इन्दौर - दिनांक ०७ नवम्बर २०१०- दिनांक ०१/११/१० को फरियादी हरभगवान पिता तिलकराम वाधवा निवासी भगवानदीन नगर इंदौर ने थाना भवरकुऑ पर सूचना दी कि उसके मोबाईल नंबर पर दिनांक ३१.१०.१० को दोपहर ०२.४३ बजे एक मोबाईल नं. ०७४१५६६८७८२१ से फोन कॉल आया तथा उसने बोला कि वाधवा बोल रहे हो तुम्हारे बेटे विक्की के नाम की मेरी पास सुपारी है उसके आज शाम तक लाष मिलेगी दस दे दे तो छोड देगें । हमने फिल्डिंग कर ली है फिर फरियादी ने उसी नबंर पर ०३.४४ मिनट पर फोन लगाया तो वह फोन बंद आ रहा था फिर उसी नबंर से फरियादी को ०८.१८ मिनट पर शाम को फोन आया व बोला कि पॉच लाख रूपये की सुपारी मेरे पास मुम्बई से आई है दस लाख रूपये तुम दे दो तो छोड दूंगा पॉच घंटे का समय देता हूॅ। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना भवरकुऑ पर अपराध धारा ५०६,५०७,३८६ भादवि का कायम कर विवेचना प्रारंभ की गई।
पुलिस अधीक्षक पष्चिम श्री श्रीनिवास वर्मा ने भी सभी संबंधित लोगो से पूछताछ की तथा आवष्यक निर्देष दिये बाद थाना प्रभारी द्वारा संबंधित मोबाईल नबंर जो कि फर्जी आईडेटिटी के आधार पर लिया गया था उसकी कॉल डिटेल एवं अन्य सूचनाओ के आधार पर करीब २२ लोगो को हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ की गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोजसिंह एवं नगर पुलिस अधीक्षक बिट्टू सहगल के द्वारा प्रकरण कें अनुसंधान की सतत निगरानी की गई तथा सभी संदिग्धों से कडी पूछताछ की गई। थाना प्रभारी भवरकुऑ आनन्द यादव द्वारा प्रकरण के अनुसंधान में आये तथ्यो के आधार पर प्रमुख संदेही हेमंतसिंह चौहान उर्फ विक्की उर्फ राहुल पिता बलवंतसिंह चौहान (२१) निवासी १५८ पचंवटीनगर एरोड्रम रोड इंदौर को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताद की तो वह टूट गया तथा जुर्म स्वीकार कर प्रकरण के घटनाक्रम में अपने साथी आकाष उर्फ अदरक पिता मांगीलाल तंवर (२२) निवासी १८५ पंचवटी नगर इंदौर के साथ मिलकर दीपावली के पूर्व पैसो के लालच में उक्त योजना बनाना बताया। आरोपी हेमंतसिंह चौहान फरियादी हरभगवान वाधवा के व्यवसायी पार्टनर अग्रवालजी के कार्यालय में काम करता था तथा वही पास में हरभगवान वाधवा का भी कार्यालय है कई बार आरोपी किसी न किसी काम से फरियादी के घर आता जाता रहता था। फिल्मो में दिखाये गये तरीकों से प्रेरित होकर आरोपी हेमंत चौहान एवं आकाष उर्फ अदरक द्वारा उक्त योजना बनाई गई थी। इसके अलावा आरोपी हेमंत चौहान द्वारा पेपर में गुमषुदा के विज्ञापन देखकर भी उसमें दिये गये मोबाईल नंबर पर फोन लगाकर ब्लेकमेल कर पैसे वसूलने के कई बार प्रयास किये गये।
प्रकरण में उपयोग में लाई गई सिम ०७४१५६६८७८२१ तथा मोबाईल हैंडसेट आदि आरोपी के निषादेही से पुलिस टीम द्वारा बरामद कर लिया गया है। उक्त समस्त कार्यवाही में थाना प्रभारी आनन्द यादव , सहायक उपनिरीक्षक महेष दुबे एवं बी.एस. सिकरवार, आरक्षक नीरजसिंह , सुरेन्द्रसिंह, प्रदीपसिंह, अनिरूद्वसिंह, रविन्द्रसिंह, राजेष रघुवंषी तथा उमेषसिंह की प्रमुख भूमिका रही है।
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