इन्दौर - दिनांक ०७ फरवरी २०११- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्वी क्षेत्र श्री कुमार सौरव ने बताया कि नगर पुलिस अधीक्षक परदेषीपुरा जयवीर सिंह भदौरिया के निर्देषन में थाना प्रभारी परदेषीपुरा संतोष सिंह भदौरिया के नेतृत्व में म.प्र पुलिस की बाल सहायता प्रकोष्ठ और इंदौर चाइल्ड लाइन के संयुक्त तत्वाधान मे एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। जिसमे बच्चो से संबंधित मुद्दो पर कार्यरत समस्त षासकीय एवं गैरषासकीय संगठनो की कार्यषाला दिनांक ०७/०२/२०११ को विषेष किषोर पुलिस इकाई थाना परदेषीपुरा परिसर मे आयोजित की गयी।
बैठक मे उपेक्षित, बीमार एवं विधी विवादित किषोर को उनके पोषण, जीने के संसाधन, सुरक्षा व षिक्षा उपलब्ध कराने हेतु षहर मे संचालित सभी षासकीय एवं गैरषासकीय संगठनो को आमंत्रित कर समन्वय बैठक ली गयी बैठक मे महिला बाल विकास विभाग,बाल श्रम विभाग,बाल सहायता प्रकोष्ठ,चाइल्ड लाइन एवं षहर मे बच्चो के लिए संचालित संस्थाओ के प्रतिनिधियो ने भाग लिया।
बैठक मे इंदौर पुलिस के अधीन कार्यरत एसजेपीयू (विषेष किषोर पुलिस इकाई इंदौर) जो कि यूनीसेफ एवं इंदौर स्कूल ऑफ सोषल वर्क की सहायता से षहर मे संचालित की जा रही हैं की कार्यप्रणाली एवं षासकीय एवं गैर षासकीय संस्थाओ से किस प्रकार तालमेल रखा जावे इसकी जानकारी सदस्यो को दी गई। जे.जे.बी.(बाल सहायता प्रकोष्ठ) एवं सी.डब्लूय.सी.(बाल कल्याण समिती) के बीच समन्वय बनाने हेतु एवं बच्चे को षीघ्र अतिषीघ्र संबंधित संगठन तक कैसे पहुचाया जाए और इसकी पुर्नवास की जानकारी दी गई।
श्री दीपेष चौकसे कार्डीनेटर चाइल्ड लाइन संस्था द्वारा किषोर न्याय अधिनियम २००० (बालको की देख रेख एवं संरक्षण अधिनियम) के प्रावधानो एवं उनके पालन करने की प्रक्रिया से सदस्यो को अवगत कराया गया। बच्चो को उपयुक्त संस्था/स्थान पर पहुचाने के लिए क्या प्रोटोकोल होना चाहिए की जानकारी के साथ ही बच्चो के मेडिकल परीक्षण की प्रकिया को सरल बनाने हेतु प्रस्ताव भेजे जाने हेतु सहमती प्राप्त की गयी।
कार्यषाला मे माननीय न्यायाधीष श्री आर.के. श्रीवास जे.जे.बी. इंदौर, श्री आर.के.सिन्हा महिला बाल विकास अधिकारी इंदौर एवं संस्थाओ के अन्य सदस्यगणो ने भाग लिया। उपरोक्त कार्यषाला के आयोजनकर्ता एवं श्रीमती बीला खरते उप पुलिस अधीक्षक जे.ए.बी. इंदौर ने बताया कि इस कार्यषाला के आयोजन का मुख्य उद्देष्य विधि विवादित/उपेक्षित बच्चो को उनके जीने का अधिकार, पोषण एवं सुरक्षा दिलाने के लिए सक्रिय रूप से सार्थक कदम उठाना है।
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