इन्दौर-दिनांक 07 अप्रेल 2015-पुलिस अधीक्षक पश्चिम इंदौर श्री आबिद खान ने बताया कि इन्दौर पुलिस को लोगो को गुमराह कर, नकली वोटर आईडी कार्ड एवं राशन कार्ड बनाने वाले फर्जी गिरोह को पकड़ने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। पुलिस टीम द्वारा कलेक्टर ऑफिस में दबिश डालकर, वहां से 18 आरोपी गिरफ्तार किया है, जिनसे कई फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पिछले कुछ समय से कलेक्टर ऑफिस में दस्तावेजों की कूट रचना करने वाले गिरोह के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थी, जिसके बारे में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी एवं उप पुलिस महानिरीक्षक शहर श्री राकेश गुप्ता के मध्य चर्चा भी हुई थी। उक्त गिरोह के बारे में पतारसी करने हेतु उप पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता ने क्राइम ब्रांच के अति. पुलिस अधीक्षकगण श्री दिलीप सोनी एवं विनय प्रकाश पाल को निर्देशित किया था। जिस पर इन्होने क्राइम ब्रांच की एक टीम गठित की, टीम को अपने सूचनातंत्र से उक्त गिरोह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुराग मिलें जिनकों तस्दीक करने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले एक बड़े गिरोह के बारे में पता चला, जिसमें कई दलालों के नाम सामने आये जो दलाली लेकर फर्जी वोटर आईडी एवं राशन कार्ड बनाते थे। इन दलालों में अंकित जाधव, राहुल पिता चंदू शिंदे, रवि पिता अनोखेलाल सोने, मोनू उर्फ हेमन्त जाधव, विनोद पिता परसुराम, अमित रेकवार, प्रमोद पिता शंकरराव, लिफ्ट ऑपरेटर गब्बर पिता सीताराम जाधव, कैलाश पिता अमरसिंह देवलिया थे, जिनमें से फर्जी फोटोकापी करने का काम प्रमोद पिता शंकरराव करता था। कम्प्यूटर पर फर्जी वोटर आईडी बनाकर अधिकारियों के हस्ताक्षर की कूट रचना एवं अन्य व्यक्ति की फोटो नकली वोटर आईडी में लगाने का काम कम्प्यूटर ऑपरेटर राहुल कर्णिक, विजय निगवाल, विक्रम चौहान एवं संजय कनोज का होता था। इनकी सहायता के लिये मतदाता सहायता केन्द्र में अनियमित कर्मचारी राजेश श्रीवास जो प्यून का काम करता है, भी दलाली करता था। भू अभिलेख शाखा में पदस्थ अनियमित कर्मचारी हेमन्त पिता सदाशिवराव सांलुके जो प्यून है, ग्राहकों को एकत्रित करना होता था।
इसी प्रकार फर्जी राशन कार्ड बनाने वालों में खाद्य विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में पदस्थ आकाश पिता जगदीश, मनोज पिता पूनमचंद्र तथा मुकेश पिता रामभरोसे के द्वारा फर्जी राशन कार्ड बनाये जाते थे। ये सभी मिलकर ग्राहकों की तलाश करते थे, और लोगो से 800 से 1000 रूपयें में उन्हे फर्जी रूप से राशन कार्ड एंव वोटर आईडी कार्ड बनाकर देते थे। इस तरह यह लोग शासकीय दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी कर लगातार फर्जी दस्तावेजों की कूटरचना कर रहे थे, जिन्हे क्राइम ब्रांच एवं थाना रावजी बाजार की संयुक्त टीम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से 18 लोगों को पकड़ा गया। इनक पास से फर्जी राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड व अन्य दस्तावेज जप्त किये गये।
इस संपूर्ण कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच के निरीक्षक जगदीश गोयल, उनि अभिषेक चौबे, सउनि ओमप्रकाश तिवारी, सउनि नरेन्द्रसिंह गौर, सउनि रोहित डेविड, प्रआर. रमेश योगेश्वर, प्रआर. विजयसिंह चौहान, प्रआर. बलवंतसिंह, प्रआर. भगवानसिंह, आर. श्याम पटेल एवं थाना प्रभारी रावजी बाजार सी.बी.एस. चडार एवं उनके थाने के सउनि एन.के. दुबे, प्रआर. छोटेलाल तथा आर. पारस का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पिछले कुछ समय से कलेक्टर ऑफिस में दस्तावेजों की कूट रचना करने वाले गिरोह के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थी, जिसके बारे में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी एवं उप पुलिस महानिरीक्षक शहर श्री राकेश गुप्ता के मध्य चर्चा भी हुई थी। उक्त गिरोह के बारे में पतारसी करने हेतु उप पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता ने क्राइम ब्रांच के अति. पुलिस अधीक्षकगण श्री दिलीप सोनी एवं विनय प्रकाश पाल को निर्देशित किया था। जिस पर इन्होने क्राइम ब्रांच की एक टीम गठित की, टीम को अपने सूचनातंत्र से उक्त गिरोह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुराग मिलें जिनकों तस्दीक करने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले एक बड़े गिरोह के बारे में पता चला, जिसमें कई दलालों के नाम सामने आये जो दलाली लेकर फर्जी वोटर आईडी एवं राशन कार्ड बनाते थे। इन दलालों में अंकित जाधव, राहुल पिता चंदू शिंदे, रवि पिता अनोखेलाल सोने, मोनू उर्फ हेमन्त जाधव, विनोद पिता परसुराम, अमित रेकवार, प्रमोद पिता शंकरराव, लिफ्ट ऑपरेटर गब्बर पिता सीताराम जाधव, कैलाश पिता अमरसिंह देवलिया थे, जिनमें से फर्जी फोटोकापी करने का काम प्रमोद पिता शंकरराव करता था। कम्प्यूटर पर फर्जी वोटर आईडी बनाकर अधिकारियों के हस्ताक्षर की कूट रचना एवं अन्य व्यक्ति की फोटो नकली वोटर आईडी में लगाने का काम कम्प्यूटर ऑपरेटर राहुल कर्णिक, विजय निगवाल, विक्रम चौहान एवं संजय कनोज का होता था। इनकी सहायता के लिये मतदाता सहायता केन्द्र में अनियमित कर्मचारी राजेश श्रीवास जो प्यून का काम करता है, भी दलाली करता था। भू अभिलेख शाखा में पदस्थ अनियमित कर्मचारी हेमन्त पिता सदाशिवराव सांलुके जो प्यून है, ग्राहकों को एकत्रित करना होता था।
इसी प्रकार फर्जी राशन कार्ड बनाने वालों में खाद्य विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में पदस्थ आकाश पिता जगदीश, मनोज पिता पूनमचंद्र तथा मुकेश पिता रामभरोसे के द्वारा फर्जी राशन कार्ड बनाये जाते थे। ये सभी मिलकर ग्राहकों की तलाश करते थे, और लोगो से 800 से 1000 रूपयें में उन्हे फर्जी रूप से राशन कार्ड एंव वोटर आईडी कार्ड बनाकर देते थे। इस तरह यह लोग शासकीय दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी कर लगातार फर्जी दस्तावेजों की कूटरचना कर रहे थे, जिन्हे क्राइम ब्रांच एवं थाना रावजी बाजार की संयुक्त टीम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से 18 लोगों को पकड़ा गया। इनक पास से फर्जी राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड व अन्य दस्तावेज जप्त किये गये।
इस संपूर्ण कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच के निरीक्षक जगदीश गोयल, उनि अभिषेक चौबे, सउनि ओमप्रकाश तिवारी, सउनि नरेन्द्रसिंह गौर, सउनि रोहित डेविड, प्रआर. रमेश योगेश्वर, प्रआर. विजयसिंह चौहान, प्रआर. बलवंतसिंह, प्रआर. भगवानसिंह, आर. श्याम पटेल एवं थाना प्रभारी रावजी बाजार सी.बी.एस. चडार एवं उनके थाने के सउनि एन.के. दुबे, प्रआर. छोटेलाल तथा आर. पारस का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
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