इन्दौर-दिनांक 03 जुलाई 2015-पुलिस उप
महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा अपराधो की रोकथाम एवं
अपराधिक तत्वो पर की जा रही कार्यवाही के अन्तर्गत, क्राईम ब्रांच इन्दौर को पैरोल अवधि से फरार हत्या के एक
खूंखार अपराधी को पकड़ने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा करीब 8 साल से फरार अपराधी करामात पिता ईस्माइल नायता निवासी
ग्राम पिपलई थाना सांवेर को पकड़ा है, इसने वर्ष 2003 में अपने साथी
रसीद तथा रफीक के साथ मिलकर, गांव पिपलई के ही
मुकद्दर पिता साज खां की मात्र 2060 रूपयें लूटकर हत्या कर दी थी। जिस पर थाना सांवेर पर धारा 397, 302 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार
किया गया था, जिसमें मा.
न्यायालय द्वारा आरोपी करामात को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रू. के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया था। आरोपी
करामात केन्द्रीय जेल इंदौर से दिनांक 04.12.2006 को 11 दिन के पैरोल पर
छूटकर अपने गांव पिपलई गया, वहां उसने अपनी
जमीन और मकान बेचकर, अपनी मां और
भाईयों को नायता मुण्डला में शिफ्ट कर दियाथा। आरोपी करामात दिनांक 10.04.07 को पुनः अपने गांव भाई रहमान के साथ पहुंचा और
गांव के ही नवाब पिता अजीज को अपनी मां के साथ अवैध संबंधो की शंका पर उसकी हत्या
करने का प्रयास किया व नवाब को अधमरा छोड़कर भाग गये। उक्त घटना पर थाना सांवेर पर
धारा 307,34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध
किया गया। पैरोल अवधि से फरार होने के कारण केन्द्रीय जेल इंदौर द्वारा भी थाना
एमजी रोड़ पर वर्ष 2007 मे करामात के
विरूद्ध धारा 31 घ जेल अधिनियम
के अन्तर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया।
नवाब की हत्या के प्रयास के बाद फरारी काटने के लिये आरोपी
करामात अजमेर चला गया, वहां कुछ दिन
रहने के बाद, जब इसे वहां भी
पकड़े जाने का डर सताने लगा तो यह जयपुर चला गया और वहां चाय-नाश्ते की होटल पर काम
करने लगा। वहां रहते हुए इसने अपना नाम राजेश पिता जगदीश रख लिया और स्वयं को
हिंदू के रूप में स्थापित कर लिया और वहीं की रहने वाली एक लड़की से शादी भी कर ली।
इसके बाद करामात ने अलग-अलग जगह काम किया और वर्तमान में यह करीब डेढ़ वर्ष से आटो
चला रहा था और जयपुर में ही हरीश टूर एंड टे्रवल्स के नाम से विजिटिंग कार्ड
बनवाकर कमीशन काकाम करने लगा था। आरोपी करामात जयपुर में ही अपने ठिकाने बदल-बदलकर
रहने लगा, और इसी बीच आरोपी ने अपना
नाम राजेश कुमावत उर्फ लम्बू पिता जगदीश कुमावत निवासी 282 बड़ौदिया बस्ती जयपुर राजस्थान का आधार कार्ड भी बनवा लिया।
आरोपी करामात ने अपनी पहचान छुपाने के लिये
सारे हथकण्डे अपनाये, लेकिन वह इन्दौर
पुलिस की क्राईम ब्रांच से नहीं बच पाया और पुनः पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
आरोपी को जब जयपुर से पकड़ा गया तो यह अपना नाम राजेश बताने लगा और हल्ला मचाने लगा,
जिससे वहां आसपास, इसको जानने वाले कई आटो चालक व चाय नाश्ते की होटल वाले आ
गये और इसके बचाव के लिये दबाव बनाने लगे, कि राजेश को कहां ले जा रहे हो, यह तो बहुत सीधा साधा आदमी है, इसका कोई लफड़ा
नहीं है। जब क्राईम ब्रांच द्वारा इसका असली नाम और अपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में
जानकारी दी और बताया कि यह जेल से भागा हुआ कैदी है, तब वहां लोगों को इसकी असलियत के बारें में पता चला। आरोपी
करामात ने अपनी पहचान छुपाने के लिये आधार कार्ड के अलावा और कौन-कौन से शासकीय
दस्तावेज तैयार करवाये है, इसकी भी जांच की
जा रही है, और जांचमें आने पर
संबंधित के विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही की जावेगी।
उक्त आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के
मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान
रहा।
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