इन्दौर- दिनांक ३० अपै्रल २०१०- पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री मकरन्द देउस्कर के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्व महेशचन्द्र जैन के नेतृत्व मे नगर पुलिस अधीक्षक विजय नगर अमरेन्द्रसिह चौहान के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी खजराना बी.एस.परिहार व उनकी टीम के सउनि राजेन्द्रसिह चौहान, प्रधान आरक्षक नरसिह यादव, आरक्षक नरेन्द्र, चन्द्रशेखर, चन्दरसिह, द्वारा थाना खजराना के ही अपराध क्रंमाक ८४५/०८ धारा ३०२.२०१.भादवि की केश डायरी का अध्ययन कर विवेचना के दौरान डायरी मे उल्लेखित महत्वपूर्ण विन्दुओं के आधार पर कार्ययोजना बनाकर दिनांक २९ अक्टूबर २००८ को घटित घटना जो लगभग पतारसी न होने से विवेचना बन्द होने की स्थिति मे थी, का पर्दाफॉश करते हुए आरोपी मानकिया उर्फ मानसिह भील पिता भूरू भील (३०) निवासी ग्राम मवडी थाना सरदारपुर जिला धार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। घटना इस प्रकार थी कि २० अक्टूबर २००८ के १६.१५ बजे थाना खजराना क्षैत्र मे ग्राम कनाडिया के चौकीदार सुभाष पिता मदनलाल ने सूचित किया कि भगवानसिह के कुॅए से करीब १०० मीटर दूर कनकनवती सूखी नदी में गाजर घास के अन्दर एक लाश पडी है। लाश के उपर सूखी जली हुई घास पडी है। जो लाश को छुपाने का प्रयास किया गया है। दिनांक १३ नवम्बर २००८ को अथक प्रयास के बाद उक्त शव की पहिचान राजाराम पिता मनिया भील (४५) निवासी ग्राम करामतपुरा थाना ठीकरी जिला बडवानी के रूप मे हुई। इस प्रकरण में अध्ययन के बाद संतोष पाटीदार के यहां उस समय कोन -कोन से मजदूर काम कर रहे थे जो घटना के बाद से ही गायब है, उन सभी से पूछताछ की जाये, इस बिन्दू पर सूक्ष्म विवेचना करते हुए घटना के पूर्व व घटना के बाद संतोष पाटीदार के यहां काम करने वाले सभी मजदूरो की जानकारी एकत्रित की तो यह बात सामने आई कि मृतक राजाराम आरोपी मनकिया दोनो संतोष पाटीदार के यहा एक वर्ष से मजदूरी करते थे आरोपी मनकिया उक्त घटना दिनांक की रात्री लगभग दो बजे अपने सामान व परिवार सहित कही चला गया है। मनकिया का स्थाई पता नही होने से पुलिस के सामने बडी चुनौती थी जिला धार व खरगोन में मानसिह नाम के हत्यारे को तलाश कर निकाला जाये। इस बीच ग्राम कनाडिया में काम करने वाले एक मुखबिर ने जानकारी दी कि मानसिह उर्फ मनकिया भील धार जिले के ग्राम मवडी थाना सरदारपुर का रहने वाला है, जो घटना के बाद से ही अपनी रिस्तेदारी में गुंजरात में राजकोट के पास किसी गांव में रह रहा है। कई बार पुलिस बल उक्त गांव मे आरोपी मनकिया की तलाश मे भेजा गया परन्तु स्पष्ट पता नही चल पाया। अभी हाल ही में पुलिस की टीम आरोपी के गांव इसकी तलाश मे गई थी तो वहा से पता चला कि काम के सिलसिले में मनकिया इन्दौर गया है। जिसका पीछा करते हुए पुलिस ने आरोपी मनकिया को ग्राम कनाडिया से पकडा। मनकिया ने सम्पूर्ण घटना को स्वीकार करते हुए बताया कि उसने यह मान लिया था कि पुलिस घटना के सम्बध मे जॉच पडताल बन्द कर चूकी होगी इसलिये वह उसी जगह काम की तलाश मे वापस आया था। उसे यह भी बताया कि सेठ ने हम दोनो की मजदूरी मृतक राजाराम को १२ हजार रूपये दे दी गई थी, जो मृतक राजाराम मेरी मजदूरी मुझे नही दे रहा था, इसलिये मैने उसे शराब पिलाकर कनाडिया कनकनवती सूखी नदी पर ले जाकर जान से मार डाला। आरोपी मनकिया ने यह भी बताया कि घटना की जानकारी उसके अलावा किसी को नही थी, वह चाहता तो पुलिस कार्यवाही के समक्ष उपस्थित रह सकता था। घटना के समय उसकी दाहनी आंख के उपर मृतक राजाराम द्वारा उठापटक मे चोट पहुॅचाई गई थी, अगर वह पुलिस के सामने आता तो पुलिस उससे यह जरूर पूछती कि उसे चोट कैसे आई, इसलिये वह रातोरात फरार हो गया था। इस चोट का उपचार उसने रिंगनोद जिला धार में प्रायवेट डॉक्टर से करवाया था। पुलिस खजराना द्वारा प्रकरण मे विवेचना करते हुए कार्यवाही की जा रही है तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस अन्धेकत्ल का पर्दाफॉश करने वाली टीम को पुरूष्कृत करने की घोषणा की है।
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