इन्दौर 25 जून 2015-पुलिस अधीक्षक पश्चिम इन्दौर श्री डी.कल्याण चक्रवर्ती ने बताया कि पुलिस थाना किशनगंज क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.06.15 को सेंधवा इन्दौर फोरलेन पर अज्ञात व्यक्ति के अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर, चारों आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई है।
दिनांक 1 जून 2015 को सेंधवा इन्दौर फोरलेन पर स्थित पुल के नीचे सोनवाय भेसलाय मार्ग पर एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलीं थी, जिसका निरीक्षण करने पर पाया कि, अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मृतक को धारदार हथियार से गले व पेट पर चोट पहॅूचाकर हत्या की गई है। मृतक की शिनाखतगी को छुपाने के आशय से जलाने का प्रयास किया गया था। उपरोक्त धटना पर थाना किशनगंज पर अप.क्र 275/15 धारा 302,201 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा उक्त अज्ञात व्यक्ति की शिनाखतगी एवं उसकी हत्या करने वालो की पतारसी हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। दिनांक 23.6.15 को राजपूत ढावे पर पुलिस द्वारा लगाये गये पम्पलेट को देखकर मृतक के परिवार के लोग थाने पर उपस्थित हुए, जिनके द्वारा अज्ञात लाश के फोटो एवं कपडे देखकर मृतक की शिनाखतगी अविनाश शर्मा पिता राजेन्द्र शर्मा (21) निवासी शिव कालोनी सेन्धवा हाल अग्रसेन चौराहा इन्दौर के रूप मे की गई।
मृतक अविनाश शर्मा के बारे मे जानकारी प्राप्त करते पाया गया कि अविनाश अपने दोस्त हिमांशु जैन के साथ ब्लेजिंग फिल्म एकादमी अग्रसेन चौराह स्थित मोरनी साडी सेन्टर के उपर चतुर्थ मंजिल पर चलाता था, जो विगत तीन माह से बन्द थी। हिमांशु जैन से मृतक का पैसे का लेनेदेन का विवाद सामने आने पर उससे पूछताछ करने पर हत्या मे 1. हिमांशु जैन पिता डॉ महेन्द्र जैन (21) निवासी नवलखा, 2. मुकुल पिता दिनेश राठौर (21) निवासी सेंधवा, 3. लोकश पिता कैलाश राठौर (30) निवासी नौगॉव, 4. पंकंज पिता सूरज राठोर (31) निवासी धार को गिरफतार किया गया एवं धटना मे प्रयुक्त वाहन अल्टो एमपी/09/सीडी/ 5865 एवं आई टवेंटी एमपी/09/सीपी/2400 को जप्त किया गया।
आरोपियो से पूछताछ मे यह जानकारी आई है कि मृतक अविनाश व हिमांशु जैन आपस मे दोस्त है। अविनाश, हिमांशु जैन के नाम से ब्लेजिंग फिल्म एकादमी चलाता था। अविनाश ने अपने चाचा अशोक शर्मा सेकरीब साढे छः लाख रूपये व अपने भाई पंकज शर्मा से करीब तीन लाख रूपये लेकर हिमांशु जैन को दिये थे। फिल्म एकादमी का काम बन्द हो जाने के बाद से अविनाश के पास कोर्इ्र काम नही था। हिमांशु प्रेसिडेंट होटल के पास फुलमुन नामक पब चलाने की तैयारी विगत एक माह से कर रहा था। करीब एक माह से अविनाश के परिवार वाले उस पर पैसे लेने का दबाव बना रहे थे, जो हिमांशु से मांगने पर वह बार-बार टाल रहा था। इस पर अविनाश ने पब में आकर, एक बार विवाद भी किया था। हिमांशु जैन ने यह बात अपने दोस्त मुकुल राठौर को बतायी थी, कि अविनाश उसके पब के काम में परेशानी पैदा कर रहा है। घटना दिनांक को हिमांशु, मुकुल, पंकज व लोकेश रात्रि करीब 12 बजे पब में इकट्ठा होकर, योजना बनायी व अविनाश को पब के मालिक से मिलाने के नाम पर बाहर बुलाया। मुकुल, पंकज व लोकेश अपनी अल्टो कार एम.पी/09 सीडी/5865 में अविनाश को रात्रि 1:00 बजे राजपूत ढाबे पर ले गये। हिमांशु अपनी कार आई-20 एमपी/09/सीपी/2400 में अलग से राजपूत ढाबे में आया। फिर आरोपियों ने मृतक के साथ आई-20 कार में बैठकर शराब पी व फोरलेन पर करीब 2 घंटे घूमते रहे, करीब 4बजे आरोपियों ने अविनाश पर चाकूओं से वार कर उसकी हत्या कर दी। लाश को पुल के नीचे फैंक दिया एवं पेट्रोल से चेहरे को जला दिया एवं पुलिस को गुमराह करने के लिये मृतक का एक मोबाईल ट्रक में फैंक दिया और दूसरे मोबाईल से मृतक के रूम पार्टनर अंकुश को एसएमएस कर दिया कि वह भोपाल जा रहा है। आरोपी मुकुल स्वयं को मानव अधिकार संगठन का बडवानी का प्रभारी बताता है। हिमांशु स्वयं को इंदौर का एवं मृतक अविनाश को संभाग स्तर का उपाध्यक्ष बताता है। मृतक अविनाश व मुकुल का संगठन में पद को लेकर भी विवाद था, जिसकी जॉच की जा रही है।
इस अंधे कत्ल का सुलझाने में श्री अरविन्द तिवारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महू, श्री अरूण कुमार मिश्रा, एसडीओपी महू, श्री राकेश मोदी थाना प्रभारी किशनगंज, उनि अमृतलाल गौरी, सउनि जितेन्द्र मिश्रा, सउनि चेनसिंह, आर. योगेश रघुवंशी, मुकेश नागर, संजय गायकवाड, आदर्श दीक्षित तथा सुभाष का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस उप महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह ने पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।
दिनांक 1 जून 2015 को सेंधवा इन्दौर फोरलेन पर स्थित पुल के नीचे सोनवाय भेसलाय मार्ग पर एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलीं थी, जिसका निरीक्षण करने पर पाया कि, अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मृतक को धारदार हथियार से गले व पेट पर चोट पहॅूचाकर हत्या की गई है। मृतक की शिनाखतगी को छुपाने के आशय से जलाने का प्रयास किया गया था। उपरोक्त धटना पर थाना किशनगंज पर अप.क्र 275/15 धारा 302,201 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा उक्त अज्ञात व्यक्ति की शिनाखतगी एवं उसकी हत्या करने वालो की पतारसी हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। दिनांक 23.6.15 को राजपूत ढावे पर पुलिस द्वारा लगाये गये पम्पलेट को देखकर मृतक के परिवार के लोग थाने पर उपस्थित हुए, जिनके द्वारा अज्ञात लाश के फोटो एवं कपडे देखकर मृतक की शिनाखतगी अविनाश शर्मा पिता राजेन्द्र शर्मा (21) निवासी शिव कालोनी सेन्धवा हाल अग्रसेन चौराहा इन्दौर के रूप मे की गई।
मृतक अविनाश शर्मा के बारे मे जानकारी प्राप्त करते पाया गया कि अविनाश अपने दोस्त हिमांशु जैन के साथ ब्लेजिंग फिल्म एकादमी अग्रसेन चौराह स्थित मोरनी साडी सेन्टर के उपर चतुर्थ मंजिल पर चलाता था, जो विगत तीन माह से बन्द थी। हिमांशु जैन से मृतक का पैसे का लेनेदेन का विवाद सामने आने पर उससे पूछताछ करने पर हत्या मे 1. हिमांशु जैन पिता डॉ महेन्द्र जैन (21) निवासी नवलखा, 2. मुकुल पिता दिनेश राठौर (21) निवासी सेंधवा, 3. लोकश पिता कैलाश राठौर (30) निवासी नौगॉव, 4. पंकंज पिता सूरज राठोर (31) निवासी धार को गिरफतार किया गया एवं धटना मे प्रयुक्त वाहन अल्टो एमपी/09/सीडी/ 5865 एवं आई टवेंटी एमपी/09/सीपी/2400 को जप्त किया गया।
आरोपियो से पूछताछ मे यह जानकारी आई है कि मृतक अविनाश व हिमांशु जैन आपस मे दोस्त है। अविनाश, हिमांशु जैन के नाम से ब्लेजिंग फिल्म एकादमी चलाता था। अविनाश ने अपने चाचा अशोक शर्मा सेकरीब साढे छः लाख रूपये व अपने भाई पंकज शर्मा से करीब तीन लाख रूपये लेकर हिमांशु जैन को दिये थे। फिल्म एकादमी का काम बन्द हो जाने के बाद से अविनाश के पास कोर्इ्र काम नही था। हिमांशु प्रेसिडेंट होटल के पास फुलमुन नामक पब चलाने की तैयारी विगत एक माह से कर रहा था। करीब एक माह से अविनाश के परिवार वाले उस पर पैसे लेने का दबाव बना रहे थे, जो हिमांशु से मांगने पर वह बार-बार टाल रहा था। इस पर अविनाश ने पब में आकर, एक बार विवाद भी किया था। हिमांशु जैन ने यह बात अपने दोस्त मुकुल राठौर को बतायी थी, कि अविनाश उसके पब के काम में परेशानी पैदा कर रहा है। घटना दिनांक को हिमांशु, मुकुल, पंकज व लोकेश रात्रि करीब 12 बजे पब में इकट्ठा होकर, योजना बनायी व अविनाश को पब के मालिक से मिलाने के नाम पर बाहर बुलाया। मुकुल, पंकज व लोकेश अपनी अल्टो कार एम.पी/09 सीडी/5865 में अविनाश को रात्रि 1:00 बजे राजपूत ढाबे पर ले गये। हिमांशु अपनी कार आई-20 एमपी/09/सीपी/2400 में अलग से राजपूत ढाबे में आया। फिर आरोपियों ने मृतक के साथ आई-20 कार में बैठकर शराब पी व फोरलेन पर करीब 2 घंटे घूमते रहे, करीब 4बजे आरोपियों ने अविनाश पर चाकूओं से वार कर उसकी हत्या कर दी। लाश को पुल के नीचे फैंक दिया एवं पेट्रोल से चेहरे को जला दिया एवं पुलिस को गुमराह करने के लिये मृतक का एक मोबाईल ट्रक में फैंक दिया और दूसरे मोबाईल से मृतक के रूम पार्टनर अंकुश को एसएमएस कर दिया कि वह भोपाल जा रहा है। आरोपी मुकुल स्वयं को मानव अधिकार संगठन का बडवानी का प्रभारी बताता है। हिमांशु स्वयं को इंदौर का एवं मृतक अविनाश को संभाग स्तर का उपाध्यक्ष बताता है। मृतक अविनाश व मुकुल का संगठन में पद को लेकर भी विवाद था, जिसकी जॉच की जा रही है।
इस अंधे कत्ल का सुलझाने में श्री अरविन्द तिवारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महू, श्री अरूण कुमार मिश्रा, एसडीओपी महू, श्री राकेश मोदी थाना प्रभारी किशनगंज, उनि अमृतलाल गौरी, सउनि जितेन्द्र मिश्रा, सउनि चेनसिंह, आर. योगेश रघुवंशी, मुकेश नागर, संजय गायकवाड, आदर्श दीक्षित तथा सुभाष का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस उप महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह ने पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।
बांये से दांये मुकुल, लोकेश, हिमांशु तथा पंकज
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