ब्रांच की टीम में निरीक्षक यू.एस.बोराना, उपनिरीक्षक किषन सिंह पवांर, उपनिरीक्षक दीपिका षिन्दे, उपनिरीक्षक सोमा मलिक, प्रआर. ओमप्रकाष तिवारी, रज्जाक खान, गणेषराम सोलंकी, आराक्षक अमरसिंह, विजयसिंह, सुभाष रघुवंषी, इफ्तयार खान, सुरेष यादव, सुरेष मिश्रा, राजेष राठौर, बालकृष्ण, प्रषांत, चंदरसिंह, जितेन्द्र, महेन्द्रसिंह, दिनेष जैमन, महिला आरक्षक पुष्पलता, सउनि चालक गंगाराम कसेड़िया, आरक्षक चालक संजय, गोपीकृष्ण शामिल है। पुलिस द्वारा तीनो आरोपियो को गिरफ्तार कर विस्तृत पूछताछ की जा रही है। इनसे अभी और भी वारदातो का पता चलने की संभावना है। वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा उक्त पतारसी में शामिल पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।

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