इन्दौर-दिनांक 29 जून 2015- जिला लोक अभियोजन अधिकारी इन्दौर श्री बी.जी. शर्मा ने बताया कि माननीय अति.सत्र एवं विशेष न्यायाधीश महोदय श्री आर.के. गुप्ता द्वारा सत्र प्रकरण क्रं 631/11 में निर्णय पारित करते हुए प्रकरण के आरोपी रमेशचंद्र पिता कुंजीलाल निवासी 372/334 बी प्रजापत नगर इंदौर को धारा 409 भादवि के तहत दोषी पाते हुए 3 साल के सश्रम कारावास एवं 10 हजार के अर्थदंड से दण्डित किया गया है।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 24.11.2005 से 31.08.2007 के मध्य विभिन्न तिथियों पर सुदामा नगर इंदौर पोस्ट ऑफिस में बतौर डाक सहायक के पद पर काम करते हुए आरोपी द्वारा खाता क्रं 1236810 में जमा राशि 25 हजार, खाता क्रं 1237609 में जमा राशि 44 हजार, खाता क्रं 1235985 में जमा राशि 10 हजार, खाता क्रं 1237727 में जमा 10 हजार, खाता क्रं 123624 में जमा 27 हजार, खाता क्रं 1235435 में जमा 7 हजार, खाता क्रं 1235315 में जमा 23 हजार तथा खाता क्रं 1235899 में जमा धन राशि 6 हजार, कुल धनराशि एक लाख 52 हजार रूपयें जमाकर्ताओं से जमा करने के लिये प्राप्त कर, डाकघर के लेखे में जमा करना नहीं पाया गया। इस प्रकार आरोपी द्वारा उक्त जमाकर्ताओं के पैसो का गबन किया गया, जिसका प्रकरण पुलिस थाना अन्नपूर्णा में पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी के विरूद्ध उक्त आरोप सिद्ध होने से उसे उक्त दंड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी अति.लोक अभियोजक श्री निर्मल मण्डलोई द्वारा की गई।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 24.11.2005 से 31.08.2007 के मध्य विभिन्न तिथियों पर सुदामा नगर इंदौर पोस्ट ऑफिस में बतौर डाक सहायक के पद पर काम करते हुए आरोपी द्वारा खाता क्रं 1236810 में जमा राशि 25 हजार, खाता क्रं 1237609 में जमा राशि 44 हजार, खाता क्रं 1235985 में जमा राशि 10 हजार, खाता क्रं 1237727 में जमा 10 हजार, खाता क्रं 123624 में जमा 27 हजार, खाता क्रं 1235435 में जमा 7 हजार, खाता क्रं 1235315 में जमा 23 हजार तथा खाता क्रं 1235899 में जमा धन राशि 6 हजार, कुल धनराशि एक लाख 52 हजार रूपयें जमाकर्ताओं से जमा करने के लिये प्राप्त कर, डाकघर के लेखे में जमा करना नहीं पाया गया। इस प्रकार आरोपी द्वारा उक्त जमाकर्ताओं के पैसो का गबन किया गया, जिसका प्रकरण पुलिस थाना अन्नपूर्णा में पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी के विरूद्ध उक्त आरोप सिद्ध होने से उसे उक्त दंड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी अति.लोक अभियोजक श्री निर्मल मण्डलोई द्वारा की गई।
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