Monday, August 30, 2010

हत्या के प्रयास का प्रकरण झूठा निकला फरियादी के साथियो ने अपने विरोधीयों को फसाने के लिये खुद ही रची थी साजिश

इन्दौर -दिनांक ३० अगस्त २०१०- पुलिस अधीक्षक पश्चिम (शहर/देहात) श्री श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि फरियादी युवराज गोस्वामी पिता अरविंद (२८) निवासी मालवीय नगर की रिपोर्ट पर दिनांक २५ अगस्त २०१० के रात्री ०९.३० बजे आरोपी युवराज दुबे उर्फ आसू उर्फ अश्विनी २. रूपेश उर्फ मन्चू ३. जय. ४. गणेश के विरूद्व थाना किशनगंज पर अपराध क्रं. ४५१/१० धारा ३०७,३२४,३४ भादवि २५,२७ आर्म्स एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया था। मेडिकल परिक्षण सी.एच. अस्पताल महू से करवाया गया था। रिपोर्ट के दिन से ही घटना संदिग्ध लग रही थी।
    उसके उपरांत फरियादी युवराज गोस्वामी एमव्हाय अस्पताल इंदौर में भर्ती होकर ईलाज करा रहा था जो दिनांक २८ अगस्त २०१० को एमव्हाय अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ जिससे घटना के संबंध में बारिकी से पूछताछ की गई तो रिपोर्ट झूठी पाई गई।
    घटना की खुलासावार जानकारी निम्न है - दिनांक २५ अगस्त २०१० को सन्नी मराठा, विक्की उर्फ विक्रम, सुभाष, अमर ने मिलकर योजना बनाई थी कि युवराज गोस्वामी को चाकू तथा गोली मारकर युवराज दुबे उर्फ अश्विनी के विरूद्व एफआईआर कराना है। जो योजनानुसार चारो आरोपी महू आये ये सभी लोग युवराज गोस्वामी के पुराने पहचान के थे तथा छोटी कलाली महू से शराब पिकर आये थे। युवराज गोस्वामी को सन्नी बोला थोडा चाकू खाना है और युवराज दुबे उर्फ अश्विनी के विरूद्व रिपोर्ट करना है इतना बोलकर अमर ने दाहिने पैर में चाकू मारा व सुभाष ने कट्टे से गोली मारी जो युवराज गोस्वामी को दाये पैर के नीचे घुटने में गोली लगी इसी बीच अमर को भी सीधे हाथ में गोली लगी थी। सन्नी ने युवराज गोस्वामी पर दबाव बनाकर थाना किशनगंज पर युवराज दुबे उर्फ अश्विनी व उसके भाई रूपेश, जय व गणेश के विरूद्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी तथा अमर ने अपने हाथ में गोली लगने की झूठी रिपोर्ट रावजी बाजार में विरोधी गब्बर वगैरह के विरूद्व दर्ज कराई थी। जिसमें आरोपी अमर,  पिता सालीकराम (२४) निवासी जबरन कॉलोनी इंदौर तथा विक्की उर्फ विक्रम पिता जितेन्द्र (२३) निवासी सुदामानगर इंदौर के विरूद्व साक्ष्य पाने से आज दिनांक ३० अगस्त २०१० को गिरफ्‌तार किया गया जबकि प्रकरण में अन्य आरोपी सन्नी मराठा घटना के तीन दिन बाद थाना अन्नपूर्णा के किसी प्रकरण में जेल में निरूद्व है तथा सुभाष फरार है।
        उपरोक्त मामले का पर्दाफाश करने में थाना प्रभारी महू दौलतसिंह गुर्जर, थाना प्रभारी किशनगंज रघुप्रसाद, उपनिरीक्षक डी.एस.परमार. प्रआर. रमेश पाटिल, जितेन्द्र मिश्रा, ब्रह्‌मानंद आर. मुकेश, योगेश, रियाज, विजय, अमीन की भूमिका सराहनीय रही।

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