Sunday, March 13, 2011

अपहरण, फिरौती के लिये हत्या करने वाले तीनो आरोपी गिरफ्तार

इन्दौर - दिनांक १३ मार्च २०११- पुलिस अधीक्षक पष्चिम श्री डी.श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि दिनांक ०६.०३.११ को थाना विजयनगर पर सुरेष गुरवानी की सूचना पर गुम इंसान क्रं. २१/११ कायम किया गया था। सूचनाकर्ता ने बताया कि उसका भांजा गुलषन तेजवानी पिता प्रहलाद तेजवानी (२१) निवासी ९२ जीएच स्कीम नं. ५४ इंदौर मूल निवासी खंडवा जो कि इंजिनियरिंग में सेकण्ड यीयर का छात्र है दिनांक ०५.०३.११ की रात्री १०.०० बजे से अपने घर पर नही आया है। पुलिस द्वारा गुम इंसान कायम कर जांच की जा रही थी कि उसी समय, गुमषुदा गुलषन के ही मोबाईल से उसके घर तथा मामा सुरेष गुरवानी के मोबाईल पर ०५ लाख रूपये, उसके (गुलषन) के ही बैंक एकाउंट में जमा करने की बात कही, तत्काल ही पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए इस प्रकरण में धारा ३६४,३६५ए भादवि कायम किया गया। दौराने विवेचना पता लगा कि गुलषन दिनांक ०६.०३.११ को १. अंषुल उर्फ अंष पिता अमरसिंह राजपूत (२२) निवासी खंडवा २. रूद्राक्ष उर्फ हैप्पी अग्रवाल पिता वैकंट अग्रवाल (२३) निवासी अनूप टॉकिज के पीछे इंदौर तथा ३. रवि उर्फ आदित्य गुर्जर पिता दिनेष ंिसह गुर्जर (२४) निवासी अक्षय दीप कॉलोनी इंदौर के साथ देखा गया था और तीनो भी अपने-अपने घर से फरार है व स्कार्पियो नं. एमपी-०९/सीए/४६५६ भी साथ ले गये है। मुखबिर द्वारा सूचना मिलने पर कि उक्त तीनो आरोपी टोंक के रास्ते से गये है।
                पुलिस की एक टीम तत्काल ही टोक रवाना हुई, दूसरी टीम टोक के रास्ते नेवई पहुॅची तब सूचना प्राप्त हुई कि थाना सदर जिला झालावाड में एक अज्ञात युवक का जला हुआ शव, सडक के किनारे मिला है, जिस पर से थाना सदर पर अपराध क्रं. ६५/११ धारा ३०२,२०१ भादवि का कायम किया गया है, तब तक ही स्पष्ट हो गया था कि अपहृत गुलषन का अपहरण उसके ही दोस्त अंषुल उर्फ अंष, रूद्राक्ष उर्फ हैप्पी तथा रवि उर्फ आदित्य गुर्जर द्वारा किया गया है। तब यह आषंका हुई कि आरोपिगण का रास्ता टोक जाने का इसी तरफ से गया है तब गुलषन के मामा को जब जले शव के अवषेष दिखाये गये तो उन्होने इस बात कि प्रबल आषंका जाहिर की कि यह गुलषन हो सकता है।
                   प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री डी.श्रीनिवास राव व पुलिस अधीक्षक पष्चिम श्री डी.श्रीनिवास वर्मा द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री कुमार सौरभ के निर्देषन व नगर पुलिस अधीक्षक विजयनगर श्री अमरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में पुलिस की चार टीमे बनाई गई। क्राईम ब्रांच को भी प्रकरण के आरोपियो की गिरफ्तारी हेतु निर्देषित किया गया।
               उपपुलिस अधीक्षक क्राईम श्री जितेन्द्रसिंह को सूचना मिली कि आरोपियान जयपुर रेल्वे स्टेषन के पास देखे गये है और बाहर जाने की तैयारी में है। तत्काल ही पूर्व से जयपुर में ही डेरा  डाले एसआई अनिलसिंह चौहान की टीम को जयपुर रेल्वे स्टेषन पहुॅचने का निर्देष दिया और आरोपियान को जयपुर रेल्वे स्टेषन से पकडा गया। जयपुर से इंदौर तक के रास्ते में आरोपियान द्वारा  घटना से अनभिज्ञता जाहिर की परंतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री कुमार सौरभ व नपुअ विजयनगर श्री अमरेन्द्रसिंह की लगातार पूछताछ के बाद आरोपी टूट गये और उन्होने जो घटनाक्रम बताया वह इस प्रकार है-
                आरोपियो द्वारा पूछताछ के दौरान दी गई जानकारी के अनुसार आरोपियो ने दिनांक ०५.०३.११ को स्कीम नं. ५४ में टींकू कॉफी हाऊस से रात करीबन १०.०० बजे गुलषन को बुलाया व अपनी स्वीफ्ट कार में बैठाकर ले गये तथा पहले गुलषन का एटीएम कार्ड लेकर, एटीएम से आरोपी अंषुल ने ०३ हजार रूपये निकाले इसके पश्चात्‌ बिना नंबर की सफेद स्वीफ्ट कार में रवि गुर्जर के घर ले गये तथा रात भर स्वीफ्ट कार में अंषुल ने गुलषन को हैप्पी उर्फ रूद्राक्ष के साथ बंधक बना कर रखा व रवि गुर्जर अपने घर जाकर सो गया।
                दिनांक ०६.०३.११ को उक्त तीनो आरोपी गुलषन को लेकर रिद्वी-सिद्वी ऑटो डील सपना संगीता रोड पर गुलषन की करीष्मा गाडी नं. एमपी-०९/एमबी/१५८८ को बेचने संजय हार्डिया के पास पहुॅचे । संजय हार्डिया ने दूसरे ऑटोडिल के पवन जायसवाल को गाडी करिष्मा ५७ हजार २५० रूपये की खरीदने का सौदा तय किया। २५ हजार रूपये नगद बदमाषो को दिये पश्चात्‌ आरोपिगण गुलषन को बिना नंबर की स्वीफ्ट में लेकर हैप्पी के घर आये । स्वीफ्ट हैप्पी के घर खडी कर रवि गुर्जर की स्कार्पियो नं. एमपी-०९/सीए/४६५६ में गुलषन को बैठाकर क्षिप्रा, सांवेर बायपास होकर उज्जैन पहुॅचे जहॉ पर गुलषन के मोबाईल से गुलषन के मामा सुषील गुरवानी के मोबाईल पर फोन लगाकर ०५ लाख रूपये एटीएम में डालने को कहा नही देने पर गुलषन की हत्या करने की धमकी दी।
                गुलषन द्वारा फोन से बातचित करते समय अपने परिजनो को अंषुल राजपूत का नाम बताने पर अंषुल ने मोबाईल छिनकर बंद कर दिया व बेसबॉल के बैट से पैर व कंधो पर गुलषन को चोट पहुॅचायी तथा उज्जैन के आगे जाकर अंषुल राजपूत व हैप्पी द्वारा तार से गला कसकर गुलषन की हत्या कर दी तत्पष्चात्‌ झालावाड तरफ इंदौर रोड से ०७ किमी दूर गड्डे में पटककर पहचान छिपाने हेतु पत्थरो से चेहरा कूचलकर रबड पर रखकर  पेट्रोल डालकर आग लगा दी व तीनो अपनी स्कार्पियो से नेवई जाकर विरेन्द्र गुर्जर को साथ लेकर जयपुर गये वहॉ से विरेन्द्र को स्कार्पियो देकर आरोपिगण दिल्ली व अमृतसर चले गये। पश्चात्‌ दिनांक १३.०३.११ को प्रातः ०६.०० बजे जैसे ही जयपुर बस स्टैण्ड पर पहुॅचे वहॉ पर पूर्व से ही आरोपियो की तलाष में लगी क्राईम ब्रांच की टीम के एसआई अनिल सिंह चौहान की टीम द्वारा घेराबंदी कर आरोपियो को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियो ने गुलषन की हत्या करने का मुख्य कारण अंषुल को बेईज्जती कर कमरे से निकालना व फिरौती के रूप में ०५ लाख रूपये मिलने के लालच में मौत के घाट उतारकर लाष को पेट्रोल डालकर अमानविय रूप से आग लगा दी। मृतक की षिनाख्तगी हेतु आरोपियो की निषादेही पर घटना स्थल का वेरीफीकेषन कर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
            उक्त घटना के आरोपियो को पकडने में मुख्य रूप से क्राईम ब्रांच इंदौर की भूमिका उल्लेखनिय रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की गई है। 

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