इन्दौर-दिनांक 07 जुलाई 2015 पुलिस उप
महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्धारा अपराधों की रोकथाम एवं
अपराधिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए चलाये जा रहे
विशेष अभियान के तहत क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को एक बडी सफलता मिली है,
जिसमें उनकी टीम द्धारा कई सालों से फरार एक हत्यारे को पकडा है। हत्यारे का नाम
बबलू उर्फ जितेंद्र पिता रामकिशन कल्याणे निवासी हरिजन कालोनी पलासिया इंदौर है।
आरोपी वर्ष 1995 में यशवंत टाकिज में टिकिट ब्लेकिंग का काम करता था। वही
पर इसके साथी भाई लालू पिता रामकिशन, दोस्त हेमु पिता हरींशकर निवासी श्रीकृष्ण टाकिज के पास इंदौर, चंदर पिता रामेशवर निवासी मुखर्जी नगर, कैलाश पिता कमल निवासी संजय गांधी नगर जो कि
टाकिज में केंटिन पर काम करते एंव टिकिट ब्लैकिंग का काम करते थे। जहां पर इनका
कैलाश भाट पिता इंदरसिंह भाट निवासी भाट मोहल्ला इंदौर के साथ टिकिंट ब्लैक में बैचने को लेकर विवाद हो गया
था। दिनांक 16.04.1995 की रात करीबन 09.30 बजे हत्यारे बबलू उर्फ जितेंद्र ने अपने सभी
साथीयों को इकठ्ठा किया फिल्म छूटने के समय पूरी भीड के सामने बबलू ने अपने
साथियों के साथ मिलकर कैलाश भाट की धारदार हथियारों से मारकर हत्या कर दी थी। जिस
पर पुलिस थाना छोटीग्वालटोली ने अप0क्र 110/95 धारा 147,148,149,307,302 भादवि में बबलू उर्फ जितेंद्र एवं उसके
साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिस पर न्यायालय द्वारा दिनांक 31.01.2001 को आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित
किया था। एक वर्ष जेल काटने के बाद बबलू उर्फ जितेंद्र को मान. उच्च न्यायालय म0प्र0 इंदौरखांडपीठ द्वारा याचिका दायर करने पर जमानत पर छोड दिया था। प्रकरण के
विचारण के बाद दिनांक 24.06.11 को माननीय उच्च
न्यायालय म0प्र0 इंदौर खांडपीठ द्वारा बबलू उर्फ जितेंद्र की
आजीवन कारावास की सजा को यथावत रखा गया था। जैसे ही हत्यारे बबलू को उसके वकील के
द्वारा यह पता चला की उसकी सजा बरकरार है, तो वह तभी से फरार हो गया। फरारी के दौरान इसने अपना नाम बदलकर विजय रख लिया
और जगह बदल-बदल कर, छुप-छुपकर रहने
लगा। आरोपी पिछले कुछ सालों से इंदौर में ही अलग-अलग जगह अपनी पत्नि व बच्चों के
साथ रह रहा था। जिसको क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा आज मकान न 48/4 न्यू पलासिया हरिजन कालोनी इंदौर से क्राईम
ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा पकडा गया।
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