इन्दौर- दिनांक ३१जुलाई २०१०- पुलिस अधीक्षक (पूर्व) श्री मकरंद देउस्कर को शिकायत मिली कि आइडिया कंपनी में कुछ लोग वीआईपी नंबर देने के नाम पर ग्राहको के साथ चीटिंग कर रहे हैं। उसका शिकायत पत्र जांच हेतु क्राईम ब्रांच के अति० पुलिस अधीक्षक अरविन्द तिवारी को भेजा गया। उप पुलिस अधीक्षक जितेन्द्रसिंह के निर्देशन में उप निरीक्षक अनिलसिंह चौहान एवं उनके दल को इस कार्य हेतु लगाया। उप निरीक्षक अनिलसिंह चौहान ने आइडिया कंपनी से जानकारी प्राप्त की तो ज्ञात हुआ कि कंपनी के कुछ ऐसे नंबर जिनको कंपनी ने मार्केट में लांच ही नहीं किया और वे नंबर एक्टीवेट किये गये हैं। नोडल आफीसर आइडिया कंपनी से जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि अतुल तिवारी पिता ओमप्रकाश तिवारी नि० गौरी नगर इन्दौर के द्वारा अपने मोबाईल से तीन सिम नंबर ८८८९९-९००८०, ८८८९९-९००९०, ८८८९९-९०१०० एक्टीवेट किये गये हैं। इस मोबाईल नंबर का नाम पता ज्ञात कर आरक्षक बसीर खान, राजभान, सुरेश को पता ढूढने हेतु भेजा गया, जिन्होंने अतुल तिवारी पिता ओमप्रकाश तिवारी नि० गौरी नगर इन्दौर को पकड़ लिया।अतुल तिवारी पिता ओमप्रकाश तिवारी निवासी गौरी नगर इन्दौर से पूछताछ करने पर उसने बताया कि खाली सिम अपने दोस्त दीपक पिता ओमप्रकाश कुशवाह निवासी न्यू गौरीनगर इन्दौर को अपना मोबाईल व एक सिम चलाने को दी हैं। तत्काल टीम के आरक्षकों को भेजकर दीपक को पकड़वाया तो उसने उक्त सिम एक्टीवेट करना स्वीकार किया। उप निरीक्षक अनिलसिंह चौहान द्वारा गहन पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि अतुल तिवारी एक वर्ष तक आइडिया कंपनी के काल सेंटर समृद्धि में काम करता था, ४-५ माह पहले उसने काम छोड़ दिया। उसी अवधि में उसने २-३ खाली सिम चुरा ली थी, जिन्हें दीपक कुशवाह को दे दी। दीपक कुशवाह वर्तमान में समृद्धि में काम करता हैं। इसी दौरान उसने कंपनी के साफ्टवेयर प्रिज्म के माध्यम से उक्त तीनों नंबर खाली सिम पर एक्टीवेट कर लिये। आरोपीगणों ने उक्त सिमों को एक्टीवेट करने का कारण बताया कि वह प्रीमियम (वीआईपी) नंबर हैं। जिनकी कीमत कंपनी दो हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक होती हैं। ये नंबर फ्री में चलाने को ले लिये थे, जब कंपनी किसी को उक्त नंबर अलाट करती तो ये नंबर बंद हो जाते। उक्त प्रकरण थाना हीरानगर इन्दौर को अग्रिम कार्यवाही हेतु सौंपा गया हैं।
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