Sunday, July 5, 2015

झूठे अपहरण के प्रकरण के अन्य आरोपियान भी पुलिस की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 05 जुलाई 2015-पुलिस थाना एमआईजी क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 20.6.15 को सूचनाकर्ता सुधीर वासबानी पिता लखमीचंद वासबानी (48) निवासी के-147 कालिन्दी पार्क श्रीनगर एक्सटेंशन इंदौर ने थाने पर सूचना दिया कि मेरा लडका जतिन उर्फ शिवा पिता  वासबानी के संबंध मे रात्रि करीबन 08.45 बजे मेरी पत्नी अंशु वासबानी ने फोन पर बताया कि, जतिन दोपहर 12.00 बजे किसी से पैसे लेने का बोल कर पोलो सफेद रंग की कार  क्रं एमपी09/सीएच/3852 से गया था, जो अभी तक नहीं आया है और उसके मोबाइल न. 96696-98989 पर फोन भी नहीं लग रहा है, तो मैने भी जतिन के मोबाइल पर फोन किया तो उसका मोबाइल बन्द आ रहा था। मैने जतिन के दोस्तो को फोन लगया तो दोस्त चाहत ने वताया कि जतिन राजवर्धन सेंगर के पास गया था जो अभी तक घर नही आया है। मेरे लडके की सब दूर तलास कर ली जो अभी तक घर नही आया है। बगैर वताये कही चला गया है।
          इस दौरान दिनांक 21.6.15 को ललितपुर माननीय कासीराम अस्पताल से फोन आया कि जतिन नामक लडका जो इंदौर का है अस्पताल आया है। इस पर थाने से टीम कोललितपुर रवाना किया गया, जहां पहुंचकर पुलिस टीम ने जांच की तो पता चला कि गुमशुदा जतिन स्वंयं अपनी कार चलाकर अपने साथी राज्यवर्धन व उसके साथियो के साथ इंदौर से भोपाल तक गया था फिर राज्यवर्धन भोपाल से इंदौर वापस आ गया था और बाकी लोग ललितपुर निकल गये थे। इन लोगो ने रास्ते मे तथा ललितपुर पहुंचकर शराब पी। रात्रि मे शराब के नशे मे एक लडके रूपेन्द्र के छत से गिरने के कारण सभी अस्पताल गये व प्लान फेल होता देख गुमशुदा जतिन ने अस्पताल की नर्स के फोन से अपने पिताजी को अपहण की झूठी कहानी बतायी। बाकी लडके जतिन की कार लेकर चले गये। रास्ते भर जतिन का मोबाईल उसके साथ जिससे वह अपने परिजनो तथा दोस्तो से बातचीत करता रहा।
       गुमशुदा जतिन ने स्वंय दोस्तो राज्यवर्धन व उसके साथियो के साथ मिलकर अपने अपहरण की झूठी कहानी की साजिश रची व प्लान फेल होता देख अपने पिता को फोन किया। उसने बताया कि मै आईपीएल क्रिकेट के सट्टे में रूपये हार गया था मैने बचपन के दोस्त राज्यवर्धनसिंह से रूपये कर्जे से दिलाने की बात कही तो रूपयों की व्यवस्था नही हुई तो जतिन नें अपने दोस्त राज्यवर्धनसिंह के साथ स्वयं के अपहरण एवं पितासे दस लाख रूपये की फिरौती मांगने की झूंठी कहानी बनाई। जतिन ने अपनी कार स्वयं ड्राइव कर  रूपेन्द्र , पुष्पेन्द्र ,व राज्यवर्धनसिंह एवं अन्य साथियो के साथ ललितपुर चला गया तथा झूठी सूचना दी कि उसका अपहरण हो गया है। जबकि पुलिस द्वारा जाँच में पाया कि जतिन स्वयं उसके दोस्तो के साथ गया था व उसके पास उसका मोबाईल था जिस पर परिजनो तथा उसके दोस्तो से रास्ते भर बात करता रहा एवं रास्ते के विभिन्न टोल बैरियर पर भी टोल टैक्स स्वयं जतिन ने चुकाया। बाद जाँच इंदौर आकर जतिन के दोस्त राजवर्धनसिंह को थाने पर तलब कर कथन लिये गये जिसने भी उक्त झूंठी अपहरण की कहानी एवं छल द्वारा षणयंत्र पूर्वक जतिन के पिता सुधीर से दस लाख रूपये की फिरौती मांगने के उद्‌देश्य से जतिन को योजनाबद्ध तरीके से ललितपुर ले जाने की पुष्टि की व पुष्पेन्द्र के मोबाईल नंबर 8853016678 से राजवर्धन के मोबाईल नंबर 9893557095 पर जतिन ने बात की जिसकी रिकार्डिंग राज्यवर्धन के जप्त मोबाइल में सुरक्षित पाई गई तथा अपहरण हो जाने की सूचना देकर जतिन ने पुलिस को एवं अपने पिता सुधीर को गुमराह किया जो कि जाँच एवं वैज्ञानिक जाँच से जतिन व राज्यवर्धन को गिरफ्तार कर न्यायालयप्रस्तुत किया गया था।
       अन्य आरोपियो की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी तथा घटना मे प्रयुक्त कार एमपी09/सीएच/3852 की तलाश हेतु पुलिस की एक टीम को ललितपुर भेजा गया। जहां सूचना मिली की घटना मे प्रयुक्त कार एमपी09/सीएच/3852 कुण्डेश्वर धाम टीकमगढ के पास खडी है जिसको पुलिस टीम द्वारा अपने कब्जे लिया जाकर थाने लाया गया।
आरोपियान की खोजबीन लगातार पुलिस टीम द्वारा की जा रही थी तथा मोबाईल टावर की लोकेशन पर नजर रखी जा रही थी। आज दिनांक 5.7.15 को जरिये मुखबिर सूचना मिली की आरोपियान अग्रिम जमानत कराने के लिये आरोपी रूपेन्द्र के पिता महिपाल के घर 120 धीरज नगर पर एकत्रित हो रहे है। उक्त सूचना पर पुलिस टीम ने तत्काल कार्यवाही  करते हुये आरोपियो 1. रूपेन्द्र पिता महिपाल परमार निवासी 120 धीरज नगर इंदौर 2. गोलू उर्फ मिथुन पिता रतनसिंह निवासी सोमनाथ की नयी चाल इंदौर तथा 3. पुष्पेन्द्र पिता अमान सिंह निवासी ग्राम उदापुरा थाना बांधपुर जिला ललितपुर को धीरज नगर खजराना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
           इस संपूर्ण कार्यवही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी एमहआईजी श्री एम. ए. सैय्यद, उनि एम.एस.मण्डलोई, सउनि एन.एस. बघेल, प्रआर 2155 नगेन्द्र सिंह,  आर 2864 कृष्णकुमार पटेल, आर 93 संजय तिवारी तथा आर 3824 राजकुमार द्विवेदी का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।

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