इन्दौर -दिनांक 04 अगस्त 2012- पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री डॉ. आशीष सिंह व्दारा अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्रसिंह को अपराधों की रोकथाम एवं विशेष रूप से विगत दिवस हुए अंधे कत्ल, डकैती आदि गम्भीर अपराधों से सम्बधित आरोपियों को पकड़े जाने हेतु निर्देशित किया गया था। घटना दिनांक 6-7 जुलाई 2012 की दरम्यानी रात्रि पलासिया मस्जिद के पीछे मैदान पर हुए अन्धे कत्ल जिसमें संजय उर्फ संजू पिता बाबूलाल चौहान, (24) निवासी मूसाखेड़ी इंदौर की हत्या कर उसकी पहचान न हो इसके लिये उस व्यक्ति की लाश कम्बल डालकर जलाने का प्रयास कर घटना कारित की गयी थी। जिस पर थाना तुकोगंज में अपराध क्रमाक 401/12 धारा 302 भादवि का पंजीबध्द किया गया था।
उक्त घटना में अपराधियों की पतारसी हेतु निरीक्षक क्राईम ब्रांच जयन्त सिंह राठौर के नेतृत्व में गठित टीम जिसमें उनि. महेन्द्र सिंह परमार, सउनि. अशोक गुर्जर, प्र.आर. नरेन्द्र सिंह गौर, आर.भगवानसिंह, मनीष तिवारी, संतोष सिंहसेंगर, जितेन्द्र सिंह, ने मेहनत एवं लगन से संदिग्ध व्यक्ति एवं अपराधियों से पूछताछ एवं पतारसी का कार्य करते, क्राईम ब्रांच की टीम को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि अपोलो रेवेन्यु बिल्डिंग जो नफीस बेकरी पलासिया के पीछे स्थित है, उक्त बिल्डिंग में सफाई का कार्य में लगे भारत पिता दीपक हरिजन, एवं विजय पिता दिलीप हरिजन निवासी हरिजन कॉलोनी व्दारा उक्त घटना की गयी है। इस सूचना पर दोनों को पकड़ा जाकर उनसे पूछताछ शुरू की गयी। पहले तो बदमाशों ने घटना के सम्बन्ध में कोई जानकारी होना नहीं बताया परन्तु सखती से पूछताछ में दोनों आरोपियो ने बताया कि मृतक संजीव नफीस बेकरी के सामने से आटो चलाने का कार्य करता था, उनकी दोस्ती हो गयी थी, घटना दिनांक को मृतक संजू दोनों आरोपियों को अपने आटो में बिठा कर गीताभवन,पलासिया आदि जगहों पर घूमा रहा था। बाद में तीनों के व्दारा पलासिया मस्जिद के पीछे बैठकर शराब पी थी। शराब पीने के दौरान ही आपस में इनका विवाद हुआ था उसी को लेकर इनके व्दारा मृतक संजू के सिर पर पहले पत्थर से वार किया था,बाद में उसकी हत्या कर दी। मृतक पहचान में न आये इसलिए उसके उपर कम्बल डालकर आग लगा दी थी।
उक्त अन्धे कत्ल के आरोपियान को पकड़ने हेतु तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला-इंदौर, द्वारा प्रत्येक आरोपी को पकड़ने के लिये 10,000/- रूपये का ईनाम उद्घोषित किया था ।
उक्त घटना में अपराधियों की पतारसी हेतु निरीक्षक क्राईम ब्रांच जयन्त सिंह राठौर के नेतृत्व में गठित टीम जिसमें उनि. महेन्द्र सिंह परमार, सउनि. अशोक गुर्जर, प्र.आर. नरेन्द्र सिंह गौर, आर.भगवानसिंह, मनीष तिवारी, संतोष सिंहसेंगर, जितेन्द्र सिंह, ने मेहनत एवं लगन से संदिग्ध व्यक्ति एवं अपराधियों से पूछताछ एवं पतारसी का कार्य करते, क्राईम ब्रांच की टीम को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि अपोलो रेवेन्यु बिल्डिंग जो नफीस बेकरी पलासिया के पीछे स्थित है, उक्त बिल्डिंग में सफाई का कार्य में लगे भारत पिता दीपक हरिजन, एवं विजय पिता दिलीप हरिजन निवासी हरिजन कॉलोनी व्दारा उक्त घटना की गयी है। इस सूचना पर दोनों को पकड़ा जाकर उनसे पूछताछ शुरू की गयी। पहले तो बदमाशों ने घटना के सम्बन्ध में कोई जानकारी होना नहीं बताया परन्तु सखती से पूछताछ में दोनों आरोपियो ने बताया कि मृतक संजीव नफीस बेकरी के सामने से आटो चलाने का कार्य करता था, उनकी दोस्ती हो गयी थी, घटना दिनांक को मृतक संजू दोनों आरोपियों को अपने आटो में बिठा कर गीताभवन,पलासिया आदि जगहों पर घूमा रहा था। बाद में तीनों के व्दारा पलासिया मस्जिद के पीछे बैठकर शराब पी थी। शराब पीने के दौरान ही आपस में इनका विवाद हुआ था उसी को लेकर इनके व्दारा मृतक संजू के सिर पर पहले पत्थर से वार किया था,बाद में उसकी हत्या कर दी। मृतक पहचान में न आये इसलिए उसके उपर कम्बल डालकर आग लगा दी थी।
उक्त अन्धे कत्ल के आरोपियान को पकड़ने हेतु तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला-इंदौर, द्वारा प्रत्येक आरोपी को पकड़ने के लिये 10,000/- रूपये का ईनाम उद्घोषित किया था ।