Tuesday, August 10, 2010

म.प्र.पुलिस एवं भारतीय रिजर्व बैंक व्दारा गेैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों के कार्य जॉच पर इन्दौर पुलिस कन्ट्रोल रूम में कार्यशाला सम्पन्न।

इंदौर १०/८/१०-पुलिस कन्ट्रोल रूम इंदौर में गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों से संबधी कार्य, पुलिस व्दारा जॉच व अनुसंधान पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अपराध अनुसंधान विभाग म.प्र.भोपाल व्दारा रिजर्व बैंक,भोपाल एवं इंदौर पुलिस के सहयोग से कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री डी.श्रीनिवास राव एवं पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री मकरन्द देउस्कर उपस्थित रहे। इस सेमीनार में प्रमुख वक्ता
ह्ढ    श्री एस.एम.तूरा, उप महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक,
ह्ढ    श्री एम.ए.सैयद, प्रभारी मॉनिटरिंग सेल ,अपराध अनुसंधान विभाग भोपाल रहे।
ह्ढ    उपरोक्त सेमीनार का समन्वय रक्षित निरीक्षक जी.बी.रावत,एवं प्रभारी कन्ट्रोल रूम निरीक्षक सुभाषसिंह द्वारा किया गया। कार्यशाला में जाली नोटों की पहचान व जॉच , गैर बैंकिग वित्तीय कंपनी नियम , परिनियम व पर्यवेक्षण , असंस्थागत कंपनी अनिगमित संस्थाएॅ ;न्प्ठैद्ध अनियमित वित्तीय संस्थाओं की अवैधानिक गतिविधियों वं उनकी जॉच, अनुसंधान में पुलिस विभाग अनुसंधान जॉच संस्थाओं ब्प्क्ए म्व्ॅ आदि की कार्यप्रणाली तथा कर्तव्य, मोबाइल, ई-मेल, लॉटरी प्रलोभन पर कार्यवाही का प्रशिक्षण दिया गया। उप पुलिस अधीक्षक इंदौर श्रीमती बीला खरते, निरीक्षक सीआयडी नीलू बर्डी भोपाल, एवं निरीक्षक डी.के.तिवारी, निरीक्षक डी.एस.बघेल आदि प्रमुख रहे। परिचर्चा में पुलिस विभाग के सीआयडी इन्दौर, पुलिस जोन, इंदौर , उज्जैन के उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक स्तर के ५० अधिकारियों ने भाग लिया जिन्होने इस संबध में प्रशिक्षण प्राप्त किया व परिचर्चा में सराहनीय योगदान दिया। सायंकाल सभी प्रतिभागियों ने फीड बैक व जॉच अनुसंधान पर अनुभवाधारित चर्चा की। इस परिचर्चा में विभिन्न अनिगमित संस्थाओं, गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों, चीट फंड कंपनी ,अनिगमित निकायों की अवैधानिक अपराधिक गतिविधियों, बैंक फायनेंस फ्राड पर विस्तृत चर्चा की गयी व म.प्र. के विभिन्न जिलों में घटित अपराधों की स्थिती की भी समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि म.प्र. में ३० कंपनियॉ अवैधानिक ,अपराधिक गतिविधियॉ गत वर्षों में संचालक जनता का करोडों रूपया डिपॉजिट के रूप में प्राप्त कर फरार हो गये। जिनमें प्रमुख कंपनी है अलफहाद, क्रिस्टल के्रडिट, महाकौशल फायनेंस, गोंडवाना फायनेंस, बडजात्या फायनेंस आदि। इनके विरूद्ध म.प्र. के विभिन्न जिलों में अपराध पंजीबद्ध है, जिनमें न्यायालय में अभियोजन हुआ है। संपूर्ण म.प्र. में विभन्न थानों में लगभग ३०० अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हो चुके है। इस संबध में अक्टूबर माह में एक सेमीनार जबलपुर में रीवा, शहडोल, बालाघाट, जबलपुर संभाग के पुलिस अधिकारियों के लिये आयोजित किया जावेगा।

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