राष्टीय जनसहयोग एवं बाल विकास संस्थान महिला बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार व्दारा स्कूल ऑफ सोषल वर्क इन्दौर में दिनांक २३/११/०९ को घरेलू हिंसा अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यषाला के मुख्य उददेष्य अधिकारियों को अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करना, कार्यक्षेत्र में आने वाली परेषानियों के संबध में चर्चा करना, पुलिस विभाग, सेवा प्रदाता एवं संरक्षण अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करना एवं इनकी प्रषिक्षण संबधी आवष्यकताओं को ज्ञात करना था। उपरोक्त कार्यषाला में ७० प्रतिभागी सम्मिलित हुए। जिनमे २० पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी जो उक्त अधिनियम से संबधित कार्य करते है तथा २० अधिकारी जो म०प्र०षासन महिला बाल विकास विभाग के थे जो संरक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। १५ अधिकारी एन।जी.ओ. संस्था से थे एवं १५ स्कूल सोषल वर्क के पोस्ट गे्रजूएट छात्र सम्मिलित हुए। इस कार्यषाला की आवष्यकता को पूर्व में दो दिवसीय घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ के जागरूकता अभियान कार्यक्रम पष्चिमी क्षेत्र के सात राज्यों के सरकारी तथा गैर-सरकारी प्रतिनिधियों के लिये आयोजित किया गया था में महसूस किया गया था। इस कार्यषाला में प्रतिभागियों को घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ पर जागरूक किये जाने हेतु विषेष अतिथी वक्ता के रूप में सुश्री संध्या व्यास, संयुक्त निदेषक महिला बाल विकास संस्थान , डा.श्रीमती मंजूला तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सुश्री अनुपा पहल, एन.जी.ओ इंदौर, श्री विनीत कपूर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंदौर व्दारा व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के समापन के दोैरान मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/उ.म.नि. श्री विपिन माहेष्वरी ने अपने उदबोधन में कहा कि, पुलिस विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वयं सेवी संगठनों को आपस में ताल-मेल बैठाकर समग्र रूप् से ऐसी कार्यवाही करनी चाहिए जिससे पिडित महिलाओं को त्वरित न्याय प्राप्त हो सके। एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की पूर्ति के बजाय साथ-साथ कार्य करने की प्रवत्ति का विकास कर घरेलू हिंसा से पिडित न केवल विवाहित स्त्री बल्कि बच्चों एवं वृद्धों को भी सहज मदद मिल सके तथा कानूनी, मनोवैज्ञानिक एवं आर्थिक मदद मिले इस हेतु प्रयास किये जाने चाहिए। इन्दौर जिले में १० महिला परिवार परामर्ष केन्द्र एवं महिला हेल्प लाईन खोली गयी है इन सभी केन्द्रों में अच्छे स्वयंसेवी संगठनो से सहयोग प्राप्त करने की आवष्यकता है। स्वयं सेवी संगठनों के सदस्यों से अपेक्षा है कि इन परामर्ष केन्द्रों से जुडकर अपना योगदान समाज की सेवा तथा पिडितों को न्याय प्रदान करने में करें। स्कूल ऑफ सोषल वर्क एवं अन्य सुप्रषिक्षित लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है ताकि समाज हित में कार्यवाही की जा सके।
No comments:
Post a Comment