इन्दौर 07 जून 2015 - पुलिस थाना परदेशीपुरा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 18 मार्च 2015 को सूचनाकर्ता आसिफ पिता अब्दुल हमीद (20) निवसी-966 कृष्णबाग कालोनी मालवीय नगर इन्दौर द्वारा रिपोर्ट की, कि उसके पिता अब्दुल हमीद पिता नादान खान (40) निवासी सदर, सुबह 11.00 बजे भण्डारी ब्रिज के नीचे स्थित अपनी दुकान पर से शेख रफीक पिता शेख रसीद को अपनी गाड़ी पर बिठाकर, एक लाल रंग की पेशन मोटर सायकल पर हेलमेट पहनकर आये व्यक्ति के साथ दो घंटे में आने का बोलकर गये थे, जो अभी तक नहीं आये है। फरियादी की सूचना पर थाना परदेशीपुरा पर गुम इंसान क्रं 22/15 कायम कर विधिवत जॉंच की गई, तो पता चला कि आसिफ को उसके पिता अब्दुल हमीद के बारे में सूचना शेख रफीक को द्वारा ही दी गई थी। इसी आधार पर जॉंच की गई। दिनांक 24 मार्च 2015 को हुकुमचंद मिल स्थित तालाब के पाल के किनारे पत्थरों से ढकी हुई एक डिकम्पोज हालत में लाश पायी गयी, जिसकी पहचान गुम इंसान अब्दुल हमीद के रूप मे हुई। मृतक के शव का पीएम कराया गया व फोंरेंसिक टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। फोंरेसिक एक्सपर्ट एवं शार्ट पीएम रिपोर्ट में गला घोटने से मृतक अब्दुलहमीद की मृत्यु होना बताया गया, जिसके आधार पर हत्या का अपराध क्रं 187/15 धारा 302, 201 भादवि का पंजीबद्ध किया गया।
घटना को गंभीरता से लेते हुए उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक पूर्व इन्दौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व जोन-1 श्री राजेश सहाय के नेतृत्व में नगर पुलिस अधीक्षक परदेशीपुरा श्री अजय जैन एवं थाना प्रभारी एस.के. दास की एक टीम का गठन कर, घटना के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। प्रकरण में टीम द्वारा संदिग्ध शेख रफीक से विस्तृत पूछताछ की गई एवं प्रकरण के अन्य सभी बिंदुओं पर बारिकी से जांच की गई। सभी संदिग्धो की कॉल डिटेल, पी.एस.टी.एन. आदि के आधार पर, घटना स्थल पर उनकी उपस्थिति एवं संदिग्धो के कथनों की जांच की गई। जांच में शेख रफीक ही मुखय संदिग्ध के रूप में सामने आया। यह मृतक के परिवार एवं पुलिस को घटना दिनांक से ही गुमराह करता रहा तथा उसके द्वारा पुलिस को जो भी कथन दिये गये वह पूर्णतः गलत पाये गये। प्रारंभ से ही उसके द्वारा हेलमेट पहने हुए लाल रंग की मोटर सायकल वाले की कहानी गढ़ी गयी, जिससे पुलिसभ्रमित होती रहे। संदिग्ध शेख रफीक की काल डिटेल, उसकी घटना स्थल पर उपस्थिति, उसके द्वारा मृतक के परिवार को सुबह से शाम तक सूचना न देना, जिन व्यक्तियों के सामने मृतक अब्दुल हमीद से चर्चा होना बताना, वह गलत साबित होना व फिर शाम को मृतक की सूचना उसके बेटे को देना, इन सभी बातों तथा शेख रफीक का कई लोगों से कर्जा लेना एवं उसके द्वारा अकारण ही मृतक अब्दुल हमीद व उसके साथी व्यापारी नजमु को पुनासा माल खरीदने ले जाने का प्रयास करना जबकि वहां कोई भंगार आदि सामान का नहीं होना तथा मृतक के पास पैसे होने की जानकारी केवल व्यापारी नजमु एवं संदिग्ध शेख रफीक को ही थी। उपरोक्त आधारों पर ही शेख रफीक से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा ही मृतक की हत्या करना स्वीकार किया तथा वारदात में मृतक के पास से गये रूपयों में से 9000 रू नगदी व मृतक का मोबाईल आरोपी के पास से जप्त किया गया है।
इस संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी परदेशीपुरा श्री एस.के. दास, सउनि के.के. तिवारी, प्रआर. देवेन्द्र, आर. अनिल, शैलेन्द्र एवं गोविंद का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा ।
घटना को गंभीरता से लेते हुए उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक पूर्व इन्दौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व जोन-1 श्री राजेश सहाय के नेतृत्व में नगर पुलिस अधीक्षक परदेशीपुरा श्री अजय जैन एवं थाना प्रभारी एस.के. दास की एक टीम का गठन कर, घटना के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। प्रकरण में टीम द्वारा संदिग्ध शेख रफीक से विस्तृत पूछताछ की गई एवं प्रकरण के अन्य सभी बिंदुओं पर बारिकी से जांच की गई। सभी संदिग्धो की कॉल डिटेल, पी.एस.टी.एन. आदि के आधार पर, घटना स्थल पर उनकी उपस्थिति एवं संदिग्धो के कथनों की जांच की गई। जांच में शेख रफीक ही मुखय संदिग्ध के रूप में सामने आया। यह मृतक के परिवार एवं पुलिस को घटना दिनांक से ही गुमराह करता रहा तथा उसके द्वारा पुलिस को जो भी कथन दिये गये वह पूर्णतः गलत पाये गये। प्रारंभ से ही उसके द्वारा हेलमेट पहने हुए लाल रंग की मोटर सायकल वाले की कहानी गढ़ी गयी, जिससे पुलिसभ्रमित होती रहे। संदिग्ध शेख रफीक की काल डिटेल, उसकी घटना स्थल पर उपस्थिति, उसके द्वारा मृतक के परिवार को सुबह से शाम तक सूचना न देना, जिन व्यक्तियों के सामने मृतक अब्दुल हमीद से चर्चा होना बताना, वह गलत साबित होना व फिर शाम को मृतक की सूचना उसके बेटे को देना, इन सभी बातों तथा शेख रफीक का कई लोगों से कर्जा लेना एवं उसके द्वारा अकारण ही मृतक अब्दुल हमीद व उसके साथी व्यापारी नजमु को पुनासा माल खरीदने ले जाने का प्रयास करना जबकि वहां कोई भंगार आदि सामान का नहीं होना तथा मृतक के पास पैसे होने की जानकारी केवल व्यापारी नजमु एवं संदिग्ध शेख रफीक को ही थी। उपरोक्त आधारों पर ही शेख रफीक से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा ही मृतक की हत्या करना स्वीकार किया तथा वारदात में मृतक के पास से गये रूपयों में से 9000 रू नगदी व मृतक का मोबाईल आरोपी के पास से जप्त किया गया है।
इस संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी परदेशीपुरा श्री एस.के. दास, सउनि के.के. तिवारी, प्रआर. देवेन्द्र, आर. अनिल, शैलेन्द्र एवं गोविंद का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा ।
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