Friday, April 9, 2010

चार पहिया, वाहन चोरी कर बेचनेवाले अन्तरराज्यीय गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार

१.    क्राइम ब्रॉंच इन्दौर द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर ४ पहिया, वाहन बेचने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश ।
२.    गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार,करीबन ६० लाख रूपये के वाहन जप्त
३.    गिरोह का सरगना हरियाणा के रिटायर्ड जेलर का पुत्र है।
४.    विगत सात वर्षो में गेंग के सदस्यों द्वारा हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान,उत्तर प्रदेश, व बिहार में बेचे गऐं १०० से ज्यादा ४ पहिया वाहन ।
    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री श्रीनिवास राव ने बताया कि वाहन चोरी के अपराधों पर अकुंश लगाने हेतु इन्दौर शहर में दीगर प्रान्तो से आये हुऐ वाहनों पर नजर रखने हेतु शहर के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था । पुलिस अधीक्षक पुर्व श्री मकरंद देउसकर ने अति. पुलिस अधीक्षक (अपराध) अरविद तिवारी, एवं उप पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिह को क्राईम ब्रॉच की टीमों को इस बाबत्‌, उचित निदेश देकर पतारसी हेतु लगाया था जिसमें आज दिनांक को एक बडी सफलता टीम को उस उक्त मिली जब उन्हें एक टवेरा कार को एक व्यक्ति चलाता मिला जो कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर  कागजात बनवाने इन्दौर आया हुआ था । यह भी सूचना मिली की दीगर प्रान्तो से ४ पहिया वाहन लाकर फर्जी दस्तावेजो के आधार पर कागजात बनवाने का कार्य किसी एक गिरोह द्वारा बडी चालाकी से किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर क्राईम ब्रॉच के सहायक उप निरीक्षक संतोष पाण्डेय, व उनकी टीम के प्रधान आर. जगदीश मालवीय, आर. जितेन्द्र परमार, आर. गोविदं सिह, आर. विनोद शर्मा, आर. अरविंद, को लगाया गया था, टीम को आज दिनांक ०९.०४.१० को सूचना मिली की सपना-सगीता रोड पर स्थित आटो डिल की दुकानों के पास एक सफेद कलर की टवेराकार जिसके कि पीछे के नम्बर अस्पष्ट है, व गाडी हरियाणा पासिंग है, जिस पर टीम तत्काल सुचित स्थान पर पहुची व एक सफेद रंग की खडी टवेरा कार जिसका नम्बर एच.आर.३६यू१०६१, के अन्दर बैठे व्यक्ति से अपना परिचय देकर नाम पता पुछने पर उसने अपना नाम विकास पिता अशोक सोनवान ३० साल नि. ८१ बजरंग मोहल्ला मक्सी जिला शाजापुर का बताया जिससे वाहन के कागजात व एन.ओ. सी. मागे जाने पर विकास ने बताया कि वह वाहन आर.टी.ओ. कार्यालय रजिस्ट्रेशन करवाने के लिये ही लेकर आया है व उसके द्वारा एक वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड रेवारी हरियाणा आर.टी.ओ. द्वारा जारी किया हुआ बताया जिसके इन्जन व चैचिस नम्बर के संबंध में रेवारी आर.टी.ओ. कार्यालय दुरभाष के माध्यम से उक्त वाहन के संबंध पुछताछ की गई तो पता चला की यह सिरीज दो पहिया वाहनों के लिये ही आवंटित है,चार पहिया वाहनों के लिये यह सिरीज नही है । टीम द्वारा इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया जाकर तत्काल ही वाहन के सबंध में अन्य जानकारिया एकत्रित की गई तो पता चला कि विकास एक ऐसे अन्तराज्जीय गिरोह का सदस्य है, जो कि दिगर प्रान्तो से वाहन लाकर उनका फर्जी रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश से करवाकर बेच रहा है।     आरोपी विकास सोनवान से पुछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने अपने साथी ओमप्रित पिता ओमानंद जाट ३० साल नि. विश्वकर्मा कालोनी चरखीदादरी जिला भिवानी हरियाणा एवं पवन कुमार डुडी पिता श्रीराम सिह डुडी जाट ३३ साल नि. प्रोफेसर कालोनी चरखी दादरी जिला भिवानी हरियाणा के साथ मिलकर विगत ३ वर्षो में शाजापुर, उज्जैन, शुजालपुर, क्षैत्र में कुल ८ वाहन ४ पहिया वाले जिनमें से ५ टवेरा कार, १ स्कारपियो, १ महेन्द्रा मेक्स फेैस्टीवा, तथा १ महेन्द्रा बुलेरो, किमती करीबन ६० लाख रूपये की गाडियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचे है। सउनि संतोष पाण्डेय द्वारा पुलिस थाना जुनीइन्दौर, पर आरोपियों के विरूद्ध धारा ४२०,४६७,४६८,४७१,भादवि का अपराध पंजीबद्ध कराया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम बेची गई गाडियो के असली मालिक व फायनेंस कंपनियों से भी इस बाबत संपर्क कर रही है। उप पुलिस अधीक्षक क्राईम बं्रॉच जितेन्द्र सिह ने बताया कि पकडे गये आरोपी विकास पिता अशोक सोनवान की निशादेही पर आरोपी पवन कुमार डुडी पिता श्रीराम डुडी नि. चरखीदादरी जिला भिवानी को पुछताछ हेतु हिरासत में लिया जाकर पुछताछ की गई तो पवन ने बताया कि ओमप्रीत पिता ओमानंद जाट उसके गिरोह का मुख्य सरगना है, जो कि सन्‌ २००५ से सस्ती ४ पहिया वाहन जिनमें कि ज्यादातर ऐसे वाहन जो कि फायनेंस पर होते है/चोरी के होते है, उनका सिर्फ रजिस्ट्रेशन नम्बर बदल कर फर्जी कागजात तैयार करके  अन्य प्रान्तो में बेच देते है, गिरोह हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, व मध्यप्रदेश,  में इस कार्य को कर रहा है। १ वाहन को इस प्रकार फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेचकर इन लोगो को करीबन २ से ३ लाख रूपये का फायदा हो जाता है। अब तक इस गिरोह द्वारा करीबन २०० से २५० तक ४ पहिया वाहन उपरोक्त शहरों में बेचे जा चुके है, जिनमें से गिरोह का सरगना ओमप्रीत पिता ओमानंद ३-४ बार अन्य शहरों में गिरफ्तार भी हो चुका है।








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